'राहुल गांधी ने समझदारी दिखाई...', पढ़ें- केसी त्यागी के दावे पर ऐसा क्यों बोले सुशील मोदी

Agenda Aajtak 2023 कार्यक्रम में 'मुहर लगेगी जात पर' डिबेट हुई. इसमें बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी, JDU की तरफ से केसी त्यागी, RLJD के उपेंद्र कुशवाह और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद शामिल हुए.

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एजेंडा आजतक में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर भी बात हुई (Credit: Hardik Chhabra / India Today) एजेंडा आजतक में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर भी बात हुई (Credit: Hardik Chhabra / India Today)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

एजेंडा आजतक में 'मुहर लगेगी जात पर' बात करते हुए गरमागरम बहस हुई. इसमें JDU के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रताप सिंह को घेरा. केसी त्यागी का कहना था कि कांग्रेस अगर इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ती तो नतीजे शायद कुछ और होते.

इंडिया टुडे के इस इवेंट की शुरुआत इसी सवाल से हुई कि क्या अब जात देखकर सीएम बनाए जा रहे हैं? यहां राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुने गए CM का जिक्र किया गया. इसके जवाब में बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा, 'किसी यादव को बीजेपी ने पहली बार सीएम नहीं बनाया है. बाबूलाल गौड़ को बनाया था. वह यादव थे. अब मोहन यादव को चुना गया है. वह तीन बार के विधायक हैं. सिर्फ जात की बात नहीं है. हम कम उम्र के लोगों को आगे लाते हैं. जो आगे 20-30 साल की राजनीति देख सकें.'

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सुशील मोदी ने आगे कहा कि जात के नाम पर वोट मिलता तो जातीय जनगणना की मांग उठा रही कांग्रेस को वोट मिलना चाहिए था. लेकिन लोगों ने भरोसे के आधार पर वोट दिया है.

केसी त्यागी ने कांग्रेस को घेरा

इसके बाद JDU नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर तंज कसा. वह बोले, 'दोष कुछ तेरी निगाहों का भी है, मैं अकेले ही तो गुनहगार नहीं.' वह आगे बोले कि अगर आप लोगों ने इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा होता तो चुनाव के नतीजे कुछ और हो सकते थे. अगर मिलकर लड़ते तो 2024 की लड़ाई और आसान हो जाती.

इसका जवाब देते हुए कांग्रेस से राज्य सभा सांसद अखिलेश प्रताप सिंह बोले कि कांग्रेस कभी जात-पात की बात नहीं करती. सीधे विचारों की लड़ाई है. जो भी बीजेपी, RSS और मोदी के खिलाफ है, उसे मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए.

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सुशील मोदी बोले- राहुल गांधी ने समझदारी दिखाई...

इसपर सुशील मोदी बोले, 'केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस अगर JDU और अखिलेश यादव को साथ लेकर चुनाव लड़ती तो कुछ और परिणाम आता. मुझे लगता है कि राहुल गांधी ने बुद्धिमानी की. अगर इनको साथ लिया होता तो 10 सीट और कम हो जाती. JDU मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ी 10 सीटों पर. कहीं 100, कहीं 200, सिर्फ एक सीट पर दो हजार वोट आए. वहां सीधी लड़ाई बीजेपी-कांग्रेस की थी. कांग्रेस अगर किसी सहयोगी दल को सीट देती तो उसकी जीती हुईं सीट और कम हो जाती.'

आगे जातीय जनगणना पर बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि हम इसके विरोध में नहीं हैं. जिस राज्य को करवानी है करवा सकता है. देश के लिए ऐसी पॉलिसी नहीं हो सकती. ये मुमकिन नहीं हैं. बिहार में कास्ट सर्वे फर्जी रहा. सभी जातियां नाराज हैं. अलग-अलग जाति प्रदर्शन कर रही हैं.

इसका जवाब देते हुए केसी त्यागी ने कहा कि सर्वे में जाति बढ़ा दी या संख्या घटा दी... ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए. ऐसा करना होता तो नीतीश अपनी जाति के लोगों को सबसे ज्यादा बढ़ा देते.

केसी त्यागी ने ये भी कहा कि हमें बीजेपी के जीतने का कांग्रेस से ज्यादा अफसोस है. हमें कांग्रेस की हार कांग्रेस से ज्यादा तकलीफ देती है. क्योंकि हम इंडिया गठबंधन की मां हैं. दाई नहीं. अगर ये गठबंधन होता और जीत जाते तो 2024 की राह आसान होती.

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जाति आधारित जनगणना के पक्ष में बोले उपेंद्र कुशवाह

आखिर में उपेंद्र कुशवाह ने कहा कि मेरी पार्टी जात के आधार पर नहीं खड़ी है. उन्होंने ये भी कहा कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. क्योंकि कई बार राज्यों की सरकारों ने आखिरी जाति आधारित जनगणना 1931 के आधार पर कुछ फैसले लिए हैं. लेकिन जब मामला कोर्ट गया तो कोर्ट ने कहा कि ये आंकड़ा मान्य नहीं है. आज का आंकड़ा लाएं. अब कोर्ट को जवाब देने के लिए सरकारों के पास क्या जवाब है, इसलिए कास्ट सेंसस होना चाहिए.

आगे उपेंद्र कुशवाह से सवाल किया गया कि क्या कभी ऐसी राजनीति होगी, जिसमें जाति की बात ना हो? इसपर कुशवाह ने कहा कि हजारों साल से जो जाति व्यवस्था की वजह से लाभ लेते रहे जब वह ऐसा करना छोड़ देंगे तब जाति की बात बंद हो जाएगी.

कुशवाह से आगे पूछा गया कि क्या आरक्षण के अंदर भी ऐसा वर्ग है जिसने आरक्षण का फायदा सबसे ज्यादा लिया है और वंचित लोग पीछे रह गए हैं? इसपर वह बोले, 'मैं इससे सहमत हूं. बिहार में यही कहा गया था कि जाति की गिनती इसलिए ही जरूरी है कि कौन जात के लोग पीछे छूट गए हैं उनका पता लगेगा. लेकिन अब गिनती हो गई है लेकिन बिहार की सरकार ने इसका लक्ष्य पीछे छोड़ दिया.'

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