Agenda Aajtak 2019: पाकिस्तान तो खुद ही विनाश के रास्ते पर है- जनरल बिपिन रावत

आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने एजेंडा आजतक के मंच पर कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान खुद ही विनाश के रास्ते पर है और उसे नियंत्रण करने के लिए हमें कुछ खास करने की जरूरत नहीं होगी.

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एजेंडा आजतक के मंच पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत  (फोटो: चंद्रदीप कुमार) एजेंडा आजतक के मंच पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत (फोटो: चंद्रदीप कुमार)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:34 PM IST

  • एजेंडा आजतक के मंच पर आए आर्मी चीफ जनरल बि‍पिन रावत

  • उन्होंने कहा पाकिस्तान खुद ही विनाश के रास्ते पर चल रहा है

  • जनरल रावत बोले- अब जंग में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है

भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने एजेंडा आजतक के मंच पर कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान खुद ही विनाश के रास्ते पर है और उसे नियंत्रण करने के लिए हमें कुछ खास करने की जरूरत नहीं होगी.

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भारतीय सेना पाकिस्तान को किस तरह से कंट्रोल करेगी, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा और सीजफायर का उल्लंघन नहीं रुक रहा. इस सवाल के जवाब में जनरल रावत ने यह बात कही.

नई दिल्ली में आयोजित 'एजेंडा आजतक' के मंच पर जनरल बिपिन रावत ने कहा, 'पाकिस्तान तो डीकंट्रोल हो रहा है, ऐसा ही चला तो हमें कुछ करने की जरूरत नहीं होगी. वह तो अपने आप ही नष्ट हो रहा है.'  

अब कुछ दिनों की बात होगी जंग

जनरल रावत ने कहा कि देश बदल रहा है तो अब सेना को भी बदलना होगा. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है तो यह जंग में भी बढ़ेगा. हमें अपने दुश्मनों से एक कदम आगे रहना है. आने वाले दिनों में जीत हासिल करने के लिए बहुत कम समय मिलेगा. जंग कुछ दिनों की बात होगी. वर्षों चलने वाले जंग नहीं होगे. इसकी वजह यह है कि जंग शुरू होते ही संयुक्त राष्ट्र सक्रिय हो जाएगा, प्रतिद्वंद्वी न्यूक्लियर हमले की धमकी देंगे. इसका मतलब यह है कि कम समय में विजय हासिल करनी होगी.

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एलओसी पर पूरी तरह से मुस्तैद

जनरल रावत ने कहा, 'एलओसी पर भी हम अकेले नहीं हैं. सीमा पर बीएसएफ और हम मिलकर काम करते हैं, घुसपैठ को रोकने के लिए इंटेलिजेंस एजेंसीज भी लगातार जानकारी देती हैं कि कहां घुसपैठ हो सकती है.

कश्मीरी अवाम का भी मिलता है सहयोग

इंटेलिजेंस एजेसीज, आर्मी, बीएसएफ और कश्मीर की अवाम भी मिलजुल कर काम करती है. कई बार घुसपैठ होने पर आतंकी जब आंतरिक इलाके में पहुंच जाते हैं तो वहां की अवाम हमें जानकारी देती है और उसके बाद हम जाकर वहां कार्रवाई करते हैं. सिर्फ कुछ चुनींदा लोग भटक गए हैं. ज्यादातर अवाम हमें खबर देती है.'

किस विचार से सेना लेती है प्रेरणा

आखि‍र वह कौन-सी ऐसी विचारधारा है जो अपने कर्तव्य पालन करने पर दृढ़ सकंल्प के साथ आगे बढ़ते रहते हैं. उन्होंने बताया, 'काई भी नौजवान जब अपने ट्रेनिंग सेंटर में जाता है तो उसे यह सीख दी जाती है कि आप जिस भी काम को करने जा रहे हैं उनमें 5 चीज को ध्यान रखना है.

1. नाम यानी देश का नाम, मान और सम्मान कायम रखने के लिए जवान को प्रोत्साहित किया जाता है. 2. नमक यानी हमने इस मातृभूमि का नमक खाया है तो सभी सैनिक इस मातृभूमि के लिए, नमक के लिए जान न्योछावर करने से कभी नहीं हिचकेंगे. 3. निशान, हर रेजीमेंट के पास एक ध्वज होता है जिसका सभी को सम्मान करना होता है. 4. कर्तव्य जिसके तहत यह सलाह दी जाती है कि आप जब भी कोई काम करें तो देश की सुरक्षा और देश का सम्मान ध्यान में रखते हुए कोई काम करें और एक-दूसरे का सम्मान करें. 5. इज्जत यानी हर सैनिक प्रत्येक देशवासी की इज्जत कायम रखेगा.

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ये पांच शब्द सैनिकों के दिमाग में गहराई तक बिठा दिए जाते हैं.' उन्होंने कहा, जब तक भारत के सैनिक इन पांच शब्दों पर अमल करते रखेंगे तब तक भारतीय सेना पर बुरी नजर रखने वालों का नाश करने में कोई समस्या नहीं आएगी.

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