डिंपल यादव ने बताई मंच पर मायावती के पैर छूने के पीछे की कहानी

सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने बताया कि मंच पर मायावती के पैर छूने में हैरान होने जैसा कुछ नहीं है. वहीं अखिलेश ने कहा कि भारतीय परंपरा भी सिखाती है कि बड़ों के पैरे छुकर आशीर्वाद लेना चाहिए.

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आजतक पर अखिलेश-डिंपल का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू आजतक पर अखिलेश-डिंपल का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2019,
  • अपडेटेड 7:02 AM IST

सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने बताया कि मंच पर मायावती के पैर छूने में हैरान होने जैसा कुछ नहीं है. वहीं अखिलेश ने कहा कि भारतीय परंपरा भी सिखाती है कि बड़ों के पैरे छू कर आशीर्वाद लेना चाहिए. 'आजतक' की पांच एंकर्स ने अखिलेश और डिंपल का ये खास इंटरव्यू लिया है.

डिंपल यादव ने कहा कि मायावती के पैर छू कर आशीर्वाद लेने में हैरान होने वाली कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम लोग मंच के पीछे मिल चुके थे, लेकिन मंच पर चूंकि मेरे और उनके भाषण हुए तो मैंने पैर छुए.'

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Exclusive इंटरव्यू में अखिलेश बोले- मैं जातिवादी नहीं हूं, डिंपल से शादी सबसे बड़ा उदाहरण

अखिलेश यादव ने कहा कि डिंपल ने मायावती का इसलिए सम्मान किया, क्योंकि मायावती ने डिंपल को बहू कहा और कहा कि ये मेरी बहू की तरह है तो डिंपल ने पैर छुए तो उन्होंने आशीर्वाद ही दिया. अखिलेश की मानें तो भारतीय संस्कृति में बहू बड़ों को ऐसे ही सम्मान देती हैं.

इसके साथ ही अखिलेश ने कहा कि उन्होंने कभी जातिवाद की राजनीति नहीं की है. अखिलेश की मानें तो वो जात-पात पर विश्वास नहीं करते, इसका सबसे बड़ा उदाहरण उनकी पत्नी डिंपल यादव हैं.

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अखिलेश यादव का कहना है कि जात-पात पर उन्हें न तो कभी विश्वास था और न रहेगा. उन्होंने कहा कि इसका बड़ा सबूत उनकी शादी है. डिंपल दूसरी जाति से हैं और वो दूसरी जाति से हैं. लेकिन जात-पात की दीवार को तोड़ते हुए दोनों ने शादी की. अखिलेश ने कहा, 'मैं जातिवादी नहीं हूं.'

'आजतक' से खास बातचीत में अखिलेश ने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए उन्होंने आगे बढ़कर बीएसपी से गठबंधन किया है. गठबंधन के बाद से ही बीजेपी परेशान है. अखिलेश ने दावा किया कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए यह गठबंधन सक्षम है, इसलिए अब बीजेपी जाति-धर्म की बात को उछाल रही है. लेकिन जनता होशियार है और इस बार उनकी यह रणनीति काम नहीं आने वाली है.

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अखिलेश से पूछा गया कि अगर आप जातिवाद की राजनीति नहीं करते हैं तो आपको यादव रेजिमेंट बनाने की क्यों जरूरत पड़ गई? इसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि एक बार वो गुजरात गए थे और वहां पर अहीर समुदाय के लोगों से उनकी मुलाकात हुई. जहां पर लोगों ने उनसे एक अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग रखी. अखिलेश की मानें तो वो एक अहीर रेजिमेंट के साथ-साथ गुजरात रेजिमेंट भी बनाना चाहते हैं.

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