नीलगिरी संसदीय क्षेत्र तमिलनाडु के 39 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है जिसका गठन 1952 में किया गया था. इसके अंर्तगत कुल छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं . जिनमें भवानीसागर(SC), उधगमंडलम, गुडलूर(SC), कुन्नूर, मेट्टुपलायम और अविनाशी(SC) शामिल हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र के संसद के वर्तमान सीटिंग सदस्य एआईएडीएमके के गोपालकृष्णन हैं.
सामाजिक ताना-बाना
निर्वाचन आयोग 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक, नीलगिरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 19) में कुल 1,003,168 मतदाता हैं, जिनमें से 498,761 महिलाएं और 504,407 पुरुष हैं.
नीलगिरी जिले के अंर्तगत कुल छह तालुका आती हैं और इसका मुख्यालय ऊंटी है. यह 5,352 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है. पूरी तरह से एक पर्वत श्रृंखला में स्थित है और इसकी औसत ऊंचाई 2,789 मीटर है. यह केरल के साथ राज्य की पश्चिमी सीमा पर स्थित है.
2011 की भारत की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, नीलगिरी जिले की जनसंख्या 735,394 है, जिसमें 48% पुरुष और 52% महिलाएं हैं.
2001 और 2011 के बीच, यहां की जनसंख्या 3.51% की दर से कम हो गई और यहां दर्ज जनसंख्या घनत्व 287 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है जो इसे तमिलनाडु का दूसरा सबसे कम आबादी वाला जिला बनाता है.
कुल आबादी में बच्चों का आंकड़ा 9 फीसदी है और 1000 पुरुषों पर 1042 महिलाएं हैं. जिले की औसत साक्षरता दर 86% है, जिसमें पुरुष और महिला साक्षरता दर क्रमशः 92% और 79% है.
नीलगिरी सीट पर 2014 का जनादेश
साल 2014 में हुए चुनाव में नीलगिरी सीट पर AIADMK के गोपालकृष्णन ने 463700 (49.7%)वोटों के साथ DMK के ए राजा को 1,04, 940(38.45%) वोटों के अंतर से मात दी थी. ए राजा को इस चुनाव में 358760 वोट मिले थे.
नीलगिरी सीट पर 2009 का जनादेश
साल 2009 के चुनाव में इस सीट पर DMK के अंदीमुथु ने MDMK के सी कृष्णन को 86,021वोटों से शिकस्त देने में कामयाबी पाई थी. इस चुनाव में DMK प्रत्याशी को 316802 और MDMK प्रत्याशी को 230781 वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
नीलगिरी संसदीय सीट से वर्तमान सांसद गोपालकृष्णन चिन्नाराज(56)ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके ) से हैं. 17 फरवरी 1962 को जन्मे गोपालकृष्णन पेशे से वकील हैं. उन्होंने एमए, एमफिल (समाजशास्त्र), एमफिल (इएनपी), एलएलबी की डिग्री हासिल की हुई है. उनकी पत्नी का नाम जी. सुशीला है. 16वीं लोकसभा के कार्यकाल में उन्होंने संसद की कुल 35 चर्चाओं में हिस्सा लिया और 512 सवाल पूछे.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
नीलगिरी जिले के अंर्तगत कुल छह तालुका आती हैं और इसका मुख्यालय ऊंटी है. यह 5,352 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है. पूरी तरह से एक पर्वत श्रृंखला में स्थित है और इसकी औसत ऊंचाई 2,789 मीटर है. यह केरल के साथ राज्य की पश्चिमी सीमा पर स्थित है.
तमिल और अंग्रेजी यहां सबसे अधिक प्रचलित भाषाएं हैं, हालांकि स्थानीय लोगों द्वारा बडगा भी बोली जाती है. बागवानी और पर्यटन यहां की प्राथमिक आर्थिक गतिविधियां हैं, जिसमें चाय, कॉफी और नीलगिरी की खेती सामान्य है.
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राहुल झारिया