टीवी के पॉपुलर सीरियल 'ससुराल सिमर का-1' में खुशी के किरदार से फेमस होने वाली ज्योत्स्ना चंदोला इन दिनों अपना प्रेग्नेंसी पीरियड एन्जॉय कर रही हैं. अपने आपको खुश रखने के लिए वह इंस्टा रील्स बनाती हैं और अपनी एक्सरसाइस के वीडियोज पोस्ट करती हैं. आज तक के साथ खास बातचीत में ज्योत्स्ना चंदोला ने अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए कहा, "इस वक्त मैं न्यूज वगैरह ज्यादा नहीं देख रही हूं. बस यह है की मैं अपडेटेड रहती हूं कि देश में कहां क्या चल रहा है? मैं कोशिश करती हूं अच्छी-अच्छी चीजें देखूं, बच्चों के फनी वीडियोज देखती हूं. मैं मैडिटेशन करती हूं, योग करती हूं. अगर आप मेरे इंस्टा पोस्ट देखोगे तो बहुत सारे वर्कआउट और योग करते हुए मैं दिखूंगी. मैं इस वक्त बेबी शावर भी नहीं कर सकती. मैंने प्रेग्नेंसी फोटोशूट करवाने का भी सोचा था पर अब वह भी नहीं कर सकती, क्योंकि बाहर सिचुएशन अच्छी नहीं है. मेरे पति नितेश तो हैं जो मेरा ख्याल रख रहे हैं. इस वक्त हमारे घर पर जो हेल्पर है उसे हम अपने यहां डार्जलिंग से ही लेकर आए हैं जो हर समय हमारे साथ ही रहती है, ताकि इस समय हमारा बाहर वालों से कोई इंट्रैक्शन ही न हो पाए. खाने-पीने का ध्यान तो मैं रख ही रही हूं, साथ ही खान-पान को लेकर अपनी गायनेक से भी सलाह लेती हूं."
पिछले साल खो चुकी हैं पिता
17 नवंबर 2020 को अपने पिता के देहांत के बाद ज्योत्स्ना डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं. हालांकि उन्होंने अपने मां बनने की खुशी अपने पिता को उनके जाने से तीन दिन पहले ही दी थी. वह अपने पिता के बेहद करीब थीं और अपने पिता को खोने के बाद वह टूट सी गई थीं. जब उन्हें इस बात का अहसास हुआ की उनके पिता वापस इस दुनिया में आने वाले हैं, तबसे उन्होंने अपना ख्याल रखना शुरू कर दिया. ज्योत्स्ना ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है की ये सारी स्ट्रेंथ मुझे मेरे पापा ही दे रहे हैं. मैंने अपने पापा को 17 नवंबर 2020 को खो दिया था. वह समय मेरे लिए बहुत ही ज्यादा दुखदायक था. मैंने अपनी प्रेग्नेंसी का प्लान भी इसलिए किया, क्योंकि मुझे पता था की पापा की तबियत ठीक नहीं चल रही है और मैं चाहती थी की मेरे पापा जाने से पहले अपने ग्रैंड चाइल्ड को देख लें और उसके साथ खेल लें, लेकिन वह मुमकिन नहीं हो पाया. मुझे पता है की यह थोड़ा इमोशनल है पर अब ऐसा लगता है की मेरे पापा ही मेरे पास वापस आने वाले हैं. यही चीज है जो मुझे अंदर से ताकत दे रही है. रही बात वर्कआउट की तो मैं पहले से ही वर्कआउट में दिलचस्पी रखती थी. मैंने मार्शल आर्ट्स सीखा हुआ है, कैलिस्थेनिक्स मैंने सीखना शुरू किया ही था की ये पेन्डामिक आ गया. बस जो भी मैं करती हूं अपनी गायनेक से पूछकर ही करती हूं, क्योंकि जब भी मैं कोई वर्कआउट के वीडियो इंस्टा पर पोस्ट करती हूं तो मुझे डर भी लगता है कि कहीं कोई प्रेग्नेंट लेडी हमें देखकर इंस्पायर हो जाए. इंस्पायर होना अच्छी बात है. लेकिन इस हालत में जो भी करें अपने गायनेक से पूछकर ही करें.
सोच लिया है बेबी का नाम
ज्योत्स्ना ने अपने दिल की बात बताते हुए कहा की उन्हें बेबी ब्वॉय चाहिए, लेकिन अगर लड़की हुई तो उसे भी वह अपनी पलकों पर बिठाकर रखेंगी. उन्होंने कहा कि नितेश के परिवार में जो मेरे बड़े भइया-भाभी हैं, उन सबकी बेटियां ही हैं तो सबके दिल में है कि एक बेबी ब्वॉय होना चाहिए, लेकिन मेरे लिए तो बस यही है कि जो भी हो लड़की हो या लड़का, हेल्दी हो. मैं अभी कुछ भी इमैजिन नहीं करना चाहती. अभी भी मैं जब भी अपने बच्चे से बात करती हूं तो वह बेबी गर्ल वाली फीलिंग से ही बात करती हूं. रही बात मेरे पापा के आने की तो देखिए वह एक आत्मा है, फिर चाहे वह लड़के के रूप में आएं या लड़की के रूप में, मुझे बस इतना पता है की मेरे पापा ही हैं जो वापस आ रहे हैं और ये चीज मैं इतने विश्वास के साथ इसलिए कह रही हूं, क्योंकि मुझे बहुत सारे हिंट्स मिले हैं. हमने तो अपने बच्चे का निक नाम भी सोच लिया है. हम उसका नाम रखेंगे जोनि, क्योंकि सब मुझे घर पर जो बुलाते हैं और नितेश को मैं नित्स बुलाती हूं तो ज्योत्स्ना और नितेश का जो और नि मिलाकर जोनि.
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ज्योत्स्ना ने आगे कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरा बेबी जून महीने में ही आए, क्योंकि मेरे पापा जून बॉर्न हैं. वैसे तो डिलीवरी जून की ही होगी, क्योंकि अभी मेरा 32 हफ्ता चल रहा है, लेकिन सच कहूं तो मैं लेबर पेन में जाना ही नहीं चाहती हूं. मुझे इन सबमें विश्वास ही नहीं है. मुझे लगता है चाहे वह वेजाइनल डिलीवरी हो या सी सेक्शन, दोनों ही प्रोसेस नेचुरल हैं. जब मैंने अपनी गायनेक से कहा की मुझे सी सेक्शन करवाकर अपने बेबी को बाहर लाना है तो उसने मुझसे यही कहा की शुक्र है आपने मुझसे पूछा वरना लोगों को तो यही लगता है की हम हॉस्पिटल वाले पैसा बनाने के लिए सीजेरियन कराते हैं. उन्होंने बताया की पहले के जमाने में लोग नॉर्मल इसलिए करते थे, क्योंकि टेक्निकली चीजें इतनी नहीं थीं, इसलिए नॉर्मल में बहुत सारे केसेस भी होते थे. अभी हम टेक्निकली स्ट्राॉन्ग हैं. देखिए बताने के लिए तो बहुत लोग मुझे बहुत कुछ बताते हैं जो मेरे अच्छे के लिए ही है, लेकिन अभी फिलहाल मैं अपनी गायनेक, अपनी डायटीशियन और अपने योग ट्रेनर की ही सलाह लेती हूं.
साधना कुमार