'गली बॉय', 'डार्लिंग्स', 'दहाड़' जैसी प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले विजय वर्मा हाल ही में रिया चक्रवर्ती के टॉक शो में आए. डिप्रेशन, एंग्जाइटी, स्ट्रगल, पर्सनल लाइफ, रिलेशनशिप, हर चीज पर विजय ने खुलकर बात की. विजय ने बताया कि उन्होंने काफी सारे कोर्सेस किए, जिससे वो पैसा कमा सकें. एक्टिंग में आने के लिए भी उन्होंने काफी सारे रास्ते अपनाए. सिम कार्ड्स तक बेचे जो कि काफी टैक्सिंग जॉब थी. सारे काम करते-करते विजय को अहसास हुआ कि एक्टिंग ही उनका असली पैशन है.
विजय ने बेचे सिम कार्ड्स
रिया चक्रवर्ती से विजय ने कहा- मैंने करीब 5 अलग-अलग तरह के कोर्स किए. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, इवेंट मैनेजमेंट का भी कोर्स किया. मैंने बी कॉम किया, उसके बाद काफी चीजें कीं, लेकिन कुछ क्लिक नहीं हुआ. मैंने 3 महीने कॉल सेंटर में ट्रेनिंग ली. फिर छोड़ दी. मैंने मोबाइल कंपनी के लिए काम किया. मैं सिम कार्ड्स बेचने लगा.
ये सब करने के लिए मैं करीब 30-40 किलोमीटर बाइक चलाकर जाता था. फिर चाहे कोई भी वेदर क्यों न हो. मैं एक मारवाड़ी परिवार से आता हूं, जहां मुझे एक बेटी की तरह नजाकत से पाला गया है. ये सब काम जब मैं कर रहा था तो मेरे लिए ये काफी टफ था. मेरे ऊपर 4 सेल्स का टारगेट था, लेकिन मैं तीन ही करके लौट पाता था. बॉस मेरे से पूछता था कि चौथी सेल क्यों नहीं की. मुझे बहुत बुरा लगता था. मैंने एक दिन उनसे कहा कि मैं एक दिन आपके शोरूम पर अपनी फोटो लगाऊंगा. इस ब्रैंड का एम्बेस्डर बनूंगा. आज हूं.
विजय ने लिया एक्टिंग में एडमीशन
फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में विजय ने दाखिला लिया. पहली बारी में वो सिलेक्ट नहीं हो पाए. एक साल हैदराबाद में विजय ने थियटर किया. और जब मैंने पहली बार पहले शो के लिए स्टेज पर अपना पैर रखा तो तालियां बजने लगीं. लोग हंसने लगे. मैंने सोचा कि ये अच्छा है. मुझे अच्छा लगा. सोचा कि मुझे ये करना था. मैं थियटर करता रहा. परिवार से छिपकर. कॉलेज जा रहा हूं बोलकर थियटर चला जाता था.
वर्कफ्रंट की बात करें तो विजय को आखिरी बार नेटफ्लिक्स की फिल्म 'IC814' में देखा गया था. ये एक क्राइम थ्रिलर फिल्म थी. इसमें नसीरुद्दीन शाह, अरविंद स्वामी और दीया मिर्जा भी लीड रोल में नजर आए थे. अभी के लिए विजय के पास दो और फिल्में हैं, जिनपर वो काम कर रहे हैं.
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