दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी (AAP) अपना सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक दिल्ली के स्कूलों की कायापलट को बता रही है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प जिस शख्स ने किया उनका नाम है मनीष सिसोदिया, जिन्होंने दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री रहते हुए यह काम किया. निर्वाचन आयोग में इन्होंने जो एफिडेविट जमा किया उसमें कुछ ऐसी जानकारी है जिस पर एक बारगी तो विश्वास ही नहीं होता. (Photo: Facebook)
अमूमन राजनीति में माना जाता है कि जो सरकार में मंत्री पदों पर हैं, उनकी इनकम साल दर साल बढ़ती ही रहती है लेकिन मनीष सिसोदिया के एफिडेविट के अनुसार, इनकी इनकम हर साल घट रही है. यह हर साल 'गरीब' हो रहे हैं जबकि सरकारी स्कूलों की कायापलट में इनका उल्लेखनीय काम रहा है.
एफिडेविट में दी गई जानकारी के अनुसार, मनीष सिसोदिया की सालाना इनकम 2014-2015 में 3,90,833 थी जो 2015-2016 में घटकर 2,62,505 रह गई. 2016-2017 में इनकम 2,50,350 और 2017-2018 में 2,47,904 रह गई. सत्ता के अपने अंतिम साल में इनकी इनकम घटकर 2,45,827 ही रह गई. (Photo: Facebook)
दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के चर्चित चेहरे और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नामांकन भरने से पहले पदयात्रा निकालकर लोगों से वोट देने की अपील की. गुरुवार को मनीष सिसोदिया पार्टी समर्थकों के साथ पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र की अलग-अलग गलियों में पहुंचे. (Photo: Facebook)
दिल्ली की पहली विधानसभा का गठन 1993 में हुआ था और इस बार यहां पर सातवां विधानसभा चुनाव कराया जा रहा है. इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंत्री परिषद हुआ करती थी. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में इस बार महज एक चरण में मतदान हो रहा है. 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. छठी दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो जाएगा. (Photo: Facebook)