विवादों और कानूनी लड़ाई के लंबे सिलसिले के बाद आज आखिरकार 'उदयपुर फाइल्स' पूरे भारत में सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. ये फिल्म 2022 में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है, जिसने देशभर को हिला कर रख दिया था. शुरुआत में जब फिल्म का टीजर आया, तो कन्हैयालाल के परिवार ने आपत्ति जताई और राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसके चलते फिल्म पर अस्थायी स्टे लगा गया था.
रिलीज हुई फिल्म 'उदयपुर फाइल्स'
कन्हैया लाल के परिवार का कहना था कि इस फिल्म से उन्हें मानसिक पीड़ा हो रही है और इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है. लेकिन जुलाई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए स्टे हटा दिया कि किसी सच्ची घटना पर फिल्म बनाना अवैध नहीं है, जब तक वह संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन न करे. इसके बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी के साथ 8 अगस्त 2025 को रिलीज किया गया.
रिलीज के पहले दिन ही दर्शकों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी. दर्शकों का कहना है कि यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सच का आईना है जिसे हर हिंदुस्तानी को देखना चाहिए. लोगों ने एक सुर में कहा- 'कन्हैया लाल को न्याय मिलना चाहिए, और इस फिल्म ने उस आवाज को मजबूत किया है.'
फिल्म देखने के बाद ऑडियंस हुई भावुक
कई दर्शकों ने यह भी कहा कि उन्होंने पहली बार उस दर्द को महसूस किया, जो सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि पूरे समाज की चुप्पी का नतीजा था. इस फिल्म ने उन्हें सच्चाई से रूबरू कराया और कन्हैया लाल की मौत को केवल एक खबर न मानकर एक इंसान की पीड़ा के रूप में देखने की नजर दी. फिल्म में नफरत, धार्मिक कट्टरता और सोशल मीडिया की भूमिका को बारीकी से दिखाया गया है. लोगों का मानना है कि यह फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अगर समाज चुप रहा, तो अगला शिकार कोई और हो सकता है.
क्या है पिक्चर की कहानी?
फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की कहानी साल 2022 में हुए कन्हैया लाल के मर्डर पर आधारित है. कन्हैया लाल, राजस्थान के उदयपुर में रहने वाले एक दर्जी थे, जिनकी दिन दहाड़े दो लोगों ने हत्या कर दी थी. बताया जाता है कि दोनों कातिल कन्हैया के भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के सपोर्ट में किए एक सोशल मीडिया पोस्ट से नाराज थे. ये मामले के चलते देशभर में हंगामा हुआ था. फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' को डायरेक्टर भरत एस श्रीनेत और जयंत सिन्हा ने बनाया है. पिक्चर के प्रोड्यूसर अमित जानी हैं.
रिदम जैन