राजकुमार राव, भूमि पेडनेकर और दीया मिर्जा की फिल्म 'भीड़' 24 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म का रिस्पॉन्स बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा बताया जा रहा है. हाल ही में आजतक के स्टूडियो में फिल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा, एक्टर राजकुमार राव और आशुतोष राणा इसके प्रमोशन के लिए पहुंचे थे. इस दौरान एंकर ने आशुतोष राणा ने सवाल किया कि इंडस्ट्री में लोगों ने फिल्मों को लेकर बायकॉट ट्रेंड चलाया. इसके बावजूद 'पठान' ने बहुत से रिकॉर्ड तोड़े हैं. क्या बीच में बॉक्स ऑफिस पर फिल्में फ्लॉप होने का हाल देखकर इंडस्ट्री ने उम्मीद खो दी थी?
आशुतोष राणा ने किया रिएक्ट
इसपर एक्टर आशुतोष राणा ने रिएक्ट करते हुए कहा, "मेरा यह मानना है कि अगर आपको अपने मत के ऊपर विश्वास है और आप उसकी कद्र करते हैं तो सामने वाले के मत की भी कद्र कीजिए. ऑडियन्स को स्वीकार करने का भी अधिकार है और इनकार करने का भी. और ऐसा तो है नहीं कि जगत में सिर्फ इनकार- इनकार करने वाली दृष्टी है. हम सिनेमा वाले अपनी प्रकृति से चल रहे हैं, ओपन हैंड्स से और अगर ऑडियन्स की क्लोज हैंड्स की प्रकृति है कि नहीं, हमें यह फिल्म देखनी नहीं है. इसका बायकॉट करना है तो ठीक है. तो उसमें आप ज्यादा विचलित इस बात को लेकर न हों या आपकी कला प्रभावित न हो, क्योंकि कला जो है वो बीते हुए कल को और आने वाले कल को जो आज उपस्थित कर दे, उसको आप कला कहते हैं न. निराकार को साकार कर दे, वो कला है. तो हर व्यक्ति की अपनी- अपनी रुचि है."
"अगर बायकॉट की बात तो अगर कोई चीज अच्छी न हो तो, क्या उसे एंडॉर्स करने से वह सफल हो जाती है. और क्या किसी चीज को खारिज करने से वो असफल हो जाती है, अच्छी होते हुए भी... अगर ऐसे कुछ उदाहरण हों आपके पास तो आप बताइए, क्योंकि मैंने तो कभी ऐसा होते देखा नहीं."
आशुतोष राणा ने आगे कहा कि फिल्म अगर अच्छी होगी तो वह चलेगी. नहीं अच्छी होगी तो नहीं चलेगी. कुछ लोगों के बायकॉट कर देने से कोई फर्क नहीं पड़ता. जनता जानती है कि उसे सही और गलत, अच्छे और बुरे में किस तरह फर्क करना है. बस फिल्म की कहानी दर्शकों को टच करनी चाहिए और सिनेमा भाव की भाषा पर ही चलता है.
aajtak.in