दुर्गम वनों पर खत्म हुआ किस्सा अब भारी कदमों के साथ शुरू हुआ. शुरू हुई दो पहरों की कहानियां. जिलाधिकारी रामपुर अपने दफ्तर में घुसते हैं और वहीं उसी चाल के साथ राजेंद्र नगर का एस्पिरेंट अभिलाष शर्मा फाइनल इंटरव्यू के लिए जाता है. इस बार का अभिलाष डगमगाया नहीं दिखा, इस बार का अभिलाष अपने फैसलों पर चिंतित नहीं है, वो कॉन्फिडेंट है. पांचवे अटेंप्ट तक पहुंचकर वो मंझ चुका है. अभिलाष परिपक्व है. अभिलाष ही इस कहानी का मुख्य किरदार है.
एस्पिरेंट सीजन 2. अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुआ. 5 एपिसोड की कहानी है. कमाल का लेखन और डायरेक्शन दर्शकों का बांधे रखेगा. पिछले सीजन के अनचाहे हीरो संदीप भैया थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. रामपुर के जिलाधिकारी अभिलाष शर्मा को केंद्रित करते हुए यह कहानी दिखाती है एक नए अधिकारी के चैलेंजेस को. ईथेनोल की दौड़ में रामपुर को अव्वल बनाने का प्रयास इस सीजन में दिखाया गया है. कहानी दोस्ती को भी दिखाती है, ऐसी दोस्ती जो कि मदद मांगने से हिचकिचाती है.
किरदार
अभिलाष शर्मा के रूप में नवीन कस्तूरिया, गुरी के रूप में शिवांकित परिहार, श्वेतकेतु यानी एसके हैं अभिलाष थापलियाल, संदीप भैया का किरदार निभा रहे हैं सनी हिंदुजा और नमिता दुबे ने निभाया है धैर्या का किरदार.
कहानी में क्या खास है?
ट्राइपोड यानी तीन दोस्तों की कहानी. अभिलाष, श्वेतकेतु यानी एसके और गुरी. कहानी में गुरी जूतों की एक फर्म चलाता है, जिसका कि फायर डिपार्टमेंट से संबंधित सरकारी टेंडर हर जगह से फेल होता है, वो रामपुर में भी सरकारी टेंडर के लिए एप्लाई करता है, लेकिन निराशा ही हाथ लगती है. रामपुर का डीएम गुरी का दोस्त अभिलाष ही है लेकिन वो मदद नहीं मांगता. गुरी कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट की सोच कर दोस्त से नहीं कहता. वहीं एक और दोस्त भी है जो बिना इतना सोचे डीएम से कहता है कि उसके कोचिंग इंस्टीट्यूट में आकर एक गेस्ट लेक्चर दे दे.
अभिलाष का किरदार कुछ स्वार्थी दिखा. वो एसके को वादा करके भी अपना वादा नहीं निभाता. एसके जो कि एक कोचिंग में पढ़ाता है, वो अपने ही डीएम दोस्त की वजह से अपमानित होता है, क्योंकि डीएम साहब वादा करके भी लेक्चर देने नहीं आए. अबतक की कहानियों में एसके दोस्ती को बचाने की हिमायत करता आया है. लेकिन इस बार वो ठगा सा महसूस कर रहा है. लेकिन इस सीजन के अंत तक गुरी और अभिलाष की दोस्ती अच्छी हो जाती है, वजह शायद यह भी है कि जिस गुरी को कई जिलों में फायर सेफ्टी के जूतों का टेंडर नहीं मिलता उसे रामपुर में मिल जाता है. रामपुर डीएम के पास एक गुमनाम चिट्ठी आती है, जिसकी वजह से डीएम साहब को डायरेक्ट इंवॉल्व होना पड़ता है.
TVF की यह कोशिश पहले सीजन से ही दर्शकों को बांधती आई है. लेकिन इस बार वे तीनों ही और ज्यादा मैच्योर हो चुके हैं. इस सीजन में एक नए किरदार की भी एंट्री हुई है. अभिलाष की राजेंद्र नगर की नई दोस्त के रूप में एंट्री हुई है दीपा की.
पिछले सीजन से क्या अलग है?
जहां सीजन 1 राजेंद्र नगर की तैयारियों पर फोक्स्ड था तो वहीं सीजन-2 रामपुर पर केंद्रित है. इस सीजन में ट्राइपोड में दो किरदारों का झुकाव बदला है. गुरी को लेकर धैर्या (जो कि गुरी की पत्नी है) ने एक अच्छी सोच डेवलप करने की कोशिश की है. जिससे कि अभिलाष का नजरिया भी बदला है. पिछले सीजन में जो अभिलाष संदीप भैया को आइडल मानता था, वो इस बार उन्हीं संदीप भैया की राह में रोड़ा बन रहा है. संदीप भैया के लिए कई मुसीबतें खड़े करने वाले अभिलाष के इरादे भले ही गलत न दिखे हों लेकिन रवैया गलत दिखा.
कहानी में क्या कमी रही?
IRS का इंटरव्यू क्लियर करने के बाद अभिलाष शर्मा का IAS बन जाने की कहानी की इस सीजन में कोई झलक नहीं है. अगले सीजन को लेकर कोई बांधने वाला स्ट्रॉन्ग पॉइंट इस सीजन में नहीं छोड़ा गया है. इस सीजन से लोगों को उम्मीद थी कि पिछले सीजन के गिले शिकवे मिटाते हुए लोग दिखेंगे. लेकिन ऐसा कुछ खास इस सीजन में दिखा नहीं. हालांकि अभिलाष ने सीजन के अंत तक आते-आते धैर्या से माफी मांगी है, जिससे कि अभिलाष का भी एक अच्छा नजरिया दिखा.
एस्पिरेंट सीजन-2 देखने से पहले क्या करना होगा?
TVF की ये दमदार कहानी देखने से पहले आपको सबसे पहले एस्पिरेंट का सीजन 1 देखना होगा जो कि दो साल पहले यूट्यूब पर आया था. इस सीजन की खूबी यह रही कि इससे कई हीरो निकले. हर किरदार ने अपनी पहचान कमाई. इसके चलते TVF ने हर किरदार पर फोकस करते हुए अलग-अलग नाम से अलग वेव सीरीज बनाईं. एस्पिरेंट सीजन-1 के बाद SK सर की क्लास भी आई. जो कि एस्पिरेंट के ही हीरो एसके के टीचर को बड़े पैमाने पर दिखाती है. इसके बाद संदीप भैया को लेकर भी एक सीरीज बनाई गई. जिसमें कि राजेंद्र नगर के बाद उनके प्रयागराज के किस्सों को दर्शाया गया है. एस्पिरेंट सीजन-2 देखने से पहले आपको यह तीनों सीरीज देखनी होंगी, तभी आप इस सीजन से कनेक्ट कर पाएंगे.
सत्यम बघेल