मौत से पहले चमकीला-धर्मेंद्र के कजिन को किया था आगाह, योगराज ने भिंडरावाले से की थी मुलाकात

योगराज सिंह ने चौंकाने वाले दावे किए हैं. उन्होंने बताया कि पंजाब में जब आर्टिस्ट को लेकर उथल-पुथल की स्थित थी तब वो भिंडरावाले से मिले थे. उन्होंने खुद योगराज को सुरक्षा दिलवाई थी. वहीं योगराज ने बताया कि उन्होंने वीरेंद्र देओल और अमर सिंह चमकीला से मुलाकात कर वॉर्निंग भी दी थी.

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भिंडरावाले ने ली थी योगराज की सुरक्षा की जिम्मेदारी (Photo: Screengrab) भिंडरावाले ने ली थी योगराज की सुरक्षा की जिम्मेदारी (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST

एक्टर योगराज सिंह दावा किया है कि 1980 के उथल-पुथल भरे दौर में वो अकेले पंजाबी फिल्म एक्टर थे जिन्हें काम करने की अनुमति मिली हुई थी. उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात सिख उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले से हुई थी, जिन्होंने उन्हें सुरक्षा देने का वादा किया था. उस समय पंजाब में कला जगत से जुड़े कई प्रमुख लोगों को निशाना बनाया जा रहा था. 

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धर्मेंद्र के चचेरे भाई की मौत से पहले मिले थे योगराज

योगराज ने यह भी बताया कि उन्होंने मशहूर गायक अमर सिंह चमकिला को चेतावनी दी थी कि वो सावधान रहें, क्योंकि उनके 'बोल्ड और विवादित गानों' की वजह से वे निशाने पर आ गए थे. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मुलाकात धर्मेंद्र देओल के चचेरे भाई एक्टर वीरेंद्र से उनकी मौत के सिर्फ तीन दिन पहले हुई थी.

योगराज ने हालांकि इसका जिक्र तो नहीं किया कि चमकिला और वीरेंद्र की हत्या किसने की, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि भिंडरावाले उनके (योगराज के) सेट पर अपने आदमी भेजते थे, ताकि कोई उन पर हमला न कर सके. वीरेंद्र उस समय के सबसे बड़े पंजाबी सितारे थे, और वे उसी साल मारे गए जब चमकिला और उनकी पत्नी अमरजोत की 1988 में महेसामपुर गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

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भिंडरावाले ने दी थी सुरक्षा

अनटोल्ड पंजाब से बातचीत में योगराज ने बताया कि उनकी भिंडरावाले से कैसी मुलाकात हुई थी. साथ ही कहा कि वीरेंद्र और चमकिला से क्या बातचीत की थी. योगराज ने कहा, “मैं उनसे (भिंडरावाले) मिलने गया था. वो बहुत शांत और नरम स्वभाव के व्यक्ति थे. उन्होंने मुझे दूध का एक बड़ा गिलास दिया. मुझे आज तक याद है. मैंने पूछा, ‘की हुकम?’ (क्या आदेश है?), तो उन्होंने कहा कि तुम्हारा काम अलग है, जाओ.” योगराज ने बताया कि इसके बाद उनके शूटिंग सेट पर सशस्त्र लोग उन्हें सुरक्षा देने आते थे.

चमकीला और वीरेंद्र को किया था आगाह

योगराज कहा, “मेरे आस-पास 20-25 हथियारबंद लोग रहते थे. मैं पूरी तरह सुरक्षित था. कोई मुझे छू भी नहीं सकता था. उस समय पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में केवल मैं ही काम कर रहा था. मेहर मित्तल की जान को खतरा था क्योंकि वे बहुत खुलकर बोलते थे. वीरेंद्र की मौत से तीन दिन पहले मैंने उनसे कहा था, ‘पाजी, शूटिंग टाल दो.’ और फिर था चमकिला- बहुत बड़ा गायक. मेरी एक फिल्म में उसके गाने थे, जो मुझे पसंद नहीं आए. मुझे कहा गया कि उसके साथ काम मत करो. मैंने माफी मांगी और खुद चमकिला को समझाया कि सावधान रहो. उसने कहा, ‘मुझे मारने की किसी को क्या जरूरत है?’”

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योगराज ने कहा कि उन्होंने चमकिला को बताया कि “यह बात किसी के तुम्हें मारना चाहने की नहीं है, बल्कि अपनी संस्कृति की पवित्रता बचाने की है.”

मालूम हो कि योगराज सिंह क्रेकेटर युवराज सिंह के पिता हैं. वो क्रिकेटर कोच के साथ-साथ एक्टर भी रहे हैं. उन्होंने भाग मिल्खा भाग, बीबी रजनी, सिंह इज ब्लिंग, चंडीगढ़ करे आशिकी, अपने घर बेगाने जैसी कई फिल्में की हैं.

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