रामलीला में काम करता था एक्टर, मिर्जापुर का मकबूल बनकर मिली शोहरत, अब पठान में दिखाई दमदार एक्टिंग

'पठान' में लीड एक्टर्स के अलावा सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी काफी अच्छा काम किया है. इन्हीं में से एक शाजी चौधरी हैं. फिल्म में उन्होंने एक शोल्जर राजा की भूमिका निभाई है. छोटे से रोल में शाजी ने इंप्रेसिव काम किया है.

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शाहरुख खान, शाजी चौधरी शाहरुख खान, शाजी चौधरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 26 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:06 PM IST

शाहरुख खान के फैंस के लिए 'पठान' रिलीज की त्यौहार से कम नहीं है. आम जनता हो या सेलेब्स हर किसी की जुबान से 'पठान' का नाम सुनाई दे रहा हैं. वैसे बॉलीवुड बादशाह शाहरुख खान की फिल्म के लिए ऐसा क्रेज बनता है. है ना? ठीक है. आप फिल्म देख कर शाहरुख खान पर प्यार बरसाइए. इस बीच हम आपको 'पठान' के राजा (शाजी चौधरी) की कहानी भी बता देते हैं. जिन्होंने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए कई छोटे-मोटे रोल किए हैं. तब जाकर अब उन्हें इतनी बड़ी फिल्म में काम करने का मौका मिला है. 

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रामलीला से शुरू की एक्टिंग 
'पठान' और फिल्म के लीड स्टार्स की तारीफ में पहले से ही बहुत कुछ लिखा-पढ़ा जा चुका है. इसलिए इस बारें में बात ना करते हुए मुद्दे पर आते हैं. 'पठान' में लीड एक्टर्स के अलावा सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी काफी अच्छा काम किया है. इन्हीं में से एक शाजी चौधरी हैं. फिल्म में उन्होंने एक शोल्जर राजा की भूमिका निभाई है, जो हर वक्त 'पठान' के साथ नजर आता है. 'पठान' में उन्हें कम स्क्रीन स्पेस मिला, लेकिन वो जितनी देर के लिए पर्दे पर आए दमदार एक्टिंग से प्रभाव डालते दिखे. 

शाजी चौधरी को लोग 'मिर्जापुर' के मकबूल के नाम से भी जानते हैं. हालांकि, यहां तक पहुंचना उनके लिए बड़े चैलेंज से कम नहीं था. शाजी चौधरी का बचपन राजस्थान के एक छोटे से गांव में गुजरा है. बड़े हुए, तो उन्होंने गांव की रामलीला में एक्टिंग करना शुरू कर दिया. लोगों का प्यार और सराहना मिली, तो उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत मिली. 2003 में उन्होंने मुंबई आकर एक्टिंग और मॉडलिंग में अपना करियर बनाना शुरू कर दिया. मुंबई आने के बाद उनका स्ट्रगल जारी था. मेहनत रंग लाई. शाजी चौधरी को 'मैं हूं ना' और 'जोधा अकबर' जैसी फिल्मों में काम करने का मौका मिला. शाजी 'पीके' और 'तेवर' जैसी फिल्म में भी नजर आ चुके हैं. 

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17 साल की मेहनत का मिला फल 
शाजी चौधरी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वो फिल्मों में सपोर्टिंग हीरो बन कर बोर हो गए थे. उन्हें अब इस तरह के रोल नहीं करने थे. इसलिए जब उन्हें 'मिर्जापुर' में मकबूल का रोल मिला, तो उन्होंने पहले मना कर दिया. इसके बाद को-डायरेक्टर के समझाने पर उन्होंने 'मिर्जापुर' के लिए हां कही. बाद में 'मिर्जापुर' में मकबूल के रोल ने ही उन्हें घर-घर पॉपुलर बना दिया. 

शाजी चौधरी का कहना है कि बहुत से लोगों को लगता है कि उन्हें ये सफलता रातोंरात मिली है. पर असल में ये 17 साल के संघर्ष का नतीजा है. शाजी चौधरी कई बड़ी फिल्मों और स्टार्स के साथ काम कर चुके हैं. वहीं अब उन्होंने 'पठान' में अपने छोटे से किरदार से लोगों का ध्यान खींचा. 

 

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