'शर्मा, सिंह क्यों जोड़ते हैं... राम लिखें, तब मानेंगे सच्चा भक्त', अयोध्या में बोले जीतनराम मांझी

लोकसभा चुनाव से पहले जीतनराम मांझी यूपी में रामलला के दर्शन करने अपने परिवार के साथ पहुंचे. यहां उन्होंने बताया कि वे आखिर कब नामांकन दाखिल करेंगे और अपनी आगे की रणनीति को लेकर उनकी क्या योजना है.

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अयोध्या पहुंचकर जीतनराम मांझी ने रामलला के दर्शन किए. अयोध्या पहुंचकर जीतनराम मांझी ने रामलला के दर्शन किए.

बनबीर सिंह

  • अयोध्या/पटना,
  • 24 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के चीफ जीतन राम मांझी शनिवार को परिवार सहित अयोध्या पहुंचे. यहां उन्होंने रामलला के दर्शन करते हुए खुद को सबसे बड़ा राम भक्त बताया. उन्होंने कहा कि उनका नाम जीतन राम है. 28 मार्च को नामांकन करने की बात कहते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. बिहार में होने वाले लोकसभा चुनाव में लालू यादव के किसी करिश्मे के चलने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि अगर करिश्मा चलेगा तो केवल नरेंद्र भाई मोदी का.

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पशुपति पारस के अलग होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मांझी ने कहा कि अगर वो (पशुपति पारस) एनडीए में रहते तो बहुत कुछ मिलता. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कंसते हुए कहा कि जब INDIA ब्लॉक बन रहा था, उस समय ही उनको पता था की यह सफल नहीं होगा, क्योंकि सभी प्रधानमंत्री के दावेदार थे.

महतो की पत्नी को टिकट मिलने पर क्या बोले

जीतनराम मांझी ने गैंगस्टर अशोक महतो की पत्नी को आरजेडी से टिकट देने के मुद्दे लालू यादव को तो निशाना बनाया ही, साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि इसके पहले नीतीश ने कविता सिंह को भी टिकट दिया था, जिनके पति की छवि भी अशोक की तरह ही थी.

शहाबुद्दीन को भी लालू ने ही दिया था टिकट

जीतन राम मांझी ने कहा कि शहाबुद्दीन को भी उन्होंने (लालू यादव) टिकट दिया था. इस प्रकार से अभी दिया गया है तो कोई आश्चर्य नहीं है. टिकट देने के पीछे उनकी बहुत सारी मंशाएं हैं. जब कविता सिंह चुनकर आई थीं तो उन्होंने भी पितृपक्ष में शादी कर ली थी. उनके पति भी इसी नेचर के थे. नीतीश कुमार ने कहा था कि तुम शादी करके आओ. हम तुमको टिकट नहीं देंगे, तुम्हारी पत्नी को देंगे. टिकट मिला, चुनाव जीतीं. इसलिए हम केवल उन्हें (लालू) दोष नहीं देंगे.

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मांझी ने बताया- रामलला से अटूट संबंध कैसे

मांझी ने आगे कहा,'रामलला हमारे अभी के नहीं हैं, हमारे परंपरागत आस्था का विषय हैं. हमारा जो संबंध है, उसमें माता शबरी को हम परंपरागत मां मानते हैं. जब रामचंद्र जी ने उनको दर्शन दिया और उन्होंने रामचंद्र जी को सहारा दिया तो रामचंद्र जी से हमारा संबंध कैसे टूटेगा. इसलिए हम लोग परंपरागत श्रीरामचंद्र जी के भक्त रहे हैं. हम तो ताना देते हैं समाज को, जो समाज कहता है कि हम रामभक्त हैं. कैसे राम भक्त हैं हम जीतनराम हैं. नाम के साथ राम जुड़ा है. वह लोग शर्मा, सिंह, क्यों जोड़ते हैं. वह भी राम लिखें तब हम मानें कि वह राम के सच्चे भक्त हैं.'

PM मोदी ने हमें बहुत सम्मान दिया: मांझी

उन्होंने कहा,'जब एनडीए में आए तो एनडीए में सिर्फ और सिर्फ मोदीजी की प्रतिष्ठा और प्यार हमारे प्रति है. इसलिए हम आए थे. कंडीशनल उनके साथ समर्थन में रहे. हमने कहा कि जो मर्जी होगी, हम उसी को संतुष्टि से ले लेंगे और उन्होंने ऐसा किया. हमारे बच्चे को एमएलसी बनाया और उसको मंत्री बनाया. पहले एक विभाग था. आज तीन विभाग है. हमको भी ले गए अंतरराष्ट्रीय जगह पर. इस तरह से नरेंद्र मोदीजी ने हमें बहुत सम्मान दिया. इसमें नीतीश कुमारजी ने भी साथ दिया.' 

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