उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का बिगुल बज चुका है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के चेहरे को आगे करके रण में उतर चुकी है. 26 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 45 साल की उम्र में यूपी के सीएम बने थे. अब देखना होगा कि देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता के सिंहासन पर योगी फिर से विराजमान होते हैं या नहीं?
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में पांच जून 1972 जन्मे अजय सिंह बिष्ट गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ बन गए. योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है. योगी ने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की.
छात्र जीवन से ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे योगी
अजय सिंह बिष्ट ने 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की. छात्र जीवन में ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे. 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान ही अजय सिंह बिष्ट की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में हुई.
महंत अवैद्यनाथ ने अजय सिंह बिष्ट को दी थी गुरू दीक्षा
इसके कुछ दिनों बाद अजय सिंह बिष्ट अपने माता-पिता को बिना बताए गोरखपुर जा पहुंचे और जहां संन्यास धारण करने का निश्चय लेते हुए गुरु दीक्षा ले ली. महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के रहने वाले थे. जिन्होंने अजय सिंह बिष्ट को योगी आदित्यनाथ बनाने का काम किया. तभी से अजय सिंह बिष्ट, योगी आदित्यनाथ बन गए.
मंदिर के साथ ही राजनीति के भी उत्तराधिकारी बन गए थे योगी
गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया. गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे, इसी सीट से योगी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंचे और फिर लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे.
योगी ने गोरखपुर को बना दिया अभेद्य किला
सियासत में कदम रखने के बाद योगी आदित्यनाथ की छवि एक प्रखर हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर उभरी. सांसद रहते हुए गोरखपुर जिले को अपने नियम अनुसार चलाने और त्वरित फैसलों से सबको चकित किया. इसी के चलते योगी के सियासी दुर्ग को न तो मुलायम सिंह का समाजवाद भेद पाया और न ही मायावती की सोशल इंजीनियरिंग यहां काम आई.
योगी आदित्यनाथ 26 साल की उम्र में 12वीं लोकसभा (1998) के सबसे कम उम्र के सदस्य थे. वह गोरखपुर से लगातार पांच बार (1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में) सांसद बने.
योगी ने किया था हिंदू युवा वाहिनी का गठन
योगी आदित्यनाथ ने अपनी निजी सेना हिंदू युवा वाहिनी का निर्माण किया जो गौ सेवा करने व हिंदू विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए बनाई गई. हिंदू युवा वाहिनी ने गोरखपुर में ऐसा माहौल तैयार किया, जिसके चलते आज तक उन्हें कोई चुनौती नहीं दे सका. एक तेजतर्रार राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छवि योगी आदित्यनाथ ने बना ली थी.
45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे योगी
2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो सीएम के लिए कई चेहरे दावेदार थे, लेकिन बाजी योगी आदित्यनाथ के हाथ लगी. 45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बनने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपने फैसलों से अपनी राजनीतिक इच्छा को जाहिर कर दिया. एंटी रोमिया स्क्वॉयड से लेकर एनकाउंटर पॉलिसी तक...योगी आदित्यनाथ सरकार कई बार सुर्खियों में रही.
फिर से बीजेपी का चेहरा हैं योगी आदित्यनाथ
2022 के चुनाव में एक बार फिर बीजेपी दोबारा सत्ता में आने के लिए मेहनत कर रही है और उसका चेहरा फिर से योगी आदित्यनाथ हैं. कानून व्यवस्था समेत कई अहम मुद्दों पर योगी आदित्यनाथ के फैसले को लेकर बीजेपी जनता के बीच जा रही है. अब देखना होगा कि यूपी के सिंहासन पर योगी आदित्यनाथ फिर से विराजमान हो पाते हैं या नहीं?
विशाल कसौधन