अमित शाह के जाट दांव का काउंटर? जयंत-अखिलेश जाट बहुल मुजफ्फरनगर में मिलकर देंगे जवाब

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जाट वोटों को लेकर बीजेपी और सपा-आरएलडी गठबंधन के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को दिल्ली में जाट नेताओं के साथ बैठक की. अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉफ्रेंस करके जाट समुदाय को सियासी संदेश देने की कोशिश करेंगे.

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जयंत चौधरी और अखिलेश यादव जयंत चौधरी और अखिलेश यादव

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST
  • अमित शाह ने जाट नेताओं के साथ किया बैठक
  • जाट वोटों को साधने साथ उतरेंगे जयंत-अखिलेश
  • यूपी में शुरुआती चरणो में जाट वोटर निर्णायक हैं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के शुरुआती दो चरणों की वोटिंग जाटलैंड कहे जाने वाले पश्चिमी यूपी की सीटों पर है. ऐसे में जाट वोटों की नाराजगी बीजेपी के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. इतना ही नहीं सपा-आरएलडी के गठबंधन के सियासी समीकरण ने भी उसे मुश्किल में डाल दिया है. ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जाटों की नाराजगी दूर करने में जुट गए हैं और उन्होंने जाट समुदाय को साधने की कवायद की है. वहीं, आरएलडी प्रमुख जयंत और सपा अखिलेश यादव जाट बहुल मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉफ्रेंस करके जाट समुदाय को बड़ा सियासी संदेश देने जा रहे हैं. यह पीसी शुक्रवार को दोपहर एक बजे होगी.

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जयंत-अखिलेश देंगे हर सवाल का जवाब

आरएलडी नेता समरपाल सिंह ने बताया कि जयंत चौधरी और अखिलेश यादव शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में संयुक्त रूप से प्रेस कॉफ्रेंस करेंगे और हर सवाल का जवाब देंगे. अमित शाह के जाट समुदाय के साथ हुई बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी ने साफ कर दिया है कि उनका गठबंधन सपा के साथ है. इसके अलावा अमित शाह के तमाम सवालों को भी जयंत चौधरी प्रेस कॉफ्रेंस में जवाब देंगे और ये भी बताएंगे कि दिल्ली में हुई बैठक में जाट समुदाय का कोई प्रमुख व्यक्ति शामिल नहीं था बल्कि ये बीजेपी नेताओं की बैठक थी. जाट समाज तो गांव में बैठा और चुनाव का इंतजार कर रहा है कि कैसे इन्हें सबक सिखाएं. 

बीजेपी सांसद के घर जाट नेताओं की बैठक
 

बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने अपने आवास पर जाट समाज के नेताओं की पंचायत की, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे. अमित शाह जाट समुदाय के तमाम नेताओं के जरिए पश्चिमी यूपी में जाटों को भाजपा के पाले में लाने की कोशिश करते दिखे, जिससे सूबे में जीत की राह आसान हो सके. इस दौरान जयंत चौधरी को भी बीजेपी के साथ आने का न्योता दिया गया. 

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बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर जाट समुदाय नेताओं के साथ बैठक करने बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहा है कि जयंत चौधरी के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा खुले हैं.  साथ ही प्रवेश वर्मा ने भी कहा कि जयंत चौधरी ने गलत रास्ता चुना है. जाट समुदाय के लोग उनसे बात करेंगे और उनके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं.

बीजेपी के ऑफर को जयंत चौधरी ने ठुकरा दिया है और जवाब दिया का आरएलडी का उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए सपा से गठबंधन किया है. जयंत ने कहा कि कहा कि घर बुलाने का न्योता मुझे नहीं, उन 700 से ज्यादा किसान परिवारों को दें जिनके घर उजाड़ दिए. जयंत ने कहा कि छात्रों के साथ हिंसा देश के भविष्य पर वार है. कृषि आंदोलन के दौरान जिस तरह से किसानों पर अत्याचार हुआ, उसे कैसे भुलाया जा सकता है.

जाट वोटों के बीच आरएलडी का दखल

बता दें कि किसान आंदोलन से आरएलडी के सियासी संजीवनी मिली है. जयंत चौधरी का पश्चिम यूपी में किसान और मजदूर वर्ग में, खासतौर से जाटों में फिर से प्रभाव बढ़ा है. ऐसे में भाजपा इस बात को लेकर चिंतित है कि जाट पश्चिम में आरएलडी को समर्थन करता है तो भाजपा को पुराना प्रदर्शन दोहराने में परेशानी होगी. इसी को लेकर अमित शाह जाटों से मिले, जिसके बाद परवेश वर्मा ने जयंत को भाजपा के साथ आने का ऑफर दिया है. 

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यूपी चुनाव का आगाज जाटलैंड से हो रही

यूपी के चुनाव की शुरुआत पश्चिमी यूपी से होनी है. पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होना है तो दूसरे चरण में 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इस तरह पहले सूबे में दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्‍यादातर इलाकों में चुनान होंगे, जहां जाट और मुस्लिम वोटर काफी अहम माने जाते हैं. इसीलिए  जाटों की चर्चा तेज हो गई है.

सूबे में भले ही जाट महज 3 फीसदी के बीच है,  लेकिन पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में इनका काफी असर है. पिछले कुछ चुनावों में यह समुदाय बीजेपी को भर-भरकर वोट करता रहा है. फिर चाहे वो 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव हों या 2017 के विधानसभा चुनाव. हालांकि, किसान आंदोलन के कारण इस बार जाट समुदाय नाराज चल रहे हैं, जो बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन रहा.

यही कारण है कि वह डैमेज कंट्रोल में लगी हुई है और इसकी कमान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. जाट नेताओं से मिलकर बीजेपी मान-मनौव्‍वल में लग गई है. वहीं, सपा और आरएलडी भी जाट वोटों को अपने साथ जोड़े रखने के लिए मशक्कत शुरू कर दी है. इसी कड़ी सपा प्रमुख अखिलेश यादव और जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर में एक साथ प्रेस को संबोधित करेंगे और जाट समुदाय को साधे रखने के लिए अपना एजेंडा साफ करेंगे.

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