शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से चुनाव लड़ रही उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने वंचित बहुजन अघाड़ी Vanchit Bahujan Aaghadi (VBA) प्रमुख प्रकाश अंबेडकर को धन्यवाद दिया है. सुप्रिया सुले ने बारामती से उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने और उन्हें अपना पूरा समर्थन देने के लिए प्रकाश अंबेडकर का शुक्रिया अदा किया है.
सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से बारामती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हूं. इस चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी ने मेरे खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है और मुझे अपना समर्थन दिया है. इस संबंध में मैं वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाशजी अम्बेडकर को हृदय से धन्यवाद देती हूं. यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि आप मेरे साथ खड़े हैं. यह आश्वासन देता है कि हम संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के लिए हमेशा मिलकर काम करेंगे. एक बार फिर धन्यवाद.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस-शिवसेना के उम्मीदवार उतारने से शरद पवार नाराज, बोले- गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे MVA के सहयोगी दल
गौरतलब है कि लंबे समय से महाराष्ट्र की बारामती सीट पर पवार परिवार का कब्ज़ा रहा है. दरअसल, इस वक्त एक ही परिवार के दो लोग एक ही सीट पर आमने सामने हैं. इस सीट पर पिछले तीन बार की सांसद सुप्रिया सुले के सामने उनकी ही भाभी यानी अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार सामने होंगी. ननद भाभी की लड़ाई एक ही सीट पर आ गई है.
शरद पवार गुट ने इस सीट पर सुप्रिया सुले को टिकट दिया है तो दूसरी तरफ एनसीपी ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा को उम्मीदवार बनाया है. बारामती सीट पर पवार परिवार के दबदबे को आप इस बात से समझ सकते हैं कि इस सीट से शरद पवार 6 बार लोकसभा सांसद रहे हैं जबकि उनकी बेटी सुप्रिया सुले तीन बार और भतीजे अजीत पवार एक बार सांसद रह चुके हैं. ऐसे में इस बात की संभावना प्रबल है कि यह सीट एक बार फिर से पवार परिवार के खाते में जा सकती है.
कैसा है विधानसभा का गणित
बारामती संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें - इंदापुर, बारामती, पुरंदर, भोर, खड़कवासला और दौंड शामिल हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में जहां बारामती और इंदापुर सीट पर एनसीपी ने जीत हासिल की थी तो वहीं पुरंदर और भोर पर कांग्रेस विजयी रही थी. इसके अलावा बीजेपी ने खड़कवासला और दौंड़ सीट अपने नाम की थी. यानि कुल मिलाकर एनसीपी, कांग्रेस और बीजेपी सभी ने 2-2 सीटें अपने नाम की थी.
बारामती में हैं 20 लाख से ज्यादा वोटर
बारामती खेती-किसानी के लिए मशहूर है. यहां ज्यादातर गन्ने की खेती होती है और यहां चीनी मिले भी हैं. इस लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 76.06% है. निर्वाचन आयोग के 2019 के डेटा के मुताबिक, बारामती सीट पर तब 2112408 मतदाता थे जिसमें इस बार निश्चित तौर पर बढ़ोतरी हुई है. मराठी वोटरों के दबदबे वाली इस बारामती सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 70 फीसदी और शहरी वोटरों की तादाद करीब 30 फीसदी है.
aajtak.in