बॉलीवुड अभिनेता शाइनी आहूजा पर दर्ज किए गए रेप केस के खिलाफ शाइनी ने एक अपील दायर की थी, जिसके सिलसिले में बॉम्बे हाई कोर्ट सुनवाई के आखिरी चरण तक आ पहुंचा है.
सुनवाई के लिए अपील जस्टिस अभय थिप्साय के सामने 8 जनवरी को दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने शाइनी के वकीलों अशोक मुंडार्गी और मनोज मोहिते की दलीलों को सुना. वकीलों का कहना है कि निचली अदालत ने गलत तरीके से अभिनेता को दोषी करार दिया था.
शाइनी पर आरोप था कि साल 2009 में उन्होंने अपनी नौकरानी के साथ बलात्कार किया था. मुंबई के एक कोर्ट ने शाइनी को मार्च 2011 में दोषी करार बताते हुए साढ़े सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी. फिर शाइनी ने 2012 में एक अपील दर्ज कराई और उनके वकील ने जल्दी सुनवाई की मांग की.
हालांकि वो अपील आखिरी सुनवाई के लिए पिछले हफ्ते ही आई है. अपनी अपील में शाइनी ने बताया कि कथित तौर पर विक्टिम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपने बयान से मुकर गई थी और निचली अदालत के जज ने शाइनी को गलत सजा सुना दी.
बचाव पक्ष के वकीलों के अनुसार अभियोजन पक्ष डीएनए और फोरेंसिक जांच पर भरोसा कर रहा था जो कि कमजोर निकलीं. शाइनी का यह भी कहना है कि पुलिस ने नौकरानी के फोन कॉलकी डिटेल्स नहीं निकाली वरना पहले ही पता चल जाता कि उन पर लगाए गए सारे आरोप गलत थे. इसके अलावा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जिनसे शाइनी का बचाव हो सकता था.
दीपिका शर्मा