छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 23 मई को वोटों की गिनती होगी और चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे. तीसरे चरण की वोटिंग से पहले 21 अप्रैल को चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा. चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है.
बिलासपुर लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस पार्टी ने अटल श्रीवास्तव, भारतीय जनता पार्टी ने अरुण साव, बहुजन समाज पार्टी ने उत्तम दास गुरू गोसाई, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने नंद किशोर राज, स्वाभिमान पार्टी ने पूरण लाल छाबरिया, भारतीय किसान पार्टी ने यमन बनर्जी, भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी ने राम कुमार घटलाहरे, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया ने ईजी रामफाल मंडरे, भारत भूमि पार्टी ने शंभू प्रसाद शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर कुल 25 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद लखन लाल साहू का टिकट काट दिया है. उनकी जगह अरुण साव को मौका दिया गया है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लखन लाल साहू ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस की उम्मीदवार करुणा शुक्ला को हराया था. पिछले चुनाव में लखन लाल साहू को 5 लाख 61 हजार 387 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 3 लाख 84 हजार 951 वोटों से संतोष करना पड़ा था. पिछले लोकसभा चुनाव में कुल 62.64 फीसदी मतदान हुआ था.
इससे पहले साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिलीप सिंह जूदेव ने जीत दर्ज की थी. उनको 3 लाख 47 हजार 930 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के रेणु जोगी को 3 लाख 27 हजार 791 वोट मिले थे. साल 2009 में बिलासपुर लोकसभा सीट पर 52.30 फीसदी मतदान हुआ था. इसके अलावा साल 2004 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था. उस बार बीजेपी के टिकट से पन्नूलाल ने जीत दर्ज की थी और कांग्रेस के डॉ बसंत को हराया था. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में पन्नू लाल को 3 लाख 24 हजार 729 वोट मिले थे, जबकि डॉ. बसंत को 2 लाख 43 हजार 176 वोटों से संतोष करना पड़ा था.
बिलासपुर लोकसभा सीट पर अब तक कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. साल 1952 से 1999 तक बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश का हिस्सा था. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद इस सीट पर पहली बार साल 2004 में चुनाव हुए. साल 1989 से इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा रहा है. पिछले आठ में से 7 चुनावों (1991 के अलावा) में बीजेपी ने इस सीट पर जीत का परचम लहराया. बिलासपुर से बीजेपी के पुन्नूलाल मोहले ने लगातार चार बार जीत दर्ज की.
बिलासपुर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. बिलासपुर अपने खूश्बूदार चावलों की विविधता के लिए भी मशहूर है. बिलासपुर शहर लगभग 400 साल पुराना है और इसका नाम मछुआरन महिला 'बिलासा' के नाम पर रखा गया है. कई प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आने के बावजूद बिलासपुर ने काफी विकास किया है. वर्तमान में बिलासपुर जिले में 8 तहसील, 7 ब्लॉक और 909 गांव आते हैं. इसे राज्य की न्यायधानी (लॉ कैपिटल) की उपाधि से नवाजा गया है.
इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 89 हजार 222 थी, जिनमें से 5 लाख 73 हजार 253 लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया. बिलासपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, जिनमें कोटा, तखतपुर, बेलतेरा, लोरमी, बिल्हा, मस्तूरी (एससी), मुंगेली (एससी) और बिलासपुर शामिल है.
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राम कृष्ण