Review: नोटबुक की सिंपल कहानी को अच्छी एक्टिंग, सीन्स ने बना दिया बेहतरीन

सलमान खान के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी फिल्म नोटबुक रिलीज हो चुकी है. ये एक रोमांटिक मूवी है जिसमें नए कलाकार रोमांस करते नजर आ रहे हैं. फिल्म के गानों को भी पसंद किया गया.

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प्रनूतन बहल संग जहीर इकबाल प्रनूतन बहल संग जहीर इकबाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST
फिल्म:Romantic
3/5
  • कलाकार :
  • निर्देशक :Nitin Kakkar

सलमान खान के प्रोडक्शन में बनी फिल्म नोटबुक से दो नए कलाकारों ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. नोटबुक एक रोमांटिक फिल्म है जिसके हर सीन को बेहद रोमांटिक अंदाज में पेश किया गया है. ज्यादा वक्त नहीं बीता जब टीनएजर्स किताबों और पन्नों के जरिए इश्क साझा करते थे. अपने-अपने हिस्से का प्यार लिखते थे और पन्नों पर उमेंड़ कर रख देते थे अपने दिल की सारी बात. इस डिजिटल वर्ल्ड में अब इस तरह से प्यार बयां करना मुमकिन नहीं लगता. मगर जिस किसी ने भी अपने जीवन में इस तरह से प्यार बयां किया है, नोटबुक फिल्म उनकी उंगली पकड़ उन्हें उसी दौर में लेकर जाएगी.

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घबराइये मत, ज्यादा पीछे नहीं क्योंकि डिजिटल मीडिया की क्रांति भारत में पिछले एक दशक में ही पनपी है. जब टिंडर पर प्यार ढूंढ़े जाते हैं और फेसबुक पर जताए जाते हैं. नोटबुक की बात करें तो इसके सीन्स काफी रोमांटिक हैं. सीन्स को लेकर फिल्म में काफी काम किया गया है. प्यार के तमाम रंगों को फिल्म के जरिए पेश करने की कोशिश की गई है. फिल्म की कहानी काफी सरल रखी गई है.

फिल्म की शूटिंग कश्मीर में हुई है और झील के बीच में बना ये स्कूल बहुत खूबसूरत लगता है फिल्म, कबीर (जहीर इकबाल ) और फिरदौस (प्रनूतन बहल) की प्रेम कहानी है. फिल्म में ज्यादा रोमांस फिल्माने के चक्कर में एक गलती ये हो गई कि इसमें ड्रामा पीछे छूट गया. किसी भी भारतीय फिल्म में रोमांटिक सीन्स, दर्शक जितना ढूंढ़ते हैं उससे कई ज्यादा वे उस ड्रामे को, ह्यूमर को तलाश करते हैं जो प्यार की कहानी में एक अलगाव की दास्तां बयां करती हो. जुदाई की झल्कियां हों, रिश्तों में कड़वाहट आए और तब जब वापस मिलन होता है, प्यार के नए बीज उगते हैं, रिश्ते की जड़ मजबूत होती है और जीवन में बसंत चहकता है.

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नोटबुक फिल्म प्यार की मासूमियत को सरलता से दिखाती है, मगर जहां प्यार की गहराइयों तक जाने वाली बात है वहां पर फिल्म थोड़ी ढीली नजर आती है.

फिल्म को एक बार देखा जा सकता है. नोटबुक आपको कुछ समय के लिए ताजगी महसूस करा देगी. लंबे समय तक जेहन में रुकने वाली कोई भी बात फिल्म में नहीं है. दोनों एक्टर्स ने अपना रोल बेखूबी प्ले किया है. नोटबुक के डायलॉग्स ठीक हैं. फिल्म का जैसा लहजा है उस हिसाब से इसके गाने भी ठीक हैं.

बता दें कि मूवी का निर्देशक नितिन कक्कड़ ने किया है. नितिन, फिल्मिस्तान और मित्रों जैसी फिल्में बना चुके हैं. अब ये देखने वाली बात होगी कि इस रोमांटिक फिल्म को दर्शक कितना पसंद करते हैं.

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