आजमगढ़ सीट से चुनावी दंगल में ताल ठोंक सकते हैं अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के पूर्वांचल की आजमगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की कयास लगाए जा रहे हैं. इस सीट से मुलायम सिंह यादव सांसद हैं, लेकिन इस बार वो आजमगढ़ की जगह मैनपुरी से लड़ने की बात कह चुके हैं.

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अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 21 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:40 AM IST

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन का ऐलान हो चुका है. दोनों पार्टियों में सीट को लेकर भी सहमति बन गई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा जोरों पर है. माना जा रहा है कि पूर्वांचल की यादव-मुस्लिम बहुल आजमगढ़ लोकसभा सीट पर इस बार मुलायम सिंह यादव की जगह उनके बेटे अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं.

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आजमगढ़ संसदीय सीट से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की स्थानीय स्तर पर संभावनाएं न सिर्फ टटोली गई हैं बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं ने भी सपा अध्यक्ष को चुनाव लड़ने का न्योता दिया है. सपा-बसपा गठबंधन के बाद सपा के लिए ये सीट काफी सुरक्षित मानी जा रही है.

हालांकि अखिलेश के आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ने को लेकर सार्वजनिक रूप से सपा में कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन अंदर खाने में पार्टी इसे लेकर गंभीरता के साथ मंथन कर रही है. सूत्रों के मुताबिक अगर अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो पूर्वांचल की कई लोकसभा सीटों पर इसका असर होगा. ऐसे में उनकी पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से फिर चुनाव लड़ सकती हैं.

बता दें कि अखिलेश यादव पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि डिंपल इस बार कन्नौज से चुनाव नहीं लड़ेंगी. इस बार कन्नौज से अखिलेश के चुनावी मैदान में उतरने की बात कही जा रही थी. सपा-बसपा गठबंधन बन जाने के बाद अब आजमगढ़ की सीट सपा के लिए सबसे सुरक्षित और अखिलेश यादव के लिए सबसे मुफीद सीट मानी जा रही है.

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वहीं, इस सीट से सांसद मुलायम सिंह यादव ने पहले ही आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया है. इस बार वो अपनी परंपरागत सीट मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे. मैनपुरी सीट के तहत ही उनका पैतृक गांव सैफाई आता है. इस तरह आजमगढ़ सीट से अखिलेश के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा तेज हो गई है.

अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से अभी तक आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ने को लेकर कोई इशारा नहीं किया है. लेकिन पार्टी के भीतर अखिलेश की उम्मीदवारी को लेकर मंथन किया जा रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल की वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे और अखिलेश आजमगढ़ से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. इस तरह से पूर्वांचल का सियासी मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.

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