बीकानेर लोकसभा सीट पर भाजपा की तरफ से अर्जुन राम मेघवाल एक बार फिर उम्मीदवार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में अभी वे केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा विकास, संसदीय कार्य मंत्री हैं. 7 दिसंबर 1954 को जन्मे अर्जुन राम मेघवाल प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं. 1977 में कानून में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की. 1979 में आर्ट्स में स्नातकोत्तर पूरी की. 1982 में उन्होंने आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण की. राजस्थान उद्योग सेवा के लिए चुने गए. अर्जुन राम मेघवाल जिला उद्योग केंद्र में सहायक निदेशक के रूप में नियुक्त हुए. राजस्थान के झुंझुनू, धौलपुर, राजसमंद, जयपुर, अलवर और श्रीगंगानगर के जिल उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के रूप में काम किया.
कई प्रशासनिक पदों पर निभाई है जिम्मेदारी
वर्ष 1994 में, उन्हें राजस्थान के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री हरिश्चंद्र भाभा को विशेष ड्यूटी (ओएसडी) के अधिकारी नियुक्त किया गया था. उसी वर्ष, उन्हें राजस्थान उद्योग सेवा पेरिस के लिए राज्य अध्यक्ष के रूप में चुना गया. फिर, उन्हें बाड़मेर में अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) बनाया गया. उन्होंने डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी, राजस्थान के महासचिव के चुनाव जीता. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (आईएएस) में पदोन्नति भी की. कई प्रशासनिक पदों पर काम किया जैसे कि उप सचिव, तकनीकी शिक्षा; विशेष सचिव, उच्च शिक्षा राजस्थान के प्रबंध निदेशक, अपर आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग; जिला कलेक्टर और जिला न्यायाधीश.
राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 से
राजनीति में शामिल होने के लिए उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वीआरएस ले ली. 2009 में, बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बने. सामान्य चुनाव 2014 में, उन्हें 16वीं लोकसभा के लिए बीकानेर सीट से फिर चुना गया. एक सांसद के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, वह लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक थे. लोकसभा के अध्यक्ष ने भी उन्हें लोक समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया. मेघवाल को 2016 को वित्त राज्य मंत्री बनाया गया.
बीकानेर की राजनीतिक पृष्ठभूमि
राजस्थान के बीकानेर लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो 2009 में परीसीमन के बाद से यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पिछले 3 लोकसभा चुनाव से बीकानेर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. पिछले दो चुनाव से बीजेपी के अर्जुन राम मेघवाल इस सीट से जीतते आ रहे हैं. मेघवाल इस समय केंद्र सरकार में मंत्री है. साल 2004 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर फिल्मस्टार धर्मेंद्र बीकानेर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. आजादी के बाद बीकानेर में अब तक 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें 6 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी, 1 बार भारतीय लोकदल, 1 बार सीपीएम और 4 बार निर्दलीय का कब्जा रहा. 1957 से 1971 तक इस सीट पर महाराजा करनी सिंह 4 बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सांसद रहें.
साल 1977 में जनता लहर में बीएलडी के हरिराम गोदारा, 1980 और 1984 में कांग्रेस के मनफूल सिंह, 1989 में सीपीएम के सोपत सिंह, 1991 में एक बार फिर कांग्रेस के मनफूल सिंह, 1996 में बीजेपी के महेंद्र सिंह भाटी, 1998 में कांग्रेस नेता बलराम जाखड़, 1999 में कांग्रेस के जाट नेता रामेश्वर डूडी बीकानेर लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
पिछले चुनावों के ट्रेंड पर नजर डालें तो बीकानेर में राजपूत, ब्राह्मण बीजेपी के समर्थक रहें, जबकि जाट, मुस्लिम और दलित कांग्रेस का समर्थन करते आएं. 2009 के परीसमन से पहले इस सीट पर जाटों का दबदबा था लेकिन परीसीमन के बाद नागौर जिले की जायल विधानसभा के हट जाने से इस सीट पर दलितों की आबादी ज्यादा हो गई.
सामाजिक ताना-बाना
साल 2014 के आम चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक बीकानेर संसदीय सीट पर मतदाताओं की संख्या 15,91,068 है, जिसमें 8,47,064 पुरुष और 7,44,004 महिला मतदाता हैं. बीकानेर में हिंदू आबादी 78 फीसदी और मुस्लिम आबादी 15 फीसदी है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी का 22.91 फीसदी अनुसूचित जाति और .37 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं.
बीकानेर संसदीय सीट के अंतर्गत जिले की सात विधानसभा सीट-बीकानेर पूर्व, बीकानेर पश्चिम, कोलायत, खाजूवाल, लूणकसर, श्री डूंगरगढ़, नोखा के अलावा श्रीगंगानगर की एक विधानसभा अनूपगढ़ शामिल हैं. हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीकानेर पूर्व, लूणकसर, नोखा और अनूपगढ़ सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया, जबकि कोलायत, खाजूवाल और बीकानेर पश्चिम पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. वहीं श्रीडूंगरगढ़ सीट पर सीपीएम ने जीत दर्ज की.
2014 का जनादेश
साल 2014 के आम चुनावों में बीकानेर लोकसभा सीट पर 58.4 फीसदी वोटिंग हुई थी. इस सीट पर प्रमुख मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच थी. बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अर्जुनराम मेघवाल ने कांग्रेस के शंकर पन्नू को 3,08,079 मतों के भारी अंतर से हराते हुए लगातार दूसरी बार इस सीट पर कब्जा जमाया. बीजेपी से अर्जुनराम मेघवाल को 5,84,932 मिले थे जबकि शंकर पन्नू को 2,76,853 वोट मिले थें.
ऋचीक मिश्रा