दिल्ली पूर्व लोकसभा सीट: बीजेपी और कांग्रेस को मिल रही AAP से चुनौती

Delhi East Loksabha constituency 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. दिल्ली पूर्व लोकसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है. चुनावों में ही पता चलेगा कि इस सीट पर किसका कब्जा होगा.

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बीजेपी सांसद महेश गिरी(फाइल फोटो) बीजेपी सांसद महेश गिरी(फाइल फोटो)

राहुल झारिया

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:46 AM IST

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट देश के राजनीतिक माहौल में एक निर्णायक संसदीय क्षेत्र है, क्योंकि इस सीट से कुछ अहम सांसद चुनकर आएं हैं, जिन्होंने भारत की राजनीति को काफी हद तक प्रभावित किया है. इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा संसद सदस्य बीजेपी के महेश गिरि हैं. आम आदमी पार्टी (AAP)ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यहां से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली पार्टी नेता आतिशी के नाम की घोषणा कर दी है.

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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित यहां से सांसद रह चुके हैं. दिल्ली पूर्व पर अब तक 1967 से लेकर 2014 तक 1997 के उपचुनाव समेत कुल 14 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें से कांग्रेस (आईएनसी) अब तक 6 बार जीत चुकी है और बीजेपी भी 6 बार यहां से जीत दर्ज कर चुकी है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

साल 1966 में गठित पूर्वी दिल्ली ने 1967 में अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा. 1967 में सीट के लिए हुए पहला चुनाव भारतीय जनसंघ के हरदयाल देवगन ने कांग्रेस के बी मोहन के विरुद्ध जीता था. उसके बाद 1971 में कांग्रेस के एचकेएच भगत ने भारतीय जनसंघ के हरदयाल देवगन को हराया.

1977 में यहां से बीएलडी के किशोर लाल ने एचकेएच भगत को पटखनी दे दी. 1980 में पांसा पलटते हुए एचकेएच भगत ने किशोर लाल(इस बार जेएनपी से) को हरा दिया.

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बात करें 1984 के आम चुनाव की तो जेएनपी और कांग्रेस ने पुराने चेहरों पर फिर से दांव लगाया. जिसमें कांग्रेस को कामयाबी मिली. 1989 को यहां से एचकेएच भगत ने तीसरी बार जीत करते हुए निर्दलीय चांद राम को शिकस्त दी.  

1991 में बीजेपी के बीएल शर्मा ने एचकेएच भगत को हराकर कांग्रेस से ये सीट छीन ली. 1996 में बीएल शर्मा ने कांग्रेस के दीपचंद बंधु का हराते हुए अपनी जीत बरकरार रखी.

1997 के उपचुनावों में बीजेपी के लाल बिहारी ने कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार वालिया को धूल चटा दी. 1998 में लाल बिहारी ने कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्ष‍ित को हार का मुंह देखने को मजबूर कर दिया.

1999 में हुए चुनाव में लाल बिहारी तिवारी को लगातार तीसरी बार कामयाबी मिली. इस बार उनके सामने थे कांग्रेस के एचएल कपूर. 2004 में कांग्रेस के संदीप दीक्षित भाग्यशाली निकले. उन्होंने तीन बार के विजयी सांसद लाल बिहारी तिवारी को हरा दिया. 2009 में भी संदीप दीक्षित यहां से दोबारा चुने गए. उन्होंने बीजेपी के चेतन चौहान को हराया.

2014 का जनादेश

2014 के चुनाव में बीजेपी के महेश गिरि ने 572202(47.83%) वोटों के साथ आम आदमी पार्टी के राजमोहन गांधी को 190463 वोट से शिकस्त दी. राजमोहन गांधी को कुल 381739(31.91%) वोट मिले थे. इस चुनाव में कांग्रेस के संदीप दीक्षित महज 203240(16.99%) वोटों के साथ तीसरे पायदान पर सिमट कर रह गए थे.

सामाजिक ताना-बाना

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2008 के संसदीय और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के तहत पूर्वी दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन 2008 में किया गया था. 17,07,725 लोगों की आबादी वाला ये संसदीय क्षेत्र दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है. यमुना नदी से घिरा, पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र दिल्ली के शाहदरा, गांधी बाग, प्रीत विहार और सीलमपुर को कवर करता है.

इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 10 विधानसभा आती हैं. जिनमें जंगपुरा, पड़पड़गंज, कृष्णा नगर, ओखला, लक्ष्मी नगर, गांधी नगर, त्र‍िलोकपुरी, विश्वास नगर, शाहदरा और कुंडली शामिल हैं.

इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,023,325 थी, जिनमें से 676,648 ने वोटिंग में भाग लिया. वहीं पंजीकृत 806,253 महिला वोटर्स में से 519,688 महिला वोटर्स ने भाग लिया था. इस तरह कुल 1,829,578 मतदाताओं में से कुल 1,196,336 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की.  

वर्तमान सांसद का रिपोर्ट कार्ड

दिल्ली पूर्व लोकसभा सीट से महेश गिरी वर्तमान में सांसद हैं. 8 फरवरी 1974 को जन्मे महेश गिरी ने महज स्कूली शिक्षा प्राप्त की है. वे अविवाहित है और पेशे से सामाजिक कार्यकर्ता हैं.

विकास कार्यों पर सांसद निधि से खर्च

जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी सांसद महेश गिरि ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 13.07 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 18.28  करोड़ (ब्याज के साथ) मिले हैं. इनमें से 5.21 करोड़ रुपये अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने जारी किए जा चुके रुपयों में से 73.26 फीसदी खर्च किया है.

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