ज्‍योतिरादित्‍य सिंधियाः राजघराने से लेकर राजनीति तक की विरासत संभाल रहे

47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं. ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में 1 जनवरी 1971 को पैदा हुए ज्योतिरादित्य कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. अभी गुना सीट से सांसद हैं. गुना संसदीय से सीट से वह लगातार चौथी बार सांसद चुने गए हैं.

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गुना के सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया.(FILE) गुना के सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया.(FILE)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2019,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST

47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं. ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में 1 जनवरी 1971 को पैदा हुए ज्योतिरादित्य कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. अभी गुना सीट से सांसद हैं. गुना संसदीय से सीट से वह लगातार चौथी बार सांसद चुने गए हैं. वे कांग्रेस के पूर्व मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के पुत्र हैं.

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देश के धनाढ्‍य व्यक्तियों में से एक हैं. 15वीं लोकसभा के ऊर्जा राज्‍यमंत्री हैं. सिंधिया से कांग्रेस के भविष्‍य की उम्‍मीदें हैं. कांग्रेस के युवा नेताओं की फेहरिस्त में शुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया सियासी माहौल में पले-बढ़े हैं.

पारिवारिक जीवनः स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दून स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से ऑनर्स और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया. इसके बाद ज्योतिरादित्य ने अमेरिका में ही 4 साल लिंच, संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क और मार्गेन स्टेनले में काम का अनुभव लिया.

12 दिसंबर, 1994 को ज्योतिरादित्य की शादी राजकुमारी प्रियदर्शनी राजे से हुई. ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी का जन्म गुजरात के बड़ौदा, गायकवाड़ राजघराने में हुआ था. ज्योतिरादित्य और प्रियदर्शनी के दो बच्चे महाआर्यमन सिंधिया और अनन्या राजे सिंधिया हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी देश की सबसे खूबसूरत राजकुमारियों में से एक हैं. 2012 में वे 50 सबसे खूबसूरत महिलाओं में शामिल थीं. ज्योतिरादित्य सिंधिया को खेलों में खासकर क्रिकेट में भी खासा दिलचस्पी है. क्रिकेट के साथ-साथ उन्हें स्विमिंग भी पसंद है. सिंधिया को किताबें पढ़ने और वाइल्ड लाइफ एडवेंचर का भी काफी शौक है.

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राजनीतिक यात्राः पिता की विरासत संभालने के लिए राजनीति में आए

30 सितंबर, 2001 को विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई. फिर ज्योतिरादित्य राजनीति में आए. 2002 लोकसभा में उन्‍हें सर्वप्रथम चुना गया, 2004 में 14वीं लोकसभा में उन्‍हें दोबारा चुना गया. सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 6 अप्रैल, 2008 को पहली बार मनमोहन सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री बनाया गया. जब मनमोहन सिंह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो सिंधिया को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबियों में गिने जाते हैं. सिंधिया अक्सर राहुल गांधी के साथ नजर आते हैं.

गुना सीट: मोदी लहर में भी जीते थे ज्योतिरादित्य सिंधिया

मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट सिंधिया परिवार का गढ़ है. इस सीट पर सिंधिया राजघराने के सदस्य का ही राज रहा है. ग्वालियर के बाद गुना ही वो लोकसभा सीट है जहां से सिंधिया परिवार चुनाव लड़ना पसंद करता है. 'ग्वालियर की राजमाता' विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और  ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर ज्यादातर जीतते आए हैं. फिलहाल पिछले 4 चुनावों से इस सीट पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही जीत मिली है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के जयभान सिंह को 120792 वोटों से शिकस्त दी थी.

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2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को हराया था. इस चुनाव में सिंधिया को 517036(52.94 फीसदी) वोट मिले थे और पवैया को 396244(40.57 फीसदी) वोट मिले थे.दोनों के बीच हार जीत का अंतर 120792 वोटों का था. वहीं बसपा के लखन सिंह 2.81 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले 2009 के चुनाव में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को जीत मिली थी. उन्होंने इस बार बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा को हराया था. सिंधिया को 413297(63.6 फीसदी) वोट मिले थे तो नरोत्तम मिश्रा को 163560(25.17 फीसदी) वोट मिले थे. सिंधिया ने 249737 वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं बसपा 4.49 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी.

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