बॉलीवुड में पिछले कई सालों से अवॉर्ड सेरेमनी की प्रथा चली आ रही है. जिस भी एक्टर को 'बेस्ट एक्टर' अवॉर्ड से नवाजा जाता है, माना जाता है कि उनकी वैल्यू इंडस्ट्री में काफी बढ़ जाती है. इसी चक्कर में कई लोग अवॉर्ड्स खरीदने भी लग गए हैं. इस बात का खुलासा कई एक्टर्स और स्टार्स कर चुके हैं.
अनिल कपूर ने खरीदा बेस्ट एक्टर अवॉर्ड?
हाल ही में बॉलीवुड के जाने-माने प्रोड्यूसर और मुंबई के फेमस थिएटर गेटी गैलेक्सी के मालिक मनोज देसाई ने इंडस्ट्री से जुड़े कई दावे किए हैं. उनका कहना है कि एक बार अमिताभ बच्चन के पास अवॉर्ड खरीदने का ऑफर आया था, जिसे एक्टर ने इनकार किया. मगर फिर वो अवॉर्ड अनिल कपूर के पास गया. उनका दावा है कि अनिल कपूर ने वो अवॉर्ड खरीदा था.
विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर मनोज देसाई ने कहा, 'एक बार मैं और अमिताभ बच्चन साथ बैठे हुए थे. उस समय अवॉर्ड फंक्शन चल रहा था. तभी रऊफ अहमद जो उस वक्त फिल्म राइटर थे, मेरे पास आए और बोले कि अगर मैं बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अमिताभ बच्चन को दे दूं, तो क्या तुम इस पूरी पार्टी का खर्चा उठाओगे? मैं अमिताभ बच्चन के पास गया और उनसे यही बात पूछी. उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन अवॉर्ड खरीदता नहीं है.'
मनोज देसाई ने आगे बताया कि कैसे अमिताभ ने बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अनाउंस होने से पहले ही उसके विजेता का नाम बताया. उन्होंने कहा, 'फिर अमिताभ बच्चन ने ये भी कहा कि मुझे पता है ये अवॉर्ड किसको मिलने वाला है. ये अनिल कपूर को जाएगा. क्योंकि अनिल ने तो अपने घर की छत पर पहले से ही बहुत बड़ी पार्टी का इंतजाम कर रखा है. उस साल अनिल कपूर को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था. मुझे लगता है वो मिस्टर इंडिया फिल्म के लिए मिला था. अनिल कपूर ने फिल्मफेयर पार्टी के सारे खर्चे उठाने का वादा किया था, इसलिए उन्हें वो अवॉर्ड मिल गया.'
क्या है अनिल कपूर के अवॉर्ड खरीदने की सच्चाई?
बता दें अनिल कपूर की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' साल 1987 में आई थी, जो सुपरहिट तो थी. मगर उन्हें उस फिल्म के लिए कोई अवॉर्ड नहीं मिला था. बल्कि अनिल कपूर को अपनी 1988 में आई फिल्म 'तेजाब' के लिए, 1989 में बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिला था. उस साल उनके सामने अमिताभ बच्चन फिल्म 'शहंशाह' के लिए बेस्ट एक्टर नॉमिनेट हुए थे. ऐसे में मनोज देसाई का 'मिस्टर इंडिया' के लिए अवॉर्ड जीतने वाला दावा कथित तौर पर झूठा साबित हुआ है.
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