जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर एयर स्ट्राइक की और आंतकी ठिकाने को ध्वस्त किया. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आजतक के विशेष मंच 'सुरक्षा सभा' में शामिल हुए और इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. इस दौरान जेटली ने कहा कि एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को साफ संदेश गया है कि आंतकवाद फैलाने की कीमत उसे महंगी चुकानी पड़ेगी.
जेटली ने कहा कि अब हमारी नीति साफ है कि घर में बैठककर इस आतंक से लड़ेंगे. आतंकवाद की जड़ में जाकर उनके आतंक को कुचलने की कोशिश की है, यह बदलाव आया है. इसमें हमारे सुरक्षबल सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने की हमारी परंपरागत तैयारी थी. हमने आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की. अब आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश स्पष्ट है.
अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा में खैबर पख्तूनख्वा में जाकर सटीक प्रहार किया और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया. उन्होंने कहा कि इस हमले से हमने वो अवधारणा तोड़ दी जिसमें कहा जाता था कि भारत नियंत्रण रेखा की पवित्रता बरकरार रखेगा, क्योंकि हमारी कार्रवाई के बाद दुनिया के किसी भी राष्ट्र ने हमारी आलोचना नहीं की.
जेटली ने कहा कि इसकी वजह ये थी कि हमने ऐहतियातन हमले किए जिसमें निर्दोष लोगों या पाकिस्तान की सेना को निशाना नहीं बनाया. हमने सिर्फ वहां के आतंकी कैंपों को निशाना बनाया. ये पाकिस्तान के ऊपर है कि वो माने या न मानें.
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ' जब हमने स्ट्राइक किया तो हमने दुनिया को बताया नहीं. दुनिया को पहली सूचना सुबह के 4 बजकर 45 मिनट पर उनकी फौज ने दी. पाकिस्तान की सरकार की बजाय सेना का एयर स्ट्राइक पर बात रखने के दो कारण थे. ये स्पष्ट है कि वहां की वहां की सरकार को सेना चला रही है. इसके अलावा दूसरा कारण ये है कि पाकिस्तान सेना ने जो हौवा अपने देश में बना रखा है कि उनकी सीमा बहुत मजबूत है. लेकिन इन घटनाओं के सच से उनकी यह छवि पूरी तरह दरक जाती है. यही वजह कि वह सारी सच्चाई जनता से छुपा रही है.
अरुण जेटली ने कहा अगर पाकिस्तान स्वीकार कर लेता कि यह घटना हुई है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय कई तरह के सवाल करता. जैसे बालाकोट में क्या हो रहा था? कौन मारा गया? तो पाकिस्तान क्या जवाब देता कि हमारे यहां जैश-ए- मोहम्मद के आतंक के कैंप चल रहे थे और एयर मिसाइल से हमला किया गया है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के सामने क्या जवाब देता. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का अलग दबाव है. यदि पाकिस्तान स्वीकार कर लेता तो उसके ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा था. लिहाजा, पाकिस्तान के लिए मार खाना और उसको पी जाना सरल था.
कुबूल अहमद