कितने करोड़ में बनी 'महावतार नरसिम्हा', फिल्म की सक्सेस ने क्या बदला? डायरेक्टर बोले- एनिमेशन की दुनिया...

डायरेक्टर अश्विन कुमार की 'महावतार नरसिम्हा' सिर्फ 16 दिनों में 169 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमा चुकी है. इंडिया टुडे/आजतक संग खास बातचीत में अश्विन कुमार ने इसे बिल्कुल जबरदस्त बताया. साथ ही उन्होंने भारत में एनिमेशन का क्या फ्यूचर बन सकता है, इसपर भी बात की.

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महावतार नरसिम्हा की सक्सेस पर बोले अश्विन कुमार (Photo: Instagram @ashwinkumar, IMDb) महावतार नरसिम्हा की सक्सेस पर बोले अश्विन कुमार (Photo: Instagram @ashwinkumar, IMDb)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:48 AM IST

'महावतार नरसिम्हा' इंडिया में सबसे बड़ी एनिमेटेड फिल्म बन चुकी है. फिल्म की कमाई बॉक्स ऑफिस पर हर हफ्ते पिछले हफ्ते के मुकाबले बेहद शानदार हो रही है. इस खास मौके को फिल्म की पूरी टीम और 'होम्बाले फिल्म्स' भी सेलिब्रेट कर रहा है. अब फिल्म के डायरेक्टर ने इंडिया टुडे/आजतक संग खास बातचीत में फिल्म की सक्सेस पर बात की है.

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ब्लॉकबस्टर बनीं 'महावतार नरसिम्हा', क्या बोले डायरेक्टर?

डायरेक्टर अश्विन कुमार की 'महावतार नरसिम्हा' 16 दिनों में 169 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमा चुकी है. इंडिया टुडे/आजतक संग खास बातचीत में डायरेक्टर ने इसे बिल्कुल जबरदस्त बताया और कहा कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सक्सेस का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है.

उन्होंने कहा, 'जब कोई फिल्म पहले हफ्ते में 100 करोड़ कमाती है, तो ये सच में बड़ा एहसास होता है. सच कहूं तो पता नहीं था कि ये इतना बड़ा होगा. लेकिन जनता ने इसे अपनी आवाज दी, उनके दिल से आवाज आई और एक बार जब विश्वास फिर से जाग जाता है तो इसे कोई रोक नहीं पाता. हम एक ऐसा देश हैं जहां अलग-अलग धर्म और संस्कृति एक साथ रहते हैं, शायद इसी वजह से फिल्म ने लोगों को इतनी गहराई से छुआ है.'

'हमने ऑडियंस को एक अलग और ग्रैंड एनिमेशन का एक्सपीरियंस दिया, जो भारतीय सिनेमा में बहुत कम होता है. भारत में ज्यादातर एनिमेशन फिल्मों को बच्चों की चीज समझा जाता है, लेकिन इस फिल्म ने वो सोच बदली. कुछ हिंसा जरूर है, लेकिन फिल्म किसी भी उम्र के इंसान के लिए एंटरटेनिंग है, इसलिए लोग इसे पसंद कर रहे हैं.'

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इंडिया में एनिमेशन के फ्यूचर पर क्या बोले अश्विन कुमार?

अश्विन कुमार ने आगे इंडियन एनिमेशन इंडस्ट्री के लिए इस फिल्म की सक्सेस की अहमियत पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'इस सक्सेस से कई एनिमेशन फिल्मों के दरवाजे खुलेंगे. प्रोड्यूसर्स और क्रिएटर्स को ये समझने की जरूरत है कि एनिमेशन एक ताकतवर जरिया है. हॉलीवुड, चीन, जापान और कोरिया सालों से यही करते आ रहे हैं. भारत में अब तक दुखद था कि ऐसा कम नहीं हुआ. मुझे उम्मीद है कि प्रोड्यूसर्स एनिमेशन को उसी नजरिए से लेंगे जैसे लाइव एक्शन फिल्मों को लेते आए हैं.'

'महावतार नरसिम्हा' के लिए एनिमेशन ही क्यों चुना गया, इसपर भी डायरेक्टर ने बात की. उन्होंने बताया, 'ऐसी कहानी के लिए एनिमेशन ही सही रास्ता था. लाइव एक्शन में नरसिंह स्वामी के आठ हाथ, विशाल युद्ध और दुनिया के विनाश को कैप्चर करना मुश्किल होता. एनिमेशन में आपकी सोच ही सीमा है और फिल्म में स्टार की जरूरत नहीं है, अगर कहानी जुड़ती है तो लोग आते हैं.'

फिल्म के लिए अश्विन कुमार ने की कितनी मेहनत?

'महावतार नरसिम्हा' एक पैन इंडिया फिल्म है जिसे बनाने में काफी समय लगा. डायरेक्टर अश्विन कुमार के लिए इस फिल्म को पर्दे पर उतारना बिल्कुल आसान नहीं था. उन्हें अपना सबकुछ इस फिल्म को बनाने में झोंकना पड़ा. डायरेक्टर ने कहा, 'मैंने फिल्म को बनाने में अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. फिजीकल, मेंटल, इमोशन, और फाइनेंशियल. मेरे लिए खत्म होना कोई ऑप्शन नहीं था. मैंने कई बार नरसिंह भगवान से ताकत मांगी, उनका आशीर्वाद मिला और मैं आगे बढ़ता रहा.'

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उन्होंने इसी बीच फिल्म के बजट को लेकर उड़ने वाली अफवाहों पर कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि फिल्म 15 करोड़ के बजट में बनी, लेकिन असली बजट 40 करोड़ था, जिसमें मार्केटिंग भी शामिल है. ये दिखाता है कि कम बजट में भी शानदार फिल्म बनाई जा सकती है अगर आपके अंदर लगन हो.'

ऑडियंस के रिएक्शन पर क्या बोले अश्विन कुमार?

डायरेक्टर ने लोगों की तरफ से आने वाले फीडबैक पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'जो फीडबैक लोगों की तरफ से दिल को छू लेने वाला था वो उन लोगों से था जिन्होंने अपना विश्वास खो दिया था. कुछ लोग जो जिंदगी से हार चुके थे. उन्होंने हमें कहा कि इस फिल्म ने उनका विश्वास दोबारा जगाया है. मुझे ये मैसेज कुछ खास बच्चों से मिले हैं जिन्होंने अपनी कहानी सुनाई है. वो कनेक्शन, जिसने लोगों के दिलों को छुआ है, वही इसकी असली सक्सेस है.'

'महावतार नरसिम्हा' एक ऐसे समय पर रिलीज हुई जब थिएटर्स में 'सैयारा' दहाड़ रही थी. और 'सन ऑफ सरदार 2', 'धड़क 2' जैसी फिल्मों का आना बाकी था. ऐसे में उन फिल्मों के बीच अपनी जगह ढूंढ निकालने पर डायरेक्टर ने कहा, 'मेरा मकसद किसी से मुकाबला करना नहीं है. इस फिल्म को बनाने में मेरे प्रोड्यूसर और मेरी पत्नी का पूरा साथ रहा. ये फिल्म अब मेरी नहीं, बल्कि भारत के लोगों की फिल्म है, सभी इसे अपनाएं और ऐसी जगह पर पहुंचाएं जहां इसका हक है.'

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इनपुट: अनीता ब्रिटो

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