क्यों बहुत चाहने पर भी अपना नाम नहीं बदल पाए मनोज बाजपेयी?

बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं. ऐसे में हम आपको उनके नाम से जुड़ा एक किस्सा सुना रहे हैं. कम ही लोग जानते हैं कि मनोज को अपना नाम बिल्कुल पसंद नहीं हुआ करता था. वो इसे बदलने की कोशिश में लगे थे. लेकिन अंत में कुछ और ही उनके साथ हुआ.

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मनोज बाजपेयी मनोज बाजपेयी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

अभिनेता मनोज बाजपेयी का आज जन्मदिन है. उनका जन्म बिहार के बेतिया में 23 अप्रैल 1969 को हुआ था. मनोज बाजपेयी बॉलीवुड के सबसे प्रयोगधर्मी अभिनेताओं में हैं, जिन्हें फिल्म जगत में अपने योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा जा चुका है. आज हम आपको उनके जन्मदिन पर एक दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसका जिक्र लेखक पीयूष पांडे ने उन पर लिखी बायोग्राफी 'कुछ पाने की ज़िद' में किया है. 

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पिता ने दिया था मनोज को नाम

ये किस्सा उनके नाम से जुड़ा है. मनोज बाजपेयी का नाम उनके पिता राधाकांत बाजपेयी ने रखा था. मनोज के जन्म के समय अभिनेता मनोज कुमार का हिन्दी सिनेमा में जलवा था. ‘दो बदन’, ‘पत्थर के सनम’ और ‘उपकार’ जैसी फिल्मों की धूम मची थी. मनोज के जन्म के कुछ साल पहले राधाकांत बाजपेयी पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में मनोज कुमार के साक्षात दर्शन भी कर चुके थे. राधाकांत बाजपेयी, मनोज कुमार के जबरदस्त फैन थे तो उन्होंने अपने सबसे बड़े बेटे का नाम अपने चहेते अभिनेता के नाम पर ही मनोज रख दिया. 

राधाकांत बाजपेयी ने बेटे का नाम मनोज जरूर रखा लेकिन बेटे को ये नाम पसंद नहीं आया. मनोज जब बड़े हुए तो अपना नाम बदलने की सोचने लगे. उन्होंने अपने लिए नाम सोचा समर. थिएटर के जमाने में उन्होंने तय कर लिया कि वो अपना नाम बदलकर समर बाजपेयी रख लेंगे. मनोज बाजपेयी के हवाले से बायोग्राफी में पूरे किस्से का जिक्र है. 

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नाम बदलकर रखना चाहते थे समर

मनोज ने किताब में एक जगह कहा है, “मैंने ये सोचा था कि मैं अपना नाम बदलूंगा. मैंने अपने लिए एक नया नाम भी सोच लिया था. ये नाम था समर. थिएटर के ज़माने में नाम बदलने के बारे में सोचा तो सबने कहा कि एक एफिडेविट बनवाना पड़ेगा. अखबार में विज्ञापन देने होंगे. यह सब कानूनी प्रक्रिया थी. उस वक्त पैसे नहीं थे तो ये कार्यक्रम स्थगित हो गया. फिर मैने सोचा कि जब मैं पैसे कमाऊंगा, तब नाम बदल लूंगा. ‘बैंडिट क्वीन’ के लिए जब धन मिला तो सोचा कि अब नाम बदलता हूं. लेकिन तब मेरे भाई ने कहा कि यार आप कमाल करते हो. आपकी पहली फिल्म देखेंगे लोग तो मनोज बाजपेयी और बाद में कुछ और नाम? तो मैंने सोचा कि अब जो हो गया बॉस हो गया.”

फिर हुआ इस बात का एहसास

वैसे, इस बीच मनोज के पिता को एहसास हुआ कि मनोज अपना नाम बदलना चाहते हैं और उन्हें अपना नाम पसंद नहीं है तो एक दिन उन्होंने मनोज को अपने पास बुलाया और कहा कि उन्हें ये नाम नहीं बदलना चाहिए। मनोज ने किताब में कहा है, “जब मैं नाम बदलने की सोच रहा था, तब एक बार मेरे पिता ने मुझसे कहा कि नाम मत बदलना, मैंने बहुत प्यार से तुम्हारा नाम रखा है.”

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मज़े की बात यह है कि जिस महान अभिनेता के नाम पर मनोज बाजपेयी का नाम रखा गया, वो मनोज कुमार खुद फिल्मी नाम धारण किए हैं. उनका वास्तविक नाम है- हरीकिशन गिरी गोस्वामी. फिल्म ‘शबनम’ देखकर हरीकिशन गोस्वामी ने अपना नाम मनोज कुमार कर लिया था. मनोज बाजपेयी अपना नाम नहीं बदल पाए. लेकिन उनके नाम की स्पेलिंग का गड़बड़झाला अरसे तक जारी रहा. मनोज बाजपेयी अपने सरनेम को Bajpayee लिखते हैं, लेकिन फिल्मों में उन्हें Bajpai लिखा गया. मनोज बाजपेयी ने जब इस बारे में एक इंटरव्यू में जिक्र किया तो उन पर अंधविश्वासी होने का आरोप लगा था. मनोज के इस किस्से का जिक्र भी उनकी बायोग्राफी में है.

 

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