सोनम कपूर ने बिना किसी शोर-शराबे के फिल्म 'ब्लाइंड' के साथ पर्दे पर वापसी की है. सिल्वर स्क्रीन के बजाए ये फिल्म जियो सिनेमा पर रिलीज हुई. चार साल बाद किसी फिल्म में सोनम को देखने का मौका दर्शकों को मिल रहा है. अगर आप भी फिल्म 'ब्लाइंड' को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पहले हमारा रिव्यू पढ़ लीजिए.
क्या है फिल्म की कहानी?
'ब्लाइंड' जिया (सोनम कपूर) नाम की एक लड़की की कहानी है. जिया स्कॉटलैंड के ग्लासगो में रहती है और अपने डिपार्टमेंट की बेस्ट पुलिस ऑफिसर है. लेकिन एक रात हुए हादसे के चलते जिया अपने छोटे भाई एडरियन और अपनी आंखों की रोशनी दोनों खो देती है. जिया की जिंदगी अब अंधेरे में चली गई है. वो भाई की मौत का सदमा झेल रही है, साथ ही उसकी नौकरी भी अब उसके पास नहीं है.
एक रात अपनी मां से मिलने गई जिया घर वापस आने के लिए टैक्सी पकड़ती है. लेकिन उसे टैक्सी के बदले एक साइको किलर (पूरब कोहली) मिल जाता है. किलर, खुद को टैक्सी ड्राइवर बताकर जिया को अपनी गाड़ी में बैठाता है. रास्ते में उनके बीच झड़प के बाद जिया किसी तरह उसके चंगुल से बच निकलती है. पुलिस के पास जाने पर जिया को खास फायदा नहीं होता.
पुलिस ऑफिसर पृथ्वी (विनय पाठक) अधूरे मन से जिया की बात मानकर मामले की जांच शुरू करते हैं. लेकिन उन्हें नहीं पता कि जिस किलर को ढूंढ रहे हैं वो खतरनाक होने के साथ-साथ चालाक भी है. जिया और किलर के बीच खींच-तान अब पर्सनल हो चुकी है. दोनों ने एक दूसरे को खत्म करने की कसम खा ली है.
परफॉरमेंस और डायरेक्शन
डायरेक्टर शोम मखीजा ने फिल्म 'ब्लाइंड' को बनाया है. इस फिल्म में उन्होंने अच्छी लोकेशन और लाइट्स तो डालीं लेकिन थ्रिल डालने में कमी कर गए. सस्पेंस और मिस्ट्री से भरी इस फिल्म को देखते हुए आप अंत तक अंधेरे में ही रहते हैं. ना आपको ये बताया जाता है कि साइको किलर के साइको किलर बनने की कहानी क्या है और ना ही इस फिल्म में कोई ऐसा पल आता है जो आपको जोश से भर दे. फिल्म बहुत ही फ्लैट तरीके से आगे बढ़ती है. इसका क्लाइमैक्स भी बहुत दमदार नहीं लगता.
सोनम कपूर ने अपने कम्फर्ट जोन से निकलकर कुछ नया करने की कोशिश की है. उनकी परफॉरमेंस धमाकेदार तो नहीं है, लेकिन उन्हें कुछ अलग करते देख अच्छा लगता है. अपने रोल को उन्होंने ठीकठाक निभाया है. पूरब कोहली के टैलेंट को यहां वेस्ट किया गया है. साइको किलर के रोल में वो डरावने और निर्दयी हैं. लेकिन उनकी बैक स्टोरी और डायलॉग्स की कमी काफी खलती है.
विनय पाठक ने पुलिस इंस्पेक्टर पृथ्वी के रोल को काफी अच्छे से निभाया है. पृथ्वी आलसी है और हमेशा खाता रहता है, लेकिन समय आने पर जिया की मदद भी करता है. शुभम सराफ, लिलेट दुबे और दानिश राजवी ने भी अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है. फिल्म 'ब्लाइंड' की कहानी में काफी दम था, लेकिन इसे डिलीवर करने में नाकामयाब रहे. कुल-मिलाकर ये क्राइम थ्रिलर फिल्म काफी ठंडी है.
पल्लवी