19 की उम्र में सिर से उठा पिता का साया, बेचा घर-झेली पैसों की तंगी, कौन है TV का ये सुपरस्टार?

टीवी के सुपरस्टार अर्जुन बिजलानी आज के समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं. रियलिटी शो 'राइज एंड फॉल' जीतने के साथ अर्जुन ने फैन्स का दिल भी जीता है. हाल ही में एक इंटरव्यू में अर्जुन ने अपने मुश्किल दिनों को याद किया.

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अर्जुन बिजलानी का छलका दर्द (Credit: MX Player) अर्जुन बिजलानी का छलका दर्द (Credit: MX Player)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

कई एक्टर्स हैं, जिन्होंने टीवी या फिल्म की दुनिया में बड़ा नाम कमाया है. जमीन से उठकर सुपरस्टार बने हैं. दर्शकों का दिल जीता है. अर्जुन बिजलानी के लिए उनकी जर्नी किसी से अलग नहीं रही. मेहनत और पर्सिस्टेंस से उन्होंने टीवी इंडस्ट्री में अपनी राह बनाई है. आज वो फिल्मों में काम कर रहे हैं. हाल ही में Screen संग बातचीत में अर्जुन ने अपने मुश्किल दिनों को याद किा. बताया कि जब वो 19 साल के थे तो पिता का साया उनके सिर से उठ गया था. 

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स्कूल में कैसे थे अर्जुन?
स्कूल के दिनों को याद करते हुए अर्जुन ने कहा- हम मिडिल क्लास परिवार से आते हैं. मैं उस स्कूल में गया, जहां बड़े घरों के बच्चे पढ़ते थे. हमारा परिवार उतना सक्ष्म नहीं था. मैं स्पोर्ट्स में अच्छा था पर स्टूडेंट एकदम एवरेज था. काफी शैतान बच्चा भी था. मेरे पापा मुझे कन्ट्रोल में रखने के लिए बहुत चीजें करते थे. 

जब मेरा बचपन अच्छी मेमोरीज में जा रहा था तो लाइफ ने एक झटका दिया. मैं कॉलेज के फाइनल ईयर में था. 19 की उम्र में मैंने अपने पिता को खो दिया. परिवार की जिम्मेदारियां मुझपर आ गईं. करीब एक साल तक मैं चीजों को समझ ही नहीं पाया. उस समय घर बेचना पड़ गया. हम मलाड़ में शिफ्ट हुए. मैंने इस जगह के बारे में कभी सुना तक नहीं था. पापा के जाने के बाद मैं टूट गया था. 

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पापा की थी ये ख्वाहिश
पापा चाहते थे कि मैं एमबीए करूं और बिजनेस में जाऊं. मुझे एक्टिंग फील्ड काफी फैसिनेट करती थी. मुझे बहुत सारी चीजों की देखभाल करनी थी. 20 की उम्र के बाद मैंने सोचा कि मॉडलिंग करते हैं. मुझे पैसे भी चाहिए थे. मैं ऑडिशन देने जाता था. 22 साल का था, जब पहला एक्टिंग असाइनमेंट मिला. बालाजी प्रोडक्शन्स का वो प्रोजेक्ट था. वहां से मेरी एक्टिंग की शुरुआत हुई. इस रोल को करके मुझे पैसे मिले. उस समय इंडस्ट्री में आना बहुत मुश्किल होता था. मुझे सिर्फ ये पता होता था कि वहां टेस्ट हो रहा है, ऑडिशन हो रहा है. 

मैं लोगों को फोन करता था और पूछता था कि मैं उस रोल के लिए फिट हूं या नहीं. उस समय एक्टिंग स्कूल्स नहीं होते थे. तो ऑडिशन देकर ही आपका सिलेक्शन होता था. मैं बहुत कुछ सीख रहा था उस समय. स्कूलिंग के साथ स्ट्रगलिंग भी कर रहा था. मैं वैसे तो मेन लीड के लिए ऑडिशन देता था, लेकिन सोचता था कि जो रोल मिल जाए वो कर लूंगा, क्योंकि पैसे चाहिए होते थे. कहीं से तो शुरुआत हो. करीब 2 साल मुझे कुछ खास काम नहीं मिला. मैं एड्स कर रहा था. मेरे परिवार से इस लाइन में कोई नहीं था. मेरी मां सोचती थी कि मैं ये सब क्यों ही कर रहा हूं. 

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मैं जो कुछ भी करता था, तो उसको काटकर उन्हें दिखाता था. वो काफी सपोर्ट करती थीं. मैं उनसे 100 रुपये उधार लेता था और ऑडिशन देने जाता था. मॉडलिंग के दिनों में हम लोग माहिम रहने लगे. मैं ट्रेन लेकर जाता था, स्टूडियो तक पैदल जाता था और फिर ऑडिशन देता था. 

बता दें कि अर्जुन बिजलानी ने रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की फिल्म 'रॉकी रानी की प्रेम कहानी' में कैमियो रोल किया है. वो टीवी इंडस्ट्री के काफी जाने-माने एक्टर्स में शुमार हैं. 

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