क्यों मेल एक्टर्स को मिलती है ज्यादा फीस, नीना गुप्ता बोलीं- 'मर्दों की दुनिया है, इस मुद्दे का मतलब नहीं'

नीना आगे कहती हैं 'आपको पसंद आए या नहीं, ये मर्दों की दुनिया है. तो चाहे वो घर हो या ऑफ‍िस, पुरुष हर समय काम कर रहे हैं. जबकि एक मह‍िला पुरुष से कहीं ज्यादा काम करती है.

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नीना गुप्ता नीना गुप्ता

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली ,
  • 25 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST
  • वेतन अंतर पर नीना गुप्ता का व्यंग्य
  • बोलीं इस मुद्दे का कोई मतलब नहीं
  • वेतन अंतर पर कई बार उठी है आवाज

फिल्म इंडस्ट्री में मेल और फीमेल एक्टर्स की फीस हमेशा से एक मुद्दा रही है. कई फीमेल एक्टर्स ने मेल एक्टर्स की ज्यादा फीस को लेकर कई बार बहस छेड़ी लेक‍िन इसपर आज तक शायद ही कोई नतीजा निकला हो. दिग्गज एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने भी अब इस टॉप‍िक पर अपनी राय साझा की है. उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में इसपर अपनी बात कही. 

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स्पॉटबॉय के मुताबिक नीना मेल और फीमेल एक्टर्स की वेतन असमानता भ्रम से ज्यादा कुछ नहीं है. नीता ने कहा 'मुझे वेतन अंतर का यह सवाल अच्छा लगा. क्या कभी भी किसी मह‍िला को किसी भी प्रोफेशन में पुरुष से ज्यादा फीस दिया गया है. एक हाउसवाइफ को देखो वे कितना काम करती हैं. क्या उन्हें कभी भी इसके लिए वेतन दिया गया. नहीं. हां उसे घर का सामान लाने के लिए पैसे जरूर दिए जाते हैं. पर जब उसे कुछ निजी सामान चाह‍िए तो उसे अपने पति से पूछना पड़ता है.'

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मह‍िलाओं के प्रति लोगों का नाशुक्र रवैया: नीना 

नीना आगे कहती हैं 'आपको पसंद आए या नहीं, ये मर्दों की दुनिया हे. तो चाहे वो घर हो या ऑफ‍िस, पुरुषा हर समय काम कर रहे हैं. जबकि एक मह‍िला पुरुष से कहीं ज्यादा काम करती है. आप कह सकते हैं पुरुष को काम में बहुत तनाव होता है. पर एक मह‍िला का काम कभी खत्म ही नहीं होता, खाना बनाने से लेकर सफाई तक, किराया देने तक...और फिर भी लोग नाशुक्र होते हैं.'

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'ये वेतन अंतर वाली डिस्कशन का कोई मतलब ही नहीं होता. पहले पुरुष आते हैं..फिर मह‍िलाएं. हमेशा से यही रिवाज रहा है.'

इस मुद्दे से मूव ऑन कर चुकी हैं नीना   

नीना समाज की इस गंभीर मुद्दे को स्वीकार कर चुकी हैं इसल‍िए उन्हें शायद ही इसमें बदलाव की कोई उम्मीद हो. उन्होंने कहा 'मैं ठीक हूं अब इससे. पहले होने का मतलब बहुत सी जिम्मेदार‍ी होती है. मैं जानती हूं मैं किस लायक हूं और मुझे क्या मिलना चाह‍िए. पर मैं उसके बारे में नहीं सोचती. मेरी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ मैं कभी किसी एक सोच पर अटकी नहीं रही. मैं आगे बढ़ती गई. जिंदगी कभी भी किसी के लिए परफेक्ट नहीं होती. मुझे जो भी मिला मैंने उससे कहीं अध‍िक बढ़कर किया.'

 

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