कार्तिक आर्यन बोले- कभी नहीं बन सकता बॉलीवुड का इनसाइडर, लगता रहता है कहीं पैकअप न हो जाए

कार्तिक ने समझाया कि करीब एक दशक तक इंडस्ट्री में रहने के बाद भी वो क्यों 'बाहरी' महसूस करते हैं. उन्होंने आगे कहा, 'ये एक माइंडसेट है जो मेरे साथ ही रहेगा. आज तक, मुझे लगता है कि कोई भी शुक्रवार, मेरा आखिरी शुक्रवार भी हो सकता है.'

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कार्तिक आर्यन कार्तिक आर्यन

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 10 जून 2024,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

लव रंजन की फिल्म 'प्यार का पंचनामा' में जब कार्तिक आर्यन बड़े पर्दे पर आए, तो उनका मोनोलॉग जनता में बहुत तेजी से पॉपुलर हो गया. अपनी नई फिल्म 'चंदू चैंपियन' की रिलीज का इंतजार कर रहे कार्तिक, इन दिनों फिल्म का प्रमोशन पर रहे हैं और वो ये बात मान रहे हैं कि बहुत लंबे समय तक उन्हें 'मोनोलॉग वाले लड़के' की तरह ही जाना जाता था.  

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'सोनू के टीटू की स्वीटी' उनके लिए वो स्टारडम लेकर आई, जिसने इंडस्ट्री में उनका कद बढ़ा दिया. अब कार्तिक ने 'आउटसाइडर' यानी बाहरी होने के टैग को लेकर बात की है. उन्होंने कहा कि वो कभी इंडस्ट्री में इनसाइडर नहीं हो सकते और इसकी वजह वो डर है जो बाहरी होने के साथ आता है. 

'ये माइंडसेट मेरे साथ ही रहेगा'
कार्तिक ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बात करते हुए कहा कि वो बिना कनेक्शंस इंडस्ट्री में बहुत आगे आ गए हैं. लेकिन इतनी दूर आने के बाद भी वो उस जगह को नहीं भूल सकते, जहां से उन्होंने शुरुआत की थी. 

उन्होंने कहा, 'मैंने जब बॉलीवुड में अपना सफर शुरू किया था, मैं यहां किसी को नहीं जानता था. और आज भी चीजें वैसी ही चल रही हैं. मेरे लिए सब बराबर हैं. कुछ शुक्रवार कामयाब होते हैं, कुछ नहीं. लेकिन ये फैक्ट अभी भी बरकरार है कि मैं कभी इनसाइडर नहीं रहा.' 

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कार्तिक ने समझाया कि करीब एक दशक तक इंडस्ट्री में रहने के बाद भी वो क्यों 'बाहरी' महसूस करते हैं. उन्होंने आगे कहा, 'ये एक माइंडसेट है जो मेरे साथ ही रहेगा. आज तक, मुझे लगता है कि कोई भी शुक्रवार, मेरा आखिरी शुक्रवार भी हो सकता है. ये चीज मेरे दिमाग में गूंजती रहती है कि कहीं मेरा पैकअप न हो जाए.' कार्तिक ने कहा कि शायद उनके पास किसी दूसरे ऑप्शन का न होना और ये डर कि उन्हें दूसरा-तीसरा मौका नहीं मिलेगा, ये उनके दिमाग में लगातार बना हुआ है. 

सक्सेस को नहीं लेते ग्रांटेड
पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक हिट्स देने वाले कार्तिक ने कहा कि वो कामयाबी को कभी ग्रांटेड नहीं लेते. उन्होंने बताया, 'मैं तो कामयाबी शब्द इस्तेमाल करने से भी बचता हूं. आप इसे अंधविश्वास कह सकते हैं, या नजर लगना कह सकते हैं, मैं बस अपना काम कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं जो कर रहा हूं लोग उसमें अपना प्यार और दिलचस्पी दिखाते रहेंगे. मैं अपना काम ऐसे ही करता रहूंगा, जैसे करता आया हूं और हिट-फ्लॉप से नहीं अटैच होऊंगा.' 

कार्तिक की फिल्म 'चंदू चैंपियन' 14 जून को थिएटर्स में रिलीज हो रही है. ये फिल्म इंडिया के पहले पैरालिम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट मुरलीकांत पेटकर की बायोपिक है. 'बजरंगी भाईजान' और 'एक था टाइगर' जैसी फिल्में बना चुके कबीर खान की इस फिल्म से कार्तिक के फैन्स ही नहीं, ट्रेड एक्सपर्ट्स को भी अच्छे बिजनेस की उम्मीद है. 

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