कर्नाटक में चुनावी दंगल शुरू हो चुका है और इसी के साथ जारी है मतदाताओं को लुभाने के लिए की जा रही नूरा कुश्ती भी. राजनीतिक पार्टियां जहां, राज्य के अलग-अलग मुद्दों पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं तो वहीं दूसरी ओर मतदाताओं का सबसे बड़ा वर्ग जो कि युवाओं का है, उसे क्या मिल रहा, उसके मुद्दे क्या हैं और राजनीतिक दल उन्हें किस तरह लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, इंडिया टुडे कर्नाटक राउंड टेबल 2023 में इन्हीं मुद्दों पर बात की.
युवाओं के लिए पार्टियों के पास क्या?
कांग्रेस और बीजेपी के लीडर्स के एक पैनल ने शनिवार को राज्य के युवाओं की समस्याओं को सामने रखा और ये जानने की कोशिश की कि पार्टियों के पास क्या अवसर और समाधान हैं. पैनल में भाजपा नेता भास्कर राव और तेजस्विनी गौड़ा और कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी शामिल थे. भास्कर राव ने कहा, "हमारी पार्टी युवाओं के लिए जगह बना रही है और उन्हें अवसर लेने के लिए कह रही है."बीजेपी ने इस बार 72 नए चेहरों को मैदान में उतारा है."
'नए चेहरों में दिख रहा पॉलिटिकल नेपोटिज्म'
इसके जवाब में, कांग्रेस नेता सौम्या रेड्डी ने कहा, "जिन्हें मैदान में उतारा गया है, वे वंशवाद को आगे बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों में 30 से अधिक राजनेताओं के रिश्तेदार हैं." उन्होंने कहा, "इसके बजाय कांग्रेस के पास कई युवा चेहरे हैं." इसके साथ ही, भाजपा नेता तेजस्विनी गौड़ा ने आज के युवाओं और उनके लिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों में उपलब्ध अवसरों के बारे में भी बात की.
'चुनावी सुधार बेहद जरूरी'
उन्होंने कहा कि, “कोई भी युवाओं से अलग नहीं हो सकता क्योंकि आज भारत का 70 प्रतिशत 15-64 वर्ष आयु वर्ग में है. तकनीकि के क्षेत्र में क्रांति के कारण युवा अपने आसपास हो रही घटनाओं और बदलावों के प्रति जागरूक हैं. वे न्याय करेंगे और सही-गलत पर प्रतिक्रिया देंगे. उनकी अपनी प्राथमिकताएं होती हैं और वे अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा तलाशना चाहते हैं, लेकिन जहां तक राष्ट्रीय पार्टियों और क्षेत्रीय पार्टियों के लिए युवाओं को मौके देने और पाने का सवाल है, मुझे लगता है कि इसके लिए हमें चुनावी सुधारों की जरूरत पर बहस करनी होगी. चुनाव बहुत भ्रष्ट हो गए हैं, पैसा टिकट पाने के लिए पहला मापदंड निभाता है.
बीजेपी ने शुरू की हैं कई योजनाएं
इसी क्रम में एक सवाल आया कि युवा क्या चाहता है, कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी ने कहा, "अच्छी शिक्षा, सुविधाएं, विकास, नौकरी, कोई ध्रुवीकरण नहीं- यही युवा चाहते हैं." भाजपा प्रत्याशी भास्कर राव ने अपनी पार्टी की विभिन्न योजनाओं के बारे में बात की जिनका उद्देश्य युवाओं का विकास करना है. उन्होंने कह कि बीजेपी ने युवाओं के व्यक्तित्व के विकास पर जोर दिया है. इसने भारत योजना, खेलो इंडिया योजना, एक स्टार्ट-अप योजना, अग्निपथ योजना, आदि की शुरुआत की है.
'पांच सालों में नहीं लगे जॉब फेयर'
इस पर कांग्रेस नेता सौम्या रेड्डी ने भी कहा कि उनकी पार्टी का चुनावी घोषणापत्र नौकरियों पर जोर देने वाला है. “हम दूसरी जगहों पर कंपनियों के पीछा नहीं भाग रहे हैं, हम राज्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने जा रहे हैं. सौम्या रेड्डी ने कहा, बेंगलुरु और पूरे कर्नाटक में कानून और व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है और आज का युवा की तरह के अवैध गतिविधियों में शामिल हो रहा है. “पिछली कांग्रेस सरकार के तहत, हमने सुनिश्चित किया कि राज्य भर में जॉब फेयर और नौकरी के अवसर हों, लेकिन पिछले पांच वर्षों में, सरकार की ओर से एक भी जॉब फेयर नहीं आयोजित कराया गया है. पुलिस में सेवा देकर नेता बने भास्कर राव ने तर्क दिया, “गरीबी अपराध का सबसे बड़ा कारण है. यदि आप गरीबी से निपटते हैं, तो अपराध कम होगा.'
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