'झांसी की रानी' भी हुईं रंगभेद का शिकार, कहा-गोरा होने से कोई अप-मार्केट नहीं होता

झांसी की रानी का किरदार निभाने वालीं उल्का गुप्ता 7 साल की उम्र में रंगभेद का शिकार हो चुकी हैं. एक अखबार के साथ उन्होंने अपनी आपबीती शेयर की.

Advertisement
उल्का गुप्ता उल्का गुप्ता

स्वाति पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

रंगभेद हर जगह, हर देश में व्याप्त है. फिल्म और टीवी इंडस्ट्री भी इससे अछूते नहीं हैं. अक्सर रंगभेद की खबरें आती रहती हैं. ऐसा ही कुछ हुआ है झांसी की रानी उल्का गुप्ता के साथ.

रंगभेद मामले पर प्रेम चोपड़ा ने दी तनिष्ठा चटर्जी को हैरान कर देने वाली सलाह

उल्का झांसी की रानी सीरियल में लीड रोल में थी. उन्होंने एक अखबार से बातचीत के दौरान बताया कि 7 साल की उम्र में उन्हें रंगभेद का शिकार होना पड़ा था.

Advertisement

जब अमेरिका में रंगभेद का शिकार हुईं प्रियंका चोपड़ा!

उल्का ने 7 साल की उम्र में 'रेशम डंक' से छोटे पर्दे पर बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियार की शुरुआत की थी. हालांकि यह शो टीआरपी कम होने की वजह से छह महीने में ही ऑफ एयर चला गया.

'पार्च्ड' फेम तनिष्ठा चटर्जी ने कॉमेडी शो पर उनके सांवले रंग का मजाक उड़ाने पर दिया करारा जवाब

उल्का ने बताया, 'मुझे बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शौक था. लेकिन बहुत छोटी उम्र में ही मुझे इंडस्ट्री के डार्क साइड का पता चल गया. 'रेशम डंक' के खत्म होने के बाद मैं और मेरे पापा ऑडिशंस देने जाते थे. लेकिन उस समय मुझे यह जानकार बड़ी निराशा हुई थी कि प्रोड्यूसर्स गोरी लड़की की तलाश में थे. उनके मुताबिक गोरी लड़कियां अप-मार्केट होती हैं.'

Advertisement

उल्का ने यह भी बताया कि उनके स्किन कलर के कारण उन्हें बहुत बार रिजेक्शन झेलना पड़ा. उन्होंने यह भी बताया कि मेरे कॉम्पलेक्सन के कारण ही मुझे 'सात फेरे' में सलोनी की बेटी का किरदार मिला था. उन्होंने बताया कि मेरे कास्टिंग एजेंट को अब भी प्रोडक्शन हाउस वाले गोरी लड़की लाने के लिए कहते हैं. उल्का कहती हैं, 'मैं अब ऐसे ऑडिशंस में नहीं जाती. गोरा होने से कोई अप मार्केट नहीं दिखता. मैं चाहती हूं मैं अपने टैलेंट से आगे बढूं.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement