दलदल में फंसा करियर, फिर भी आम‍िर ने क्यों इनकार कर दी थी महेश भट्ट की मूवी?

'कयामत से कयामत तक' के बाद एक ऐसा फेज रहा जब 'राख', 'अव्वल नंबर', 'लव लव लव', ऐसी कई फिल्में आई और गईं. इन फिल्मों ने आमिर खान को समझाया कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं. पिक्चरों के फ्लॉप होने की वजह से आमिर को लगने लगा था कि उनका करियर खत्म हो गया है.

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मुश्किल वक्त में महेश भट्ट ने बढ़ाया था मदद का हाथ (Photo: Atul Kumar Yadav/Arun Kumar) मुश्किल वक्त में महेश भट्ट ने बढ़ाया था मदद का हाथ (Photo: Atul Kumar Yadav/Arun Kumar)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

एजेंडा आजतक 2025 के पहले दिन बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने शिरकत की. सेशन के दौरान मॉडरेटर अंजना ओम कश्यप संग बातचीत में आमिर ने फिल्म 'कयामत से कयामत तक' के बाद अपने करियर में आई मुश्किलों को याद किया. 'कयामत से कयामत तक' ने आमिर को रातोरात स्टार बना दिया था. लेकिन इसके बाद उन्होंने जो फिल्में की, वो फेल होती चली गईं.

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खुद फिल्में चुनने लगे थे आमिर

'कयामत से कयामत तक' के बाद एक ऐसा फेज रहा जब 'राख', 'अव्वल नंबर', 'लव लव लव', ऐसी कई फिल्में आई और गईं. इन फिल्मों ने आमिर खान को समझाया कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं. 'कयामत से कयामत तक' के सफल होने के बाद क्या हुआ था? इसपर आमिर खान ने बताया कि उस समय के बड़े डायरेक्टर उन्हें काम नहीं दे रहे थे. एक्टर बोले, 'हुआ ये कि मैंने अपनी समझ से फिल्में साइन कीं. कहानियों पर वजन देकर. (कयामत से कयामत तक के बाद) ऑफर तो मुझे हजारों फिल्मों के आए थे. ये वो दौर था जब फिल्मों में जो लीडींग एक्टर्स थे वो 50-60 फिल्में एक-साथ करते थे. उसमें सबसे काम थीं अनिल कपूर जी की.'

एक्टर ने आगे कहा, 'ट्रेन मैगजीन में आता था कि किसके पास कितनी फिल्में हैं. तो अनिल कपूर जी के पास थीं, 33 फिल्में, जो कि सबसे कम फिल्में थीं. तो मैंने 9-10 फिल्में साइन की थीं. मुझे लगा कि एक तिहाई करूंगा तो ठीक रहेगा. लेकिन मैं इंडस्ट्री में आ रहा था और मैंने एक वक्त पर एक ही फिल्म की थी. और मंसूर (खान डायरेक्टर) और मैं एक पैशन में काम करते हैं. तो मैं उसी तरीके से काम करता था, लेकिन जब मैंने ये फिल्में कीं. तो मुझे लगा कि नहीं ये तो एकदम अलग है.'

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करियर खत्म होने का सताने लगा दर्द

आमिर खान ने बताया कि फिल्में फ्लॉप होने के बाद वो डर गए थे. उन्होंने कहा, 'फिर मेरी फिल्में फ्लॉप होने लगीं. मीडिया ने मुझे वन फिल्म वंडर घोषित कर दिया. ये सही था, उनका कहना गलत नहीं था. मुझे एहसास हुआ कि जब मैं इनमें काम करने लगा कि मैंने क्या-क्या गलतियां की थीं. तो तीन-चार फिल्में तो रिलीज हो गईं, नहीं चलीं. बाकी जो 4-5 थीं, वो उनसे भी बदत्तर थीं. तो मुझे पता था कि मेरा करियर गया अभी. इसके बाद मैं सर्वाइव नहीं करने वाला हूं. उस वक्त मैं इतना नाखुश था अपने काम से. मैं घर आता था... बहुत दफा मैं रोया हूं रीना के साथ बैठकर. रीना उन दिनों मेरी पत्नी हुआ करती थीं. उन्हें भी मेरे लिए बुरा लगता था. मैं कहता था कि यार मैं बहुत बुरा काम कर रहा हूं और मुझे मजा नहीं आ रहा है. बड़ी तकलीफ होती थी मुझे.'

उन्होंने कहा, 'देखिए हर आदमी की सोच अलग है. मैं किसी को बुरा नहीं कहना चाहूंगा, लेकिन हर डायरेक्टर की अपनी सोच होती है. मैं इस तरह समझाता हूं कि मेरी जो सोच थी, वो मेरे डायरेक्टर के साथ, जिनके साथ मैं उस वक्त काम कर रहा था, मैच नहीं हो रही थी. मैंने उस वक्त एक बहुत बड़ा निर्णय लिया था. मैंने कहा कि यार मैं ऐसे तो काम नहीं करूंगा. इसलिए तो मैं नहीं आया हूं इंडस्ट्री में. इसलिए तो मैं फिल्मों में नहीं आया हूं. ऐसा काम करने के लिए नहीं आया हूं मैं. मैंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, जब तक कहानी में ये तीन- राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर, जबतक एकदम सही नहीं बैठेंगे. मैं फिल्म साइन नहीं करूंगा. और एक के बाद एक मेरी फिल्में नाकामयाब हो रही थीं.'

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महेश भट्ट का आया ऑफर

आमिर खान को बेहद मुश्किल दौर के बीच महेश भट्ट का कॉल आया था. उन्होंने बताया, 'आप समझ लीजिए कि मेरी कैफियत ऐसी थी कि मैं दलदल में फंसा हूं और मैं धंस रहा हूं अंदर. जितना निकलने के लिए स्ट्रगल कर रहा हूं और उतना और धंस रहा हूं. तो उस वक्त, उस मौके पर मुझे भट्ट साब का पास फोन आया, महेश भट्ट जी. उस वक्त वो बड़े कामयाब डायरेक्टर थे. उनकी फिल्म सरांश बहुत कामयाब हुई थी. उसके बाद अर्थ बनाई थी, वो भी कामयाब हुई थी और उसके बाद नाम बनाई थी, जो काफी बड़ी हिट हुई थी. तो उनका जब फोन आया था तो मुझे लगा कि अगर भट्ट साब की फिल्म मैं कर लूं, तो अगली कुछ फिल्में फ्लॉप भी हो जाएंगी, तो मैं सर्वाइव कर पाऊंगा. लोग कहेंगे यार भट्ट साब की फिल्म आने दो, उसमें अच्छा काम होगा.'

लेकिन सुपरस्टार को फिल्म की कहानी पसंद नहीं आई तो वो घबरा गए थे. आमिर ने याद किया, 'लेकिन हुआ ये कि जब मैं गया उनके घर कहानी सुनने के लिए और जब उन्होंने कहानी सुनाई तो कहानी मुझे पसंद नहीं आई. और मैं एकदम क्रश हो गया. मुझे लगा कि अरे यार मैं आया था एकदम उम्मीद के साथ और मुझे कहानी पसंद नहीं आई. लेकिन मैं भट्ट साब को कैसे बोलूं इतने बड़े डायरेक्टर हैं, मैं क्या बोलूं. और मैं होता कौन हूं उनको बोलने वाला कि आपकी कहानी मुझे पसंद नहीं आई. मैं बहुत घबरा गया और मैंने उनसे एक दिन का वक्त लिया. मैंने कहा मैं सोचकर बताऊंगा. अगले दिन मैंने कहां कि भट्ट साब मैं नहीं कर पाऊंगा फिल्म. इससे पहले कि वो कुछ बोलते मैंने दो चार लाइन उनको बोल दीं. मैंने कहा कि मैं कौन होता हूं आपको न बोलने वाला. आप शायद इसके बाद मुझे कोई फिल्म ऑफर न करें. लेकिन सच्चाई ये है कि मैंने अपने आप से एक वादा किया है और मैं वो वादा नहीं तोड़ पाऊंगा. जब कहानी पसंद नहीं आई, तो मैं वो नहीं कर पाऊंगा.'

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आमिर के अंदर आई ताकत

आमिर खान ने बताया कि महेश भट्ट को न बोलने के बाद जो ताकत उन्हें महसूस हुई, उससे ही वो स्टार बने. एक्टर ने कहा, 'तो भट्ट साब ने कहा कि अरे ये सब छोड़ो. तुमको क्यों नहीं करनी. तो फिर हम लोगों ने इस बारे में बात की. स्क्रिप्ट पर बात की. वो फिल्म अंत में नहीं बनी. लेकिन उस दिन जब मैं घर गया, तो मेरे अंदर अलग कॉन्फिडेंस आ गया. जब मैं सबसे कमजोर था, मतलब भट्ट साब का हाथ था, मैं दलदल में फंसा हूं, मुझे सिर्फ उनका हाथ पकड़ना है और मैं फिर भी नहीं पकड़ रहा हूं. मैं बोल रहा हूं कि नहीं, मैं इसमें से अलग निकलूंगा. ऐसे नहीं निकलूंगा. तो वो जो एक ताकत मुझे मिली, उस निर्णय के बाद. मुझे लगता है कि उस निर्णय की वजह से मैं ये काम आगे कर पाया हूं. अपने दृढ़ निश्चय के साथ मैं आगे बढ़ा हूं. जब मैं अपने खराब वक्त में 'न' कह सकता था, तब मुझे सबसे ज्यादा ताकत मिली.'

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