फैन ने दिलीप कुमार के जनाजे में जाने के लिए जोड़े थे 10 हजार रुपये, फिर भी मुंबई न जा पाने का अफसोस

56 साल के शेरू को रिक्शा चलाने से जो कमाई होती थी, उससे थोड़े-थोड़े पैसे निकाल कर दस हजार रुपये जोड़ रखे थे. जब भी दिलीप कुमार के अस्पताल में भर्ती होने की खबर आती थी शेरू दिन रात उनकी अच्छी सेहत के लिए दुआएं करते थे. शेरू को यह डर भी सताता था कि कहीं मुंबई से दिलीप कुमार को लेकर बुरी खबर न सुनने को मिल जाए. बुधवार सुबह ऐसा ही हुआ.

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शेरू शेरू

उस्मान चौधरी

  • मेरठ,
  • 07 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST
  • दिलीप कुमार के बहुत बड़े फैन थे शेरू
  • जनाजे में नहीं हो पाए शामिल
  • रिक्शा चलाक ने जोड़े थे 10 हजार रुपये

अदाकारी के बादशाह दिलीप कुमार को दुनिया भर में बेशुमार चाहने वाले हैं. हर कोई यही दुआ करता था कि दिलीप कुमार जिंदगी की सेंचुरी पूरी करें. इनमें मेरठ का एक शख्स भी है, जिसे अपने रिक्शे पर दिलीप कुमार को बिठाने का मौका मिला था. बुधवार सुबह दिलीप कुमार के मुंबई में इंतकाल की खबर मेरठ में रहने वाले रिक्शा चालक शेर मोहम्मद उर्फ शेरू को मिली तो उनका दिल टूट गया.

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दरअसल, 56 साल के शेरू को रिक्शा चलाने से जो कमाई होती थी, उससे थोड़े-थोड़े पैसे निकाल कर दस हजार रुपये जोड़ रखे थे. जब भी दिलीप कुमार के अस्पताल में भर्ती होने की खबर आती थी. शेरू दिन रात उनकी अच्छी सेहत के लिए दुआएं करते थे. शेरू को यह डर भी सताता था कि कहीं मुंबई से दिलीप कुमार को लेकर बुरी खबर न सुनने को मिल जाए. बुधवार सुबह ऐसा ही हुआ. हालांकि, शेरू ने खुद को इसलिए भी तैयार कर रखा था कि जब भी कोई ऐसी बुरी खबर आएगी तो वह खुद हवाई जहाज से मुंबई जाकर दिलीप कुमार के जनाजे में शामिल रहेंगे और उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करते वक्त अपने हाथों से मिट्टी देंगे. इसीलिए शेरू ने दस हजार रुपये जोड़ रखे थे, लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन में शेरू की आर्थिक हालत तंग हो गई. परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए वह दस हजार रुपये खर्च करने पड़ गए.

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मेरठ के राशिद नगर के रहने वाले शेरू को आज इसी बात का अफसोस है कि वह अपने सबसे पसंदीदा शख्स को आखिरी विदाई देने के लिए मुंबई नहीं पहुंच सके. दिलीप कुमार के लिए शेरू की दीवानगी इस हद तक थी कि वह कई बार उनसे मिलने के लिए मुंबई गए. एक बार रिक्शा से ही उनसे मिलने के लिए मेरठ से मुंबई तक का सफर तय किया, क्योंकि वह उन्हें अपने रिक्शे पर एक बार बिठाना चाहते थे. शेरू की मुहब्बत देखकर दिलीप कुमार ने भी उनके रिक्शे की सवारी की.

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शेरू ने कही यह बात
शेरू का कहना है कि जब भी दिलीप साहब उनसे मिले बड़े अपनेपन के साथ मिलते थे. शेरू के मुताबिक उसके परिवार में चार पीढ़ियां दिलीप साहब की अदाकारी और शख्सित की मुरीद रही हैं. पहले शेरू के दादा, फिर पिता, शेरू खुद और अब उसका बेटा भी दिलीप कुमार का प्रशंसक है. शेरू खुद की अच्छी किस्मत मानते है कि उनके दादा और पिता को जिंदगी में कभी दिलीप कुमार से मिलने का मौका नहीं मिला, लेकिन वह खुद कई बार उनसे मिले. शेरू का बेटा भी दिलीप कुमार से मिल चुका है. शेरू के मुताबिक कुछ अर्सा पहले यह अफवाह फैली थी कि दिलीप कुमार दुनिया में नही रहे तो उसके घर में मातम छा गया. बाद में असलियत खुली कि उस वक्त दिलीप कुमार के भाई का इंतकाल हुआ था. दिलीप कुमार को याद करते हुए शेरू ने उनके साथ अपनी कई तस्वीरें भी दिखाईं. शेरू के मुताबिक वह पहली बार दिलीप कुमार से मिलने मुंबई पहुंचे तब उनकी उम्र 84 साल की थी. उस वक्त उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. शेरू फिर अपना रिक्शा लेकर मुंबई पहुंचे. तब दिलीप कुमार से मुलाकात हो गई. शेरू का कहना है कि दिलीप कुमार शेरू का रिक्शा को देखकर इतना खुश हुए कि घर पर खाना भी खिलाया.

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शेरू का कहना है कि उन्होंने सोच रखा था कि जब दिलीप साहब जिंदगी का शतक पूरा करेंगे तो वह फिर रिक्शा लेकर मुंबई जाकर उन्हें मुबारकबाद देंगे, लेकिन शेरू को अफसोस है कि उनकी यह ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाएगी. शेरू का बेटा शेर अहमद भी दिलीप कुमार का पिता जैसा ही बड़ा प्रशंसक है. शेर अहमद का कहना है कि पिता के आज मुंबई नहीं पहुंच पाने का अफसोस है. लेकिन वह जल्दी ही पिता को लेकर दिलीप कुमार की कब्र पर फूल चढ़ाने के लिए जाएगा. 

 

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