कॉमेडी रोल्स में क्यों बंधकर रह गई है पंजाबी एक्टर्स की पहचान? एमी विर्क ने बताई वजह

एमी विर्क ने पंजाबी एक्टर्स के कॉमेडी में स्टीरियोटाइप होने पर बात की और बताया कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. हालांकि उन्होंने सीरियस किरदार भी किए हैं. दिलजीत दोसांझ भी अमर सिंह चमकीला कर चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके उन्हें भी कॉमेडी रोल्स के लिए ज्यादा जाना जाता है.

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एमी विर्क को नहीं कॉमेडी से दिक्कत (Photo: Instagram @amyvirk) एमी विर्क को नहीं कॉमेडी से दिक्कत (Photo: Instagram @amyvirk)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

लंबे समय तक बॉलीवुड में पंजाबी किरदारों को कॉमिक रोल के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. फिल्मों में उन्हें स्टिरियोटाइप भी खूब किया गया, जैसे जो मजाकिया और ऊंची आवाज में बात करने वाले होते हैं. लेकिन अब वक्त के साथ कहानियों में धीरे-धीरे बदलाव आया है. फिर भी सवाल उठता है- क्या हिंदी फिल्म इंडस्ट्री आज भी पंजाबी कलाकारों को सिर्फ कॉमेडी तक सीमित रखती है? दिलजीत दोसांझ जैसे कई एक्टर्स हैं जो कॉमेडी के साथ-साथ सीरियस रोल्स भी करते हैं, बावजूद इसके उन्हें कॉमेडी से ही उनकी पहचान मानी जाती है. इस पर एक्टर एमी विर्क ने अपनी राय रखी. 

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कॉमेडी रोल्स में स्टीरियोटाइप हुए दिलजीत-एमी 

एमी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि पंजाबी एक्टर सिर्फ कॉमेडी करते हैं. वो सीरियस किरदार भी करते हैं. लेकिन उन्हें इससे कोई गुरेज नहीं है कि उन्हें कॉमेडी के लिए जाना जाता है. उनका मानना है कि कॉमेडी करना भी अपने आप में मुश्किल काम है. जो हर कोई नहीं कर सकता. 

एमी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा,“कॉमेडी कोई छोटा काम नहीं है. लेकिन अब एक्सपेरिमेंट्स शुरू हो गए हैं. दिलजीत दोसांझ पाजी ने अमर सिंह चमकीला जैसी फिल्म की है. ऐसा नहीं है कि हम सीरियस रोल नहीं कर सकते. मैंने भी पंजाबी फिल्मों जैसे किस्मत और हर्जिता में ऐसे रोल किए हैं, जिनमें से एक को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. असल में, यह फिल्म की कहानी पर निर्भर करता है.”

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उन्होंने आगे कहा,“कॉमेडी बहुत बड़ी चीज है. आजकल किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना आसान नहीं रहा. OTT और सोशल मीडिया पर लोग इतना कंटेंट देख चुके हैं कि ज्यादातर जोक्स सबको पता होते हैं. ऐसे में आपको एक्सप्रेशन और एक्टिंग से हंसाना पड़ता है. हमारा तो दिल चाहता है कि हम पूरी जिंदगी कॉमेडी करते रहें. देखने में आसान लगता है, लेकिन असल में यह बहुत मुश्किल है.”

क्लीन कॉमेडी करते हैं एमी, बोले- बेटी देखती है फिल्में

जब एमी से पूछा गया कि वो ‘क्लीन कॉमेडी’ और डबल मीनिंग ह्यूमर के बीच संतुलन कैसे बनाए रखते हैं, तो उन्होंने कहा,“हमें वह लाइन बनाए रखनी चाहिए. मेरी एक बेटी है, और अगर वह कल मुझसे पूछे, ‘पापा, ये क्या है?’ तो मुझे जवाब देना मुश्किल न हो. मैंने अब तक 30–35 फिल्में की हैं, और उनमें से एक में भी डबल मीनिंग डायलॉग नहीं है.”

एमी ने आगे कहा,“यह सिर्फ बोले गए शब्दों की बात नहीं है. जैसे ‘साला’ शब्द, जो असल में ‘बहनोई’ के लिए होता है, लेकिन गलत अर्थ में लिया जाता है. उसे भी हम जहां हो सके हटा देते हैं. करियर की शुरुआत में शायद गलती से बोल दिया हो, लेकिन अब ऐसी चीजों से परहेज करते हैं.”

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एमी विर्क पंजाबी सिनेमा के एक मशहूर एक्टर हैं. उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू फिल्म ‘83’ से किया, जिसका निर्देशन कबीर खान ने किया था. इस फिल्म में उन्होंने असली भारतीय क्रिकेटर बलविंदर संधू की भूमिका निभाई थी, जो 1983 में भारत की वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे. फिल्म में रणवीर सिंह ने कपिल देव का किरदार निभाया था.

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