'मोहब्बतें' ने अमिताभ बच्चन के करियर को बचाया, मगर फीस में क्यों लिए 1 रुपये?

बॉलीवुड के दो सिनेमा आइकॉन अमिताभ और यश चोपड़ा एक-दूसरे का कितना सम्मान करते थे, इससे जुड़ा किस्सा अब फिल्ममेकर निखिल अडवाणी ने शेयर किया है. निखिल एक बातचीत में ये बता रहे थे कि बॉलीवुड के पहले के दौर में और आज के दौर में सबसे बड़ा फर्क क्या है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 05 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

हिंदी सिनेमा का महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन के करियर में, आइकॉनिक डायरेक्टर यश चोपड़ा का योगदान बहुत बड़ा रहा है. अमिताभ की बेहद लम्बी फिल्मोग्राफी में कुछ सबसे आइकॉनिक फ़िल्में यश चोपड़ा की डायरेक्ट के हुई हैं. 'दीवार', 'कभी कभी', 'काला पत्थर', 'सिलसिला' और 'त्रिशूल' जैसी फिल्मों में यश चोपड़ा और अमिताभ ने साथ काम किया था. 

दोनों सिनेमा आइकॉन एक-दूसरे का कितना सम्मान करते थे, इससे जुड़ा एक किस्सा अब फिल्ममेकर निखिल अडवाणी ने शेयर किया है. निखिल एक बातचीत में ये बता रहे थे कि बॉलीवुड के पहले के दौर में और आज के दौर में सबसे बड़ा फर्क क्या है.

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अमिताभ ने 1 रुपये में की यश चोपड़ा की फिल्म 
निखिल अडवाणी ने मिर्ची के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पुराने दौर और आज के दौर में सबसे बड़ा अंतर 'सादगी' का है. अपनी बात समझाने के लिए निखिल ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, 'जब 'सिलसिला' बन रही थी, यश चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन से पूछा- 'आप कितनी फीस लेंगे?' अमित जी ने कहा- 'मैं एक घर खरीदना चाहता हूं, तो मैं आपसे इस बार एक अच्छी-खासी रकम मांगने वाला हूं.' उन्होंने कहा ठीक है.' 

निखिल ने बताया कि अमिताभ ने उस वक्त यश चोपड़ा के इस फेवर का हिसाब कैसे पूरा किया. उन्होंने बताया कि जब यश चोपड़ा ने अपने प्रोडक्शन में बन रही 'मोहब्बतें' के लिए अमिताभ बच्चन को कास्ट किया तो उनसे फिर पूछा कि इस बार उन्हें कितनी फीस चाहिए? इस बार अमिताभ ने कहा, 'उस वक्त जितना मैंने मांगा आपने दिया था, इस बार मैं 1 रुपये में फिल्म करूंगा.' निखिल ने बताया कि अमिताभ ने ये बात सिर्फ कही नहीं थी, बल्कि सच में 1 रुपये में 'मोहब्बतें' की थी. 

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निखिल ने कहा, 'तब फिल्में रिश्तों की मजबूती पर बनती थीं. आजकल वो गणित लगाने के बाद बनती हैं. पहले इंडस्ट्री परिवार की तरह थी. पैम आंटी (पामेला चोपड़ा, यश चोपड़ा की पत्नी) हम सबके लिए खाना बनाती थीं. वो हर किसी से पूछती थीं कि उसे किसी चीज से एलर्जी तो नहीं है. वो मेन्यू बनाती थीं. 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' इसी तरह बनी थी, मोहब्बतें ऐसे ही बनी थी.' 

अमिताभ के करियर में नई जान लेकर आई थी 'मोहब्बतें'
बता दें, अमिताभ बच्चन 90 के दौर में एक बड़े क्राइसिस से गुजरे थे. उनकी कई बड़ी फिल्में फ्लॉप हुई थीं और खुद की कंपनी बहुत बड़े घाटे में चली गई थी. ऐसा कहा जाता है कि यश चोपड़ा की फिल्म 'मोहब्बतें' ने अमिताभ के करियर को दोबारा खड़ा किया था. 

2016 में इंडिया टुडे के एक इवेंट में अमिताभ ने बताया था कि उनकी कंपनी के घाटे ने उन्हें भी दिवालिया कर दिया था. उन्होंने कहा, 'आप बैठकर सोचने लगते हैं 'मैं क्या कर सकता हूं?' और मैंने खुद से कहा, 'तुम एक्टर हो. एक्टिंग पर वापस लौटना चाहिए, तो मैंने यही किया. मैं यश जी के पास गया और कहा कि मेरे पास काम नहीं है. मुझे कम की जरूरत है.' 

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