मौत से पहले पापा के हाथ-पैर बांधकर रखे थे, संभावना सेठ ने अस्पताल को भेजा नोटिस

एक्ट्रेस संभावना सेठ ने हाल ही में अपने पिता को खोया है. संभावना अपने पिता के मौत का इल्जाम अस्पताल पर लगाती हैं. बकौल संभावना अगर अस्पताल ने लापरवाही न की होती, तो आज उनके पिता सही सलामत होते. यही वजह है संभावना से अस्पताल को लीगल नोटिस भेजा है और उनके इंतजार में हैं.

Advertisement

नेहा वर्मा

  • मुंबई,
  • 31 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

8 मई को एक्ट्रेस संभावना सेठ ने अपने पिता एसके सेठ को खो दिया था. संभावना के पिताजी 80 साल के थे और उनका आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनके पिताजी की जान चली गई है. यही वजह है संभावना ने दिल्ली स्थित जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल को लीगल नोटिस भेजा है.

आजतक से बात करते हुए संभावना बताती हैं, 'हां, मैंने 6 दिन पहले ही लीगल नोटिस भेजा है. अब तक मैं उनके जवाब के इंतजार में हूं. हालांकि मेरे पापा के लॉस की भरपाई, तो नहीं हो सकती है लेकिन मैं नहीं चाहती कि मेरी तरह और लोग भी अस्पताल की लापरवाही के कारण अपनों के खोने के गम से गुजरे.' संभावना आगे कहती हैं कि मैंने लीगल नोटिस सर्विस का अभाव, लापरवाही और नॉन रिस्पॉन्सिव रवैये के लिए भेजा है. 

Advertisement

 



मैं तो इनको कोरोना वॉरियर नहीं मर्डरर मानती हूं
अपना दर्द बयां करते हुए संभावना कहती हैं,'यह वही अस्पताल है, जहां हाल ही में 20 से 25 लोगों की इकट्ठा डेथ हुई है. अगर मुझे पता होता, तो पापा को एडमिट ही नहीं करती. चूंकि घर के पास ही यह अस्पताल था. हमें भी लगा इतना बड़ा अस्पताल है, कोई गड़बड़ तो नहीं होगी. वे हमेशा मुझे अश्योर करते थे कि कुछ नहीं होगा, यहां सब कुछ ठीक है. अरे मेरे पापा को तो कोविड के माइल्ड लझण थे. उनका एचआरपीसी, कोविड रेंज भी ठीक थी. वे ठीक हो रहे थे, उनको गलत मेडिकेशन दिया गया है और पूरी लापरवाही बरती गई थी. मेरे पापा को आईसीयू भी नहीं दिया था.

यहां लोगों को मिलने की अनुमति नहीं थी, तो आपको पता नहीं चल रहा होता है कि आपके अपनों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है. वो तो मैं बिना किसी परमिशन के अंदर चली गई और पापा की हालत देखकर मेरे होश उड़ गए. उन्होंने मेरे पापा के हाथ-पैर दोनों बांध दिए थे. उनका कहना था कि पापा ऑक्सीजन नहीं लेना चाह रहे थे इसलिए ऐसा किया. ठीक है, हाथ बंधना समझ भी आता है, लेकिन पैर बांधने की नौबत क्यों आई. मुझे तो यह भी नहीं पता कि मेरे पापा को टाइम टू टाइम खाना दिया भी जा रहा था या नहीं. बिना बीमारी के पापा को उनकी लापरवाही से खो देना, मैं कभी माफ नहीं कर सकती. आज इन मेडिकल स्टाफ को कोविड वॉरियर कहा जा रहा है लेकिन कुछ भले डॉक्टर्स को छोड़ दें, तो बहुत लोगों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है. मैं तो ऐसे डॉक्टरों को कोविड मर्डरर ही मानती हूं. 

Advertisement

 

 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement