लेटेस्ट बॉलीवुड फिल्म 'सैयारा' थिएटर्स में ऐसा कमाल कर रही है कि फिल्म बिजनेस के अनुमान लगाने लोगों के भी मुंह खुले रह गए हैं. दो बिल्कुल नए एक्टर्स के डेब्यू वाली एक म्यूजिकल लव स्टोरी पहले तीन दिनों में ही बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हो जाएगी, ये उम्मीद शायद किसी को नहीं थी.
रिलीज से एक हफ्ते पहले तक माना जा रहा था कि 'सैयारा' पहले दिन 5 करोड़ के आसपास कलेक्शन कर लेगी तो इसे सॉलिड शुरुआत माना जाएगा. लेकिन इस फिल्म की एडवांस बुकिंग जोरदार हुई और पहले दिन ही 22 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ. अबतक 4 दिनों में 'सैयारा' बॉक्स ऑफिस पर 108 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर चुकी है और ब्लॉकबस्टर साबित हो चुकी है.
ये कहना गलत नहीं होगा कि 'सैयारा' की इस धमाकेदार कामयाबी के पीछे ऑडियंस के प्यार से बड़ा कोई भी फैक्टर नहीं है. और कोई भी स्ट्रेटेजी या प्लानिंग फिल्म चलने की गारंटी इस तरह नहीं दे सकती सकती. मगर ध्यान देने पर नजर आता है कि 5 चीजें ऐसी हैं जिनकी वजह से 'सैयारा' दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हुई है.
बेहतरीन गाने
बॉलीवुड में ये बहुत पुरानी कहावत रही है कि 'गाने हिट तो पिक्चर हिट'. मगर एक लंबे समय से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने फिल्मों के एल्बम में ऑरिजिनल नए गानों की कमी को फैन्स ने बहुत हाईलाइट किया है. एक लंबे समय से बॉलीवुड फिल्मों में पुराने गानों के रीमेक, पॉपुलर आर्टिस्ट्स के पहले से हिट गानों की भरमार हो गई थी.
इस साल बॉलीवुड फिल्मों का फोकस गानों पर वापस लौटता नजर आ रहा है और 'सैयारा' के गाने तो इस मामले में आते ही छा गए. फिल्म के टाइटल ट्रैक से लेकर 'बर्बाद', 'धुन' और 'तुम हो तो', 'हमसफर' और 'धुन' रिलीज होते ही पॉपुलर हो गए थे. ये गाने यूट्यूब से लेकर तमाम म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स तक पर खूब चले और रील्स में इनकी पॉपुलैरिटी अलग ही लेवल पर थी. 'सैयारा' के लिए ऑडियंस में सबसे पहला माहौल इन गानों ने ही बनाया.
इंटेंस लव स्टोरी
'सैयारा' लॉकडाउन के बाद आई वो रेयर फिल्म है जिसमें लव स्टोरी पूरी तरह लव स्टोरी ही है. इससे पहले अधिकतर पॉपुलर लव स्टोरीज वाली फिल्मों में लव स्टोरी के साथ मैसेज देने का ट्रेंड बनता चला गया. लव स्टोरीज वाली जो भी बड़ी फिल्में लॉकडाउन के बाद आईं चाहे 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' हो या 'सत्यप्रेम की कथा' सभी में कुछ न कुछ मैसेज था. ऊपर से इनमें केवल लव स्टोरी का इमोशन नहीं बल्कि कॉमेडी और फैमिली ड्रामा का एक पूरा पैकेज सा नजर आया.
कॉलेज जाने वाली उम्र में चल रहे यंग दर्शकों के लिए कोई प्रॉपर लव स्टोरी वाली फिल्म लंबे समय से नहीं आई थी. जिस दौर में एक व्यक्ति इस तरह की कहानियों में इमोशनल गहराई पहली बार फील कर रहा होता है, उसमें ऐसी ही फिल्में खूब भाती हैं. इंटेंस लव स्टोरीज ने ही 'बॉबी' से लेकर 'कयामत से कयामत तक' और ताजा दौर में 'आशिकी 2', 'एक विलेन' जैसी फिल्मों को हिट बनाया है.
बाद वाली दोनों फिल्मों के डायरेक्टर मोहित सूरी ने 'सैयारा' में एक बार फिर पूरी इंटेंसिटी वाली लव स्टोरी पेश की जो यंग जनता के दिल में जा उतरी. गाने कहानी को पूरी तरह सूट भी कर रहे थे और यंग ऑडियंस जिस इंटेंस लव स्टोरी के लिए तरस रही थी, उसके लिए उन्होंने भीड़ लगा दी.
यंग लीड एक्टर्स
'सैयारा' में अहान पांडे और अनीत पड्डा की यंग खूबसूरत जोड़ी की अपील ही अलग है. यंग ऑडियंस के लिए बनी एक लव स्टोरी में, एक्टर्स भी यंग ही होने चाहिए थे. मोहित सूरी ने हाल ही में बताया था कि प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा नहीं चाहते थे कि 'सैयारा' के लीड किरदार 35+ साल वाले बॉलीवुड स्टार्स निभाएं. उन्होंने मोहित को नए चेहरे तलाशने के लिए कहा.
एक बार फिर से याद किया जा सकता है कि बॉलीवुड में यादगार लव स्टोरीज के साथ आने वाली सबसे पॉपुलर फिल्में वही रही हैं, जिनमें एक नई जोड़ी पर्दे पर थी. 'कयामत से कयामत तक' में आमिर खान-जूही चावला से लेकर, 'आशिकी' के राहुल रॉय और अनु अग्रवाल तक, ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं. 'सैयारा' के लिए अहान और अनीत की फ्रेश जोड़ी वही कमाल कर रही है.
प्रमोशन से स्टार्स की दूरी
'आशिकी' के जिक्र से याद आया कि गुलशन कुमार को महेश भट्ट की फिल्म के कामयाब होने पर शक था. क्योंकि राहुल रॉय और अनु अग्रवाल बिल्कुल नए चेहरे थे. महेश भट्ट ने तोड़ ये निकाला था कि फिल्म के पोस्टर में दोनों स्टोर्स के चहरे ही कोट से छुपा दिए थे. जनता 'आशिकी' के गानों के लिए क्रेजी तो थी थी और ये देखना चाहती थी कि फिल्म के एक्टर्स कौन हैं.
'सैयारा' की रिलीज से पहले मेकर्स ने अपने एक्टर्स को प्रमोशन में उतारा ही नहीं. उनके इंटरव्यूज और प्रेस कांफ्रेंस कुछ भी नहीं हुआ. आज के दौर में इतनी चीज ही एक्टर्स की पर्सनालिटी को रहस्यमयी बनाने के लिए काफी है. गानों में ऑडियंस ने 'सैयारा' के दोनों नए चेहरे देखे. जनता को एक्टर्स अच्छे लगे, गाने अच्छे लगे, लव स्टोरी सीरियस लगी और अब उन्हें ये देखना था कि ये फ्रेश चेहरे क्या कमाल करते हैं. 'सैयारा' के लिए इस फैक्टर ने भी बहुत तगड़ा असर दिखाया है.
लिमिटेड रिलीज
'सैयारा' को पहले दिन 2000 से कम ही स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था. मेकर्स ने पहले कम स्क्रीन्स पर फिल्म का रिस्पॉन्स चेक करने और जनता का रिएक्शन देखने का इंतजार किया. पहले दो दिन तो फिल्म ने इन लिमिटेड स्क्रीन्स पर ही जोरदार भीड़ जुटाई शनिवार को जब कैपेसिटी का मसला हुआ और डिमांड के हिसाब से शोज कम पड़े तो रविवार को शोज बढ़ाए गए.
यानी मेकर्स ने अपने कंटेंट पर भरोसा दिखाया और पहले ऑडियंस के रिएक्शन का इंतजार किया और फिल्म के लिए वर्ड ऑफ माउथ बनने दिया. इसकी वजह से फिल्म की ग्रोथ अपने आप बढ़ती चली गई क्योंकि अब दर्शकों के सामने ये सवाल था कि 'ये कौन सी फिल्म है जिसकी इतनी चर्चा हो रही है?' संडे को 'सैयारा' की जोरदार ग्रोथ के पीछे ये सबसे बड़ा कारण था.
नए चेहरों वाली, सीरियस ट्रीटमेंट के साथ बनीं इंटेंस लव स्टोरीज ने हमेशा थिएटर्स में जमकर भीड़ जुटाई है. 70 के दशक में आई ऋषि कपूर की डेब्यू फिल्म 'बॉबी', 80s में आई कमल हासन-रति अग्निहोत्री की 'एक दूजे के लिए', सनी देओल-अमृता सिंह की 'बेताब' और आमिर खान-जूही चावला की 'कयामत से कयामत' तक ऐसी ही फिल्में थीं.
90s में राहुल रॉय-अनु अग्रवाल की 'आशिकी' और साल 2000 में आई ऋतिक रोशन-अमीषा पटेल की 'कहो ना प्यार है' भी ऐसी ही पॉपुलर यंग लव स्टोरीज थीं. अब 'सैयारा' एक लंबे समय बाद, यंग ऑडियंस के लिए ऐसा ही पैकेज लेकर आई लव स्टोरी है और इसीलिए जनता इसकी दीवानी हुई जा रही है.
सुबोध मिश्रा