महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पक्ष और विपक्ष, दोनों ही गठबंधनों के लिए बीरबल की खिंचड़ी साबित हो रहा है. सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार होने की बातें भी सामने आ रही हैं, उम्मीदवारों के ऐलान भी हो रहे हैं लेकिन सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान न तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाला सत्ताधारी एनडीए कर पा रहा है और ना ही कांग्रेस की अगुवाई वाला इंडिया ब्लॉक. सवाल यह उठ रहे हैं कि दोनों ही गठबंधनों में जब सबकुछ फाइनल है तब ऐलान करने में क्या समस्या है?
सीट शेयरिंग के ऐलान में देरी क्यों?
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं. उत्तर प्रदेश के बाद सीटों की संख्या के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में दोनों ही गठबंधनों में तीन-तीन मेन प्लेयर हैं. एनडीए में बीजेपी के साथ ही एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी हैं. विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी हैं.
दोनों ही गठबंधनों में यह तय बताया जा रहा है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन अब तक यह तय नहीं हो सका है कि कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेगी. एनडीए में जो सीटें तय हो चुकी हैं, वहां से संबंधित पार्टियां उम्मीदवारों का ऐलान भी कर रही हैं. लेकिन एक पेच यह भी है कि 'अबकी बार, 400 पार' का नारा देकर मैदान में उतरी बीजेपी सहयोगी दलों के उम्मीदवारों को भी अपनी कसौटी पर कस रही है, जीतने की संभावना का आकलन कर रही है. बीजेपी का अपनी सर्वे रिपोर्ट्स का हवाला देकर सीएम शिंदे से हातकणंगले और हिंगोली सीट पर उम्मीदवार बदलने के लिए कहना इसी का संकेत बताया जा रहा है.
NDA में इन सीटों पर कई पार्टियां दावेदार
एकनाथ शिंदे ठाणे सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं. शिंदे ने अपने इलाके की सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है तो बीजेपी के अपने तर्क हैं. बीजेपी के नेता यह तर्क दे रहे हैं कि शिंदे की शिवसेना में कोई ऐसा ताकतवर चेहरा नहीं है जो शिवसेना (यूबीटी) सांसद राजन विचारे को टक्कर दे सके.
केवल ठाणे ही नहीं, हिंगोली, नासिक और रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग सीट को लेकर भी एनडीए में रस्साकशी चल रही है. बीजेपी के लोकल नेता और कार्यकर्ता हिंगोली सीट से शिंदे की शिवसेना के उम्मीदवार उतारने का विरोध कर रहे हैं तो वहीं नासिक सीट से एनसीपी नेता छगन भुजबल की उम्मीदवारी के भी चर्चे हैं.
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नासिक सीट से फिलहाल शिंदे की पार्टी का सांसद है. रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग सीट से शिंदे की पार्टी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है तो वहीं यहां से बीजेपी के नारायण राणे भी दावेदारी कर रहे हैं. पालघर, सांभाजी नगर और धाराशिव सीट पर भी एनडीए के तीनों मुख्य घटक दल दावा कर रहे हैं.
'INDIA' ब्लॉक में 4-5 सीटों पर अटकी बात
सीटों का पेच केवल एनडीए ही नहीं, विपक्षी इंडिया ब्लॉक के लिए भी सिरदर्द बन गया है. बैठक पर बैठक के बाद भी इन सीटों का पेच है कि सुलझ नहीं रहा. सीट शेयरिंग को लेकर एक दिन पहले भी शरद पवार के आवास पर तीनों दलों के नेताओं की बैठक हुई लेकिन सहमति नहीं बन सकी.
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महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सीट शेयरिंग का मसला जल्द सुलझा लिया जाएगा, बातचीत की जा रही है. एमवीए में चार-पांच सीटों को लेकर पेच फंस रहा है. एमवीए नेताओं के मुताबिक सांगली, भिवंडी, सतारा के साथ ही मुंबई उत्तर पश्चिम और मुंबई दक्षिण मध्य सीट को लेकर सहमति नहीं बन पाई है.
किस गठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूला क्या?
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर जिस फॉर्मूले की चर्चा हो रही है, उसके मुताबिक बीजेपी सबसे अधिक 28 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सीएम शिंदे की शिवसेना 14 और अजित पवार की एनसीपी पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसी तरह विपक्षी गठबंधन में 22-18-8 के फॉर्मूले की चर्चा है. इसके मुताबिक शिवसेना (यूबीटी) 22, कांग्रेस 18 और शरद पवार की पार्टी आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि, यह बस चर्चा है. दोनों में से किसी भी गठबंधन ने आधिकारिक रूप से सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान अभी नहीं किया है.
बिकेश तिवारी