गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हिंसा के बीच 69% वोटिंग, 23 मई की मतगणना के बाद आएंगे परिणाम

पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर 19 मई को अंतिम चरण में वोटिंग हुई. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के मतदान का समापन हो गया. अब  23 मई को वोटों की गिनती होगी और चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे.

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गुरुदासपुर लोकसभा सीट पर वोटिंग गुरुदासपुर लोकसभा सीट पर वोटिंग

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2019,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर 19 मई को आखिरी चरण में वोट डाले गए. इस बार यहां 69.36 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. इससे पहले साल 2014 में गुरदासपुर लोकसभा सीट पर कुल 69.76 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि 2009 के चुनाव में 71.34 फीसदी वोट दर्ज किए गए थे. पिछले दो बार के लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार वोटिंग प्रतिशत में मामूली गिरावट दर्ज की गई.

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19 मई की वोटिंग के साथ ही लोकसभा चुनाव के मतदान खत्म हो गए. अब सभी लोगों को 23 मई की तारीख का बेसब्री से इंतजार है. इस दिन सभी लोकसभा सीटों पर एक साथ वोटों की गिनती होगी और चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. 19 मई को सातवें चरण की वोटिंग के दौरान चुनाव आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. पोलिंग बूथ और आसपास के इलाकों में भारी संख्या में  सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी.

इस दौरान पोलिंग बूथों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं. गुरदासपुर लोकसभा सीट पिछले दो दशक से हाईप्रोफाइल सीट रही है. इस बार बीजेपी ने यहां से अभिनेता सनी देओल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने मौजूदा सांसद सुनील जाखड़ पर दांव लगाया है.

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वहीं, आम आदमी पार्टी ने गुरदासपुर लोकसभा सीट से क्रिश्चियन कार्ड खेलते हुए पीटर मसीह चीड़ा को उम्मीदवार बनाया है. यहां से इस बार कुल 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 19 मई की वोटिंग के दौरान गुरुदासपुर लोकसभा सीट के कोट मोहनलाल इलाके में हिंसा भी देखने को मिली. यहां कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. इस हिंसा में 4 लोग जख्मी हो गए.

19 मई की वोटिंग के दौरान अभिनेता सनी देओल भी गुरदासपुर पहुंचे. भारतीय जनता पार्टी ने उनको इस बार गुरदासपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. राजनीतिक नजरिये से गुरदासपुर का पंजाब की राजनीति में अहम योगदान है. खासकर लोकसभा चुनाव में हाईप्रोफाइल उम्मीदवार की एंट्री से इस शहर का माहौल बदल जाता है.

फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन इससे पहले लगातार इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा था. अब एक बार फिर बीजेपी यहां सक्रिय है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले रैली का आगाज गुरदासपुर से किया था.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

पंजाब के गुरदासपुर सीट पर साल 2017 में हुए उपचुनाव में जीत से कांग्रेस का हौसला बुलंद है. इससे पहले करीब दो दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था. हालांकि साल 2017 में यहां के सांसद विनोद खन्ना का निधन हो गया था, जिसके बाद उपचुनाव कराए गए थे, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार ने रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल की थी.

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उपचुनाव में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी के सवर्ण सिंह सलारिया को 1 लाख 93 हजार 219 मतों के अंतर से पराजित किया था. जाखड़ को कुल 4 लाख 99 हजार 752 वोट मिले थे, जबकि सलारिया को 3 लाख 06 हजार 533 वोटों से संतोष करना पड़ा था. वहीं आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) खजूरिया 23 हजार 579 मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

जाखड़ ने 1 लाख 93 हजार 219 वोटों के अंतर से जीत हासिल कर आजादी के बाद इस सीट पर अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया था. साल 1952 से लेकर 2017 तक हुए लोकसभा चुनाव में इससे पहले बड़ी जीत कांग्रेस की ही सुखबंस कौर भिंडर के नाम था. भिंडर ने 1980 में जीएनपी उम्मीदवार पीएन लेखी को 1 लाख 51 हजार 739 वोटों से हराया था. कांग्रेस की भिंडर यहां से लगातार 5 बार 1980, 1985, 1989, 1992 और 1996 में सांसद चुनी गई थीं.

सामाजिक ताना-बाना

गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में 9 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इसके अलावा एक-एक सीट पर अकाली दल और बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.

2014 का जनादेश

गुरदासपुर लोकसभा सीट से विनोद खन्ना 1998, 1999, 2004 और 2014 में जीत दर्ज की थी और संसद पहुंचे थे. विनोद खन्ना 1998 में पहली बार गुरदासपुर सीट से सांसद बने और लगातार तीन चुनाव जीते. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से उन्हें हार मिली थी. साल 2014 में एक बार फिर विनोद खन्ना जीते. साल 2014 में विनोद खन्ना ने 1 लाख 36 हजार 65 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी.

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खन्ना को कुल 4 लाख 82 हजार 255 वोट मिला था, जबकि कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा को 3 लाख 46 हजार 190 वोट मिले थे. वहीं AAP के सुचा सिंह छोटेपुर को 1,73,376 वोट पड़ा था. लेकिन 27 अप्रैल 2017 को खन्ना का निधन हो गया था.

इससे पहले 2009 में गुरदासपुर से कांग्रेस जीती थी. प्रताप सिंह बाजवा 8 हजार 342 वोटों से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में विनोद खन्ना कुल 4 लाख 39 हजार 652 वोट मिले थे, जबकि बाजवा को 4 लाख 47 हजार 994 वोट पड़े थे. 1952 से अबतक गुरदासपुर लोकसभा सीट पर 13 बार कांग्रेस और 4 बीजेपी ने जीत हासिल की है. हालांकि बीजेपी को चारों बार विनोद खन्ना ने जीत दिलाई थी.

गुरदारपुर का इतिहास

गुरदासपुर का नाम महंत गुरिया दास जी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इस शहर की 17वीं सदी में स्थापना की थी. गुरदासपुर शहर रावी और सतलज नदियों के बीच में बसा है. शहर के अधिकतर हिस्सों में पंजाबी बोली जाती है. इस शहर का मुख्य आकर्षण केंद्र डेरा बाबा नायक, गुरदार नंगल और महाकालेश्वर मंदिर हैं. गुरदासपुर में हर साल सिखों को प्रथम गुरु 'गुरु नानक' जी का विवाह समारोह का आयोजन किया जाता है.

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