Babaganj Assembly Seat: 2 बार से विधायक हैं निर्दलीय विनोद सोनकर, इस बार खिलेगा कमल?

बाबागंज विधानसभा सीट प्रतापगढ़ जिले की सुरक्षित सीट है. ये राजा भैया के प्रभाव क्षेत्र में आती है. पिछले दो चुनाव से राजा भैया समर्थित निर्दल विनोद सोनकर इस सीट से विधायक हैं.

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यूपी Assembly Election 2022 बाबागंज विधानसभा सीट यूपी Assembly Election 2022 बाबागंज विधानसभा सीट

aajtak.in

  • प्रतापगढ़,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:34 PM IST
  • प्रतापगढ़ जिले की सुरक्षित सीट है बाबागंज विधानसभा
  • राजा भैया समर्थित निर्दलीय हैं विधायक विनोद सोनकर

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक विधानसभा सीट है बाबागंज. बाबागंज विधानसभा क्षेत्र कुंडा विधानसभा सीट के करीब ही है. बाबागंज विधानसभा क्षेत्र में भी जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का अच्छा प्रभाव माना जाता है. बाबागंज सीट से पिछले दो चुनाव से निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिल रही है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि 

बाबागंज विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. इस विधानसभा सीट के लिए साल 2012 के चुनाव में पहली दफे मतदान हुआ था. बाबागंज सुरक्षित विधानसभा सीट से 2012 के चुनाव में राजा भैया समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार विनोद सोनकर विधायक निर्वाचित हुए थे.

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2017 का जनादेश

बाबागंज विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पवन कुमार को मैदान में उतारा था. राजा भैया समर्थित उम्मीदवार के तौर पर फिर से निर्दलीय ही विनोद सोनकर चुनाव मैदान में थे. निर्दलीय उम्मीदवार विनोद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के पवन कुमार को 37 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था.

सामाजिक ताना-बाना

बाबागंज विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा सीट की गिनती अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति बाहुल्य सीटों में होती है. बाबागंज विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में क्षत्रिय मतदाताओं के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

बाबागंज विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक विनोद सोनकर का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. विनोद सोनकर सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कराए गए कार्य गिना रहे हैं. दूसरी तरफ सियासी दलों के नेता विधायक के दावे को सिरे से खारिज कर रहे हैं.

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(रिपोर्ट- सुनील यादव)

 

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