'आपकी कीमत क्या है?', BJP कैंडिडेट अभिजीत गंगोपाध्याय के विवादित बयान पर EC का एक्शन, 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक!

कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और तमलुक सीट से बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय विवादों में घिर गए हैं. चुनाव आयोग ने गंगोपाध्याय के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है. गंगोपाध्याय के खिलाफ टीएमसी ने शिकायत की थी और सीएम ममता बनर्जी पर अमर्यादित टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाया था.

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अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ टीएमसी ने शिकायत की थी. अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ टीएमसी ने शिकायत की थी.

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 21 मई 2024,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और तमलुक सीट से बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय विवादों में घिर गए हैं. चुनाव आयोग ने गंगोपाध्याय के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है. वे 21 मई की शाम 5 बजे से चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे. आयोग ने गंगोपाध्याय को अपने सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की भी सख्त चेतावनी दी है. चुनाव आयोग ने अभिजीत की टिप्पणियों की निंदा की और इसे निम्न स्तर का व्यक्तिगत हमला और महिलाओं का सीधा अपमान बताया है. 

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चुनाव आयोग ने कहा, अभिजीत गंगोपाध्याय का ऐसा बयान जो किसी भी महिला के संबंध में उपयोग किए जाने पर पूरी तरह से निंदनीय है. किसी वरिष्ठ राजनीतिक नेता की बात छोड़िए. एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को निशाना बनाया गया है. ईसीआई ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी सलाह दी है कि वे अपनी पार्टी की ओर से सभी उम्मीदवारों और प्रचारकों को एक एडवाइजरी जारी करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावी अभियान के दौरान यह चूक दोबारा ना हो.

इससे पहले आयोग ने अभिजीत को नोटिस भेजा था और जवाब मांगा था. अब आयोग ने कहा, हमने अभिजीत के जवाब को ध्यान से पढ़ा है और दिए गए बयान को फिर से देखा है और आश्वस्त हैं कि उन्होंने निम्न स्तर का व्यक्तिगत हमला किया है और इस प्रकार आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उल्लंघन किया है. ईसीआई का कहना है कि अतीत और वर्तमान में महिलाओं को भारतीय समाज में सर्वोच्च सम्मान मिला है और भारतीय संविधान और देश की सभी संस्थाओं ने सभी मोर्चों पर महिलाओं के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने और उन्हें और अधिक सशक्त बनाने के विचारों और आदर्शों को लगातार आगे बढ़ाया है.

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ईसीआई का कहना है कि आयोग चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और भागीदारी को मजबूत करने में लगा है. जबकि इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन और वोटर टर्नआउट में जेंडर गैप में काफी सुधार हुआ है और वास्तव में महिलाएं आगे बढ़ी हैं. आयोग का कहना था कि इस तरह के घृणित शब्द अभिजीत गंगोपाध्याय की एजुकेशनल और प्रोफेशनल बैकग्राउंड से जुड़े व्यक्ति ने कहे हैं. इसलिए वो किसी भी लाभ के हकदार नहीं हैं. अभिजीत के शब्दों ने पश्चिम बंगाल को नुकसान और बदनामी पहुंचाई है, जहां महिलाओं के सम्मान की एक विशिष्ट परंपरा है.

बता दें कि अभिजीत के खिलाफ टीएमसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. टीएमसी का कहना था कि गंगोपाध्याय ने सीएम ममता बनर्जी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है.

अभिजीत गंगोपाध्याय ने क्या कहा था....

अभिजीत गंगोपाध्याय ने 15 मई को हल्दिया में चुनावी सभा को संबोधित किया था और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी की थी. कथित वीडियो में अभिजीत को हालिया संदेशखाली स्टिंग का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी की 'कीमत' पर सवाल उठाते सुना जा रहा है. इस वीडियो में अभिजीत कहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि रेखा पात्रा (बीजेपी की संदेशखाली उम्मीदवार) को 2,000 रुपये में खरीदा गया है. आपकी कीमत क्या है, ममता बनर्जी? यदि आपको 8 लाख रुपये दिए जाते हैं तो आप एक नौकरी देती हैं. यदि आपको 10 लाख रुपये दिए जाते हैं तो आप एक नौकरी देती हैं. राशन दूसरे देश ले जाया जाता है... क्या आपकी कीमत 10 लाख रुपये है? क्या रेखा पात्रा को खरीदना आसान है, क्योंकि वो गरीब है?  अभिजीत ने आगे सवाल किया कि एक महिला दूसरी महिला पर ऐसे आरोप कैसे लगा सकती है. क्या वा (ममता बनर्जी) भी एक महिला हैं? 

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हालांकि, आजतक वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.

टीएमसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी 

गंगोपाध्याय की टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस ने नाराजगी जताई और चुनाव आयोग से शिकायत की. एक्स पर पोस्ट में तृणमूल कांग्रेस ने अभिजीत को घोर नारी विरोधी बताया और कहा, बंगाल की माताएं और बहनें यह कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगी. टीएमसी का कहना था कि अभिजीत ने भारत की एकमात्र महिला सीएम ममता बनर्जी पर कथित मूल्य लगाने की कोशिश करके शालीनता की सीमाएं पार कर दी हैं. इसलिए ना सिर्फ उनका, बल्कि बंगाल की सभी महिलाओं का अपमान किया जा रहा है. बंगाल में इस तरह के घोर स्त्रीद्वेष के लिए कोई जगह नहीं है और नारी-विरोधियों के एजेंटों को हमारी माताएं और बहनें कभी बर्दाश्त नहीं करेंगी. हम उनकी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं और चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं.

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