बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और जीशान अयूब स्टारर वेब सीरीज तांडव पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अमेजन प्राइम की वेब सीरीज तांडव में जीशान अयूब ने एक सीक्वेंस प्ले किया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है. लेकिन सवाल ये है कि क्या जीशान अयूब पर गुस्से की वजह सिर्फ तांडव है?
तांडव के एक सीन पर हंगामा मचा है. इस सीन के मेन हीरो हैं जीशान अयूब, जो बॉलीवुड में लंबे वक्त से काम कर रहे हैं और शानदार एक्टर हैं. लेकिन तांडव के जिस सीन पर बवाल है, उसकी नाराजगी जीशान अयूब भी झेल रहे हैं. तांडव के मेकर्स ने कास्ट की तरफ से माफी भी मांगी है. सीन हटाए जाने की बात भी हो रही है. लेकिन खुद सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले जीशान अयूब ने ऐसे किसी पोस्ट को रिट्वीट तक नहीं किया है.
एक इंटरव्यू में जब जीशान से पूछा गया था कि क्या उनका बेबाक होना और राजनीतिक समझ रखना उनके काम को प्रभावित करता है तो जवाब में जीशान ने कहा था कि कुछ लोग हैं जो डरे हुए हैं. वो नहीं चाहते हैं कि मैं प्रमोशन्स में मौजूद रहूं क्योंकि उन्हें लगता है कि बिना बात की कॉन्ट्रोवर्सी हो जाएगी इस आदमी के चेहरे के साथ. सवाल उठता है कि जीशान के सीन को लेकर विवाद भी क्या उनकी राजनीतिक समझ और बेबाकी का नतीजा है?
कौन हैं जीशान अयूब?
मोहम्मद जीशान बॉलीवुड फिल्मों के वो दिग्गज अभिनेता हैं जिन्होंने छलांग, आर्टिकल-15, तनु वेड्स मनु, मिशन मंगल और रईस जैसी फिल्मों में कमाल का काम किया. हालांकि एक एक्टर होने से इतर उनकी एक पहचान ये भी है कि वो दिल्ली में पले-बड़े हैं और राजनीतिक आबोहवा को अच्छी तरह समझते हैं. दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर चुके जीशान बहुत मुखर हैं और देश के हर चर्चित मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. उनकी पत्नी रसिका अगाशे एक्टर और डायरेक्टर हैं और वह भी जीशान की तरह खुलकर बोलती हैं.
सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर बोलते हैं
जीशान अयूब की एक बड़ी पहचान इस वजह से भी है कि वह वर्तमान सरकार के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखते हैं. तनिष्क विज्ञापन पर उठा विवाद हो या हिंदू-मुस्लिम मुद्दा, शाहीन बाग पर मचा घमासान हो या जामिया में पुलिस की घुसपैठ. जीशान सरकार के खिलाफ खुले तौर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं और यही वजह है कि जीशान न सिर्फ केंद्र सरकार के समर्थकों बल्कि तमाम हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर रहे हैं. जीशान द्वारा उमर खालिद का एक ट्वीट रीट्वीट करना काफी चर्चा में रहा था जबकि तांडव विवाद पर मेकर्स द्वारा माफी मांगे जाने का एक भी ट्वीट उन्होंने रीट्वीट नहीं किया है.
खुद को बतौर एक्टिविस्ट कैसे देखते हैं जीशान
जीशान खुद को सिर्फ एक कलाकार नहीं मानते बल्कि वो खुद को एक एक्टिविस्ट के तौर पर देखते हैं. छात्र राजनीति हो या फिर देश की राजनीति, जीशान ने हमेशा ही अपने विचार खुलकर रखे हैं. वह कई बार इस तरह के एक्टिविज्म का हिस्सा भी बनते रहे हैं जिनकी तस्वीरें और वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए है. जामिया विवाद के समय और शाहीन बाग विवाद के समय जीशान ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए थे जिसमें उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा तादाद में जमा होने की अपील की थी.
जीशान के विवादित बयान, स्ट्रीट प्ले के सहारे मैं सरकार पर उठाए सवाल
जीशान ने पिछले साल जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई पुलिस हिंसा का विरोध जताया था. इसके अलावा वे सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए कई प्रदर्शनों में हिस्सा ले चुके हैं. वे किसानों को समर्थन करने के लिए सिंघु बॉर्डर भी जा चुके हैं. उन्होंने सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट्स के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी में जाकर कहा था कि ये सरकार छात्रों, किताबों और लाइब्रेरी से घबराती है. वे यूपी के लव जिहाद कानून को लेकर भी तीखी प्रतिक्रियाएं दे चुके हैं. सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ लगातार प्रदर्शनों के चलते ही वे कुछ हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर हैं. जीशान ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ बीजेपी विरोधी हूं. जब मैं कॉलेज में था तो कांग्रेस की गलत नीतियों के खिलाफ भी हमने आवाज उठाई थी. जब मैं फिल्मों में नहीं था तब स्ट्रीट प्ले के सहारे मैं सरकार की गलत नीतियों के बारे में बोलता था. एक आर्टिस्ट के तौर पर हमारा फर्ज बनता है कि हम सत्ताधारियों को आईना दिखाएं. लोगों को लगता है कि हम आर्टिस्ट्स हैं तो हमारा कोई मतलब नहीं है पॉलिटिक्स के बारे में बात करने का, लेकिन मेरा मानना है कि आर्ट कहीं बाहर की चीज नहीं है. आर्ट हमारी आम जिंदगी से ही निकल कर आता है.
जब जीशान ने कहा- मैं पॉलिटिकली एक्टिव रहना पसंद करता हूं
जीशान कहते हैं कि इंडस्ट्री में लोगों को डर है कि अपनी पॉलिटिकल विचारधारा के बारे में बात करने से बचना चाहिए, इसका एक कारण ये भी है कि बॉलीवुड के लोगों का काफी पैसा भी लगा होता है और वे शायद देश के हालात को देखते हुए सही भी हो सकते हैं लेकिन मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. पॉलिटिकली एक्टिव रहना पसंद करता हूं. जीशान ने अपनी विचारधारा के बारे में बात करते हुए कहा था कि मैं सोशलिस्ट यानि समाजवादी विचारधारा में ज्यादा यकीन रखता हूं. मैं अपने आपको पूरी तरह से वामपंथी विचारधारा का समर्थक नहीं कह सकता हूं. मेरे इस विचारधारा से कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन मैं वामपंथ को दक्षिणपंथी विचारधारा के ऊपर प्राथमिकता देना पसंद करूंगा. दिल जहां पर होता है मैं वहीं हूं यानि सेंटर के लेफ्ट में.
एक्टिविस्ट होने का भुगता खामियाजा
अपने एक्टिविज्म के बारे में एक इंटरव्यू में जीशान ने कहा, "मैं हमेशा से बेबाक होकर अपनी बातें कहता रहा हूं, लेकिन लोग अब नोटिस कर रहे हैं क्योंकि अपने फेम के साथ एक अभिनेता ऊपर उठ जाता है. लेकिन साथ ही आपके एक्टिविज्म का ग्राफ भी ऊपर जाता है. लेकिन मैं हमेशा से ये बात जानता था कि एक दिन मुझे मेरे बेबाकपन की कीमत चुकानी होगी." जीशान ने कहा था कि कुछ काम डेफिनेटली छूट रहे हैं लेकिन कुछ लोग हैं जो मेरे एक्टिविज्म की वजह से मुझे काम नहीं देते हैं. बेहतर ये है कि मैं वैसा काम करूं ही नहीं.
एक्टर ने कहा कि निर्भर ये करता है कि आप किन लोगों के साथ काम कर रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि आप एक कलाकार को उसके अभिनय की वजह से चुनते हैं न कि उसके राजनीतिक दृष्टिकोण की वजह से. जब तक ऐसे लोग हैं मेरा काम चलता रहेगा.
जब जीशान अयूब की पत्नी ने कहा था- मैं हिंदू हूं और शर्मिंदा हूं
जीशान अयूब की तरह उनकी पत्नी भी इन मामलों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करती हैं. जीशान की पत्नी उस वक्त काफी चर्चा में रही थीं जब उन्होंने कहा था कि वह एक हिंदू हैं और शर्मिंदा हैं. बात CAA NRC प्रोटेस्ट के वक्त की है जब जीशान की पत्नी डायरेक्टर-एक्टर रसिका अगाशे ने कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान पहुंचकर भीड़ के सामने कहा कि मैं जीशान अयूब की बीवी हूं, मैं हिंदू हूं और मैं शर्मिंदा हूं.
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