उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले की गैंसड़ी विधानसभा क्षेत्र की सीमा उत्तर में नेपाल से सटी है. सीमावर्ती क्षेत्र में सोहेलवा का घना जंगल है जिसमें थारु जनजातियां निवास करती हैं. ये जनजातियां आज भी देश और समाज की मुख्यधारा से कटी हैं. राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की ओर से स्थापित दीनदयाल शोध संस्थान भी इसी क्षेत्र के इमिलिया कोडर में है जिसका उद्देश्य थारू जनजाति का विकास था. थारू जनजातियां इस क्षेत्र की धरोहर हैं जिन्हें सहेजने की जरूरत है.
जंगल और प्राकृतिक जलाशय इस क्षेत्र की विशिष्ट पहचान हैं. कृषि प्रधान इस क्षेत्र में सबसे बडी समस्या सिंचाई की है. ये पूरा क्षेत्र असिंचित श्रेणी में आता है. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे गैसड़ी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों को भी सदन में भेजने का काम किया है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
गैंसड़ी विधानसभा सीट से साल 1952 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बलभद्र प्रसाद जीते तो 1957 में कांग्रेस के ही धर्मपाल. साल 1962 और 1967 में जनसंघ के सरदार बलदेव सिंह विधानसभा पहुंचे. 1969 और 1974 के चुनाव में जनसंघ के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे विजय पाल सिंह विजयी रहे. साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के बिंदु लाल गुप्ता जीते तो साल 1980 से 1989 तक ये सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. इस दौरान हुए तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस के टिकट पर इकबाल हुसैन तो एकबार कांग्रेस के अरुण प्रताप सिंह विधायक रहे.
साल 1991 बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे बिंदु लाल गुप्ता विजयी रहे तो 1993 में यहां से सपा के डॉक्टर एसपी यादव को जीत मिली. साल 1996, 1998 में बीजेपी के बिंदु लाल गुप्ता फिर से विधायक निर्वाचित हुए तो 2022 के चुनाव में सपा के डॉक्टर एसपी यादव. साल 2007 में बसपा के अलाउद्दीन खान ने जीत दर्ज की. 2012 में सपा के डॉ एसपी यादव फिर से विधायक चुने गए.
2017 का जनादेश
गैंसड़ी विधानसभा सीट के मतदाताओं ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में जनादेश दिया और शैलेश कुमार सिंह शैलू विधायक निर्वाचित हुए. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अलाउद्दीन खान को हराया था. सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पेशे से प्रोफेसर रहे डॉक्टर शिव प्रताप यादव तीसरे नंबर पर रहे थे. बीजेपी के शैलेश कुमार सिंह शैलू को 55716 मत प्राप्त हुए थे जबकि बसपा के अल्लाउद्दीन खान को 53413 वोट मिले थे. करीबी मुकाबले में शैलेश कुमार सिंह शैलू महज 2303 वोट से जीत मिली. सपा के डॉक्टर शिव प्रताप यादव को 46378 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
गैंसड़ी विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की भी अच्छी आबादी है. इस विधानसभा सीट पर समान्य वर्ग के मतदाता भी निर्णायक स्थिति में हैं. अनुमानों के मुताबिक यहां करीब 22 फीसदी सामान्य वर्ग के मतदाता हैं. करीब 22 फीसदी अनुसूचित जाति और 20 फीसदी ओबीसी वर्ग के मतदाता हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
गैंसड़ी विधानसभा सीट से साल 2017 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए 53 साल के शैलेश कुमार सिंह शैलू चरनगहिया गांव के रहने वाले हैं. शैलेश कुमार सिंह शैलू ने अपने सियासी सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. शैलेश कुमार सिंह शैलू लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं. शैलू की छवि एक कर्मठ और मिलनसार नेता की है.
गैंसड़ी विधानसभा क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी की समस्या प्रमुखता से है. यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का भी घोर अभाव है. बाढ़ की विभीषिका के कारण हर साल व्यापक नुकसान होता है. सिंचाई भी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है.
सुजीत कुमार शर्मा