अगर किसी प्रोजेक्ट में एस.एस. राजामौली का हाथ लगा है, तो इतना पक्का है कि कुछ बहुत डिफरेंट होने वाला है. 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' के टीजर ने लोगों को एक बार फिर से ये यकीन दिला दिया है. 'बाहुबली' के 10 साल सेलिब्रेट कर रहे राजामौली ने इस इंडियन एपिक के फैन्स को एक तगड़ा सरप्राइज दिया है. 2015 में आई 'बाहुबली' फिल्म की कहानी जिस लीड किरदार अमरेंद्र बाहुबली से शुरू हुई थी, उसकी मौत फिल्म के अंत में हो गई थी.
इस तगड़े किरदार का मरना फैन्स के लिए एक शॉक से कम नहीं था और फिल्म का सीक्वल आने तक लोग एक ही सवाल पूछते फिर रहे थे— 'कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?' मगर अब अमरेंद्र बाहुबली की कहानी एक एनिमेशन फिल्म की शक्ल में लौट रही है. इसी का नाम है 'बाहुबली: द इटरनल वॉर'. ये सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि ऐसा प्रोजेक्ट है जो इंडिया में एनिमेशन फिल्मों का भविष्य बदल सकता है.
मेनस्ट्रीम फिल्मों जितना बजट
इंडियन सिनेमा में एनिमेशन फिल्में अभी कुछ वक्त पहले तक साइडलाइन करके रखी जाती थीं. 2005 में आई 'हनुमान' के बाद से किसी इंडियन एनिमेशन फिल्म को इतनी तगड़ी कामयाबी नहीं मिली थी कि एक जॉनर के तौर पर, एनिमेशन फिल्मों की लाइन लग जाए. इसीलिए ऐसी फिल्मों को पर्याप्त बजट मिलना भी एक स्ट्रगल बन गया था.
लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' का बजट 120 करोड़ रुपये है. ये पॉपुलर मेनस्ट्रीम फिल्मों के बराबर बजट है. एनिमेशन फिल्म पर, मेकर्स अर्का मीडिया वर्क्स की इतनी बड़ी इन्वेस्टमेंट सबूत है कि वो एनिमेशन फिल्म में तगड़ा पोटेंशियल देख रहे हैं, इसलिए इतना खर्च करने को तैयार हैं. इससे एनिमेशन फिल्मों की दुनिया में मेहनत कर रहे दूसरे आर्टिस्ट्स और मेकर्स को भी हिम्मत मिलेगी.
मल्टीवर्स स्टाइल स्टोरीटेलिंग
इंडियन सिनेमा को यूनिवर्स वाला कॉन्सेप्ट फिल्मों में लाए हुए अभी 5-6 साल ही हुए हैं. सेम यूनिवर्स में कई-कई कहानियां लेकर स्पाई-यूनिवर्स और कॉप यूनिवर्स जैसी प्रॉपर्टीज खड़ी हो रही हैं. मगर कॉमिक-बुक फिल्मों के संसार में इस्तेमाल होने वाला मल्टीवर्स का कॉन्सेप्ट अब 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' पहली बार एक्सप्लोर करने जा रही है.
एक यूनिवर्स वो है जहां अमरेंद्र बाहुबली के बेटे, महेंद्र बाहुबली ने भल्लाल देव को हराकर माहिष्मती का सिंहासन संभाला था. मगर 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' की कहानी अमरेंद्र बाहुबली की कहानी है. वो मरने के बाद एक दूसरे संसार का हिस्सा बन चुका है. बाहुबली अब देवताओं और असुरों के संग्राम में अपना युद्ध कौशल दिखाता नजर आएगा. अब कहानी एक नए यूनिवर्स में जा चुकी है यानी मल्टीवर्स में चल रही है. ये एक ही कहानी को कई अलग-अलग लेवल पर एक्सप्लोर करने का ऑप्शन देता है.
इंडियन एनिमेशन सिनेमा का राइज
इसी साल इंडियन एनिमेशन फिल्म 'महावतार नरसिम्हा' को तगड़ी कामयाबी मिली. 40 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 300 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन किया. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये थी कि इसने एनिमेटेड कहानी को 'बच्चों के लिए' वाले स्टाइल में नहीं ट्रीट किया. इसका ट्रीटमेंट वैसा ही था जैसा किसी भी अन्य फिल्म का होता है. अब 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' का टीजर ही बता रहा है कि इसे भी बड़ी ऑडियंस को शानदार सिनेमेटिक एक्सपीरिएंस देने के लिए तैयार किया जा रहा है.
बढ़ेगा बॉक्स ऑफिस साइज
इंडियन बॉक्स ऑफिस किसी फिल्म को कितना कलेक्शन दे सकता है? इसका सटीक आईडिया अभी तक नहीं लगा है. 1429 करोड़ रुपये ग्रॉस कलेक्शन के साथ, अभी तक 'पुष्पा 2' इंडियन बॉक्स ऑफिस पर सबसे बड़ी फिल्म है. उससे पहले डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर 1400 करोड़ ग्रॉस कलेक्शन 'बाहुबली 2' ने किया था. 'पुष्पा 2' से करीब 8 साल पहले. इन दोनों ही फिल्मों की परफॉरमेंस बिना किसी अनुमान आई थी, यानी किसी ने सोचा भी नहीं था कि इंडियन बॉक्स ऑफिस पर इतनी कमाई संभव है.
'महावातार नरसिम्हा' की कामयाबी, जापानी एनिमेशन फिल्म 'डीमन स्लेयर: इनफिनिटी कैसल' का इंडिया में बड़ी हिट बनना, सबूत है कि इंडिया में एनिमेशन फिल्मों की ऑडियंस तो बहुत है. मगर इंडियन एनिमेशन फिल्में इस ऑडियंस को थिएटर्स तक खींच नहीं पा रहीं. अगर 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' जैसे प्रोजेक्ट ये करने में अच्छे से कामयाब हुए, तो वो दिन दूर नहीं है जब इंडियन बॉक्स ऑफिस पर सबसे बड़ी फिल्म, कोई देसी एनिमेशन फिल्म होगी. बस अब इंतजार 2027 का है, जब 'बाहुबली: द इटरनल वॉर' बड़े पर्दे पर आएगी.
सुबोध मिश्रा