कौन हैं शर्मा जी? जिनकी बस में ले जाए गए कांग्रेस-जेडीएस विधायक

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस को अपने विधायकों की सुरक्षा का खतरा मंडराने लगा है. दोनों पार्टियों विधायकों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए पहले चार्टेड प्लेन की तलाश की लेकिन जब व्यवस्था नहीं हो पाई तो ऐसी हालत में अपने करीबी नेता की बसों का सहारा लिया गया.

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इसी बस से कांग्रेस के विधायक हैदराबाद ले जाया गया इसी बस से कांग्रेस के विधायक हैदराबाद ले जाया गया

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

कर्नाटक में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और आज सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन के बजाए कल ही यानी शनिवार को बहुमत साबित करने की डेडलाइन तय कर दी है. बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 8 अतिरिक्त विधायकों की जरूरत है. ऐसे में कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को बीजेपी के खेमे जाने से बचाने में जुटे हैं.

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कर्नाटक के राजनीतिक हालात को देखते हुए कोई भी दल रिस्क नहीं लेना चाहता. बीजेपी बहुमत के लिए विधायकों को अपने साथ मिलाने की कोशिश में लगी है. इस समय एक-एक विधायक पर कांग्रेस ने पहरा लगा रखा है. क्योंकि किसी भी विधायक के गायब होने से कर्नाटक की तस्वीर बदल सकती है.

येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस को अपने विधायकों की सुरक्षा का खतरा मंडराने लगा है. दोनों पार्टियों ने विधायकों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए पहले चार्टर्ड प्लेन की तलाश की लेकिन जब व्यवस्था नहीं हो पाई तो ऐसी हालत में अपने करीबी नेता की बसों का सहारा लिया गया. कांग्रेस ने इसके लिए अपने वफादार ट्रांसपोर्टर डीपी शर्मा बस सर्विसेज पर ही विश्वास जताया. कांग्रेस और जेडीएस ने शर्मा बस सर्विसेज की बसों से अपने विधायकों को हैदराबाद पहुंचाया.

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दक्षिण भारत की प्रमुख है शर्मा बस सर्विस

दक्षिण भारत शर्मा ट्रांसपोर्ट्स काफी प्रमुख है. शर्मा ट्रांसपोर्ट्स की बसें कई शहरों में चलती हैं. कांग्रेस के विधायकों को बचाने वाली शर्मा ट्रांसपोर्ट कंपनी को राजस्थान से आए धनराज शर्मा ने शुरू किया था. मौजूदा समय में उनके बेटे सुनील कुमार शर्मा चलाते हैं. ये बस सर्विसेज बेंगलुरु से मुंबई, पुणे, अहमादाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, गोवा के बीच चलती है.

शर्मा बस सर्विस का कांग्रेस कनेक्शन

बता दें कि धनराज शर्मा 1980 से दक्षिण की राजनीति में सक्रिय थे. पहले उन्होंने रियल स्टेल का व्यापार शुरू किया था. इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई. धनराज शर्मा ने 1998 में कांग्रेस टिकट पर साउथ बैंगलोर की लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन वो जीत नहीं सके थे. बीजेपी के अनंत कुमार ने उन्हें मात दी थी.

शर्मा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के करीबी भी बताए जाते हैं. धनराज शर्मा का 2001 में निधन हो गया. मौजूदा समय में शर्मा ट्रांसपोर्ट को सुनील शर्मा संभाल रहे हैं.

क्या है अभी दलगत स्थिति?

कर्नाटक विधानसभा में 222 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं. यानी बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी. बीजेपी के 104 विधायक जीतकर आए हैं. जेडीएस के 37 और कांग्रेस के 78 विधायक और 3 अन्य जीत कर आए हैं. यानी बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी को अभी भी 8 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. लेकिन जेडीएस के कुमारस्वामी दो सीटों से जीतकर विधायक बने हैं. ऐसे में उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना पड़ेगा. तो फिर 221 सीट के लिहाज से बीजेपी को 111 सीटों की जरूरत पड़ेगी बहुमत साबित करने के लिए .

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