बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट कर्नाटक की ऐसी सीट है जो लंबे वक्त से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ बनी हुई है. लेकिन इसी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे कांग्रेस के 2-2 नेता कभी राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. लिहाजा यह सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के लिए अहम है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता अनंत कुमार 6 बार बेंगलुरु दक्षिण सीट से सांसद रह चुके हैं. फिलहाल उनके निधन के बाद से यह सीट खाली है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट पर अब तक कुल 16 बार चुनाव हुए हैं जिनमें से 6 बार कांग्रेस को यहां जीत मिली है. तीन बार जनता पार्टी के उम्मीदवार ने यहां विजयी हासिल की और साल 1991 से लगातार 7 बार बीजेपी इस सीट से जीतती आ रही है. इसमें से 6 बार बीजेपी के अनंत कुमार यहां से विजयी हुए हैं. यह सीट पहले मैसूर स्टेट में थी लेकिन 1977 के बाद से यह सीट कर्नाटक राज्य का हिस्सा बनी. पहले इस सीट को बेंगलुरु के नाम से भी जाना जाता था.
इस सीट पर 2 बार कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच हनुमंथा भी कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा साल 1980-83 में राज्य के मुख्यमंत्री रहे आर गुंडू राव भी लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 8 विधानसभा सीटों में 5 पर बीजेपी का कब्जा है और 3 सीटें कांग्रेस के खाते में हैं.
सामाजिक तानाबाना
बेंगलुरु दक्षिण सीट के अंतर्गत करीब 20 लाख वोटर आते हैं जिनमें 10.5 लाख पुरुष और 9.5 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीट भी शामिल हैं. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 24 लाख आबादी रहती है जिसमें से पूरी सौ फीसद आबादी शहरी है. यहां अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या कुल का 8 फीसदी और आबादी में अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी (ST) 1.71 फीसदी है.
2014 का जनादेश
वैसे से तो साल 2014 के चुनाव से 23 साल पहले ही यह सीट बीजेपी के कब्जे में ही थी. लेकिन मोदी लहर में इस सीट पर अनंत कुमार ने अपने राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार और UIDAI के पूर्व चेयरमैन नंदन निलेकणी को करीब 2.28 लाख वोटों से हराया. कुमार को 6.33 लाख वोट हासिल हुए जबिक निलेकणी 4.05 लाख को भीतर सिमट गए. इस चुनाव में जेडीएस और आम आदमी पार्टी के 3 फीसदी के भी कम वोट मिले.
इससे पहले के चुनावों में अनंत कुमार ने कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद और कृष्णा बी गौड़ा जैसे नेताओं को शिकस्त थी दी लेकिन तब वोटों का अंतर इतना बड़ा नहीं रहा था. इस सीट से छठी बार जीतकर संसद पहुंचे अनंत कुमार का कद केंद्र में और बढ़ गया, वह कर्नाटक में बीजेपी के सबसे बड़े नेता माने जाते थे. उन्हें मोदी सरकार का संकटमोचक कहा जाने लगा क्योंकि सभी दलों में उनकी पैंठ थी और वे फ्लोज मैनेजमेंट में माहिर थे. यही वजह रही कि उन्हें संसदीय कार्य मंत्री जैसा अहम पद सौंपा गया था.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट से बीजेपी के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार सांसद थे. अनंत कुमार साल 1996 से लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. छात्र राजनीति से शुरू हुआ उनका सियासी सफर केंद्र में मंत्री बनकर खत्म हो गया. इस बीच उन्होंने करीब दर्जनभर मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. वो वाजपेयी सरकार में खेल मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे. हालांकि उन्होंने कभी कर्नाटक की राजनीतिक में सक्रियता नहीं दिखाई, वे कर्नाटक में रहकर भी दिल्ली में पार्टी के हाथ मजबूत करने में लगे रहे.
बीते साल 12 नंवबर को 59 साल की उम्र में अनंत कुमार का निधन हो गया, वह कैंसर से पीड़ित थे. कुमार अपने पीछे 2 बेटियां छोड़ गए हैं. साल 2014 के हलफनामे के मुताबिक उनके पास करीब 4.5 करोड़ की संपत्ति है और उनका कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. कुमार ने हुबली के लॉ कॉलेज से कानून की शिक्षा हासिल की थी. उन्होंने सांसद निधि के तहत आवंटित कुल 12.50 करोड़ रुपये का 8 फीसदी अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए खर्च किया है.
अनुग्रह मिश्र