'उन्हें मिलते कई ऑस्कर अगर...', क्यों बोले श्रीदेवी के को-स्टार आदिल हुसैन?

साल 2012 में आई फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में श्रीदेवी के पति बने पाकिस्तानी एक्टर आदिल हुसैन ने हाल ही में उनकी एक्टिंग टैलेंट और सादगी की जमकर तारीफ की. आदिल ने कहा कि श्रीदेवी के टैलेंट को सही कद्र नहीं मिली. अगर उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट मिलती तो वो कई ऑस्कर जीत सकती थीं.

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श्रीदेवी, आदिल हुसैन श्रीदेवी, आदिल हुसैन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:30 PM IST

अपने पांच दशक के करियर में दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी ने हर तरह के रोल किए. उनकी मासूमियत ने करोड़ों लोगों का दिल जीता. उनकी एक्टिंग का चार्म ऐसा था कि कैमरे पर आते ही श्रीदेवी सीधा लोगों मन में बस जातीं. एक्ट्रेस का ऐसा ही कुछ असर उनके इंग्लिश विंग्लिश के को-स्टार आदिल हुसैन पर हुआ था. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में आदिल ने कहा कि श्रीदेवी को ऑस्कर मिल सकता था. 

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श्रीदेवी के टैलेंट के कायल आदिल

साल 2012 में आई फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में श्रीदेवी के पति बने आदिल हुसैन ने हाल ही में उनके एक्टिंग टैलेंट और सादगी की जमकर तारीफ की. फिल्म का एक सीन था, जहां आदिल अपनी एक कलीग से गले लगते हुए मिलते हैं. सीन के मुताबिक श्रीदेवी को ये अजीब लगता है. और इस पर दोनों के बीच बात होती है. आदिल के गले लगने पर श्रीदेवी उनसे पूछती हैं कि- 'इतने टाइट से ऑफिसवालों के गले लगते हो?' इस पर आदिल कहते हैं- 'ये सिर्फ एक 'हग' था शशि'. 

श्रीदेवी यानी शशि फिर पूछती हैं- 'बहुत करीब हो तुम दोनों?' इस पर आदिल यानी सतीश कहते हैं- ये सिर्फ एक तरीका है हाय-हैलो बोलने का, इससे करीबी रिश्ता नहीं बनता है. सतीश की इस बात पर शशि कहती हैं, 'हमारा तो करीबी रिश्ता नहीं है, इसलिए हम हग नहीं करते हैं ना?' आदिल कहते हैं कि श्रीदेवी ने इस एक सीन में अपने सारे रंग दिखा दिए थे. ईमानदारी, भोलापन, मासूमियत, जिज्ञासा, और अधिक करने और बेहतर जानने की इच्छा, श्रीदेवी ने इतने बेहतर तरीके से दिखाया कि कोई और इसे नहीं कर सकता था. 

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श्रीदेवी जीत जातीं ऑस्कर

आदिल ने कहा- श्रीदेवी के टैलेंट का कभी कोई सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाया. जिस तरह की स्क्रिप्ट्स उन्हें मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिली. सोचिए अगर उन्हें Meryl Streep जैसी फिल्में मिलती तो... हमारी फिल्म इंडस्ट्री की यही ट्रैजेडी है. स्क्रिप्ट राइटिंग को हमेशा निचले दर्जे पर देखा जाता है. मैं हमेशा फील करता हूं कि अगर उनके टैलेंट और डेडीकेशन को देखकर उन्हें स्क्रिप्ट दी जाती तो वो कई ऑस्कर जीत सकती थीं. उनके अंदर वो टैलेंट था, वो सच्चाई थी. 

आदिल ने आगे कहा- जब मैं उनसे मिला था, मैंने सिर्फ दो फिल्में की थी. मैंने उन्हें देखा और कहा- मैंने सदमा देखी थी. उसे देखने के बाद मैं कुछ खा नहीं पाया था. वो फिल्म इतनी दिल छू लेने वाली थी कि मैं स्वाद भूल गया था. मैं उदास आंखो से उस मूवी को देख रहा था. मैंने रियलाइज किया था कि वो कितनी बेहतरीन अदाकारा हैं. उनकी एक्टिंग में कितनी सच्चाई है.

 

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