हिमाचल प्रदेश Exit Poll: क्या ओल्ड पेंशन स्कीम और अग्निवीर विवाद ने BJP को दिया झटका?

आजतक एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश ने एक बार फिर से अपना ट्रेंड कायम रखा है और 5 साल बाद बीजेपी को सत्ता से बाहर करने वाली है. लेकिन बीजेपी की इस संभावित हार में 2 हिमाचल की जनता के 2 बड़े असंतोष छिपे हैं.

Advertisement
अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती के लिए तैयारी करते युवा (फाइल फोटो-पीटीआई) अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती के लिए तैयारी करते युवा (फाइल फोटो-पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:36 PM IST

हिमाचल प्रदेश में रिवाज नहीं बदलता दिख रहा है. आजतक एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के अनुसार 5 साल बाद हिमाचल के लोग एक बार फिर से सत्ताधारी दल को चलता करने का अपना रिवाज निभाते दिख रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश की सत्ता से बीजेपी की विदाई होने वाली है और कांग्रेस 5 साल बाद एक बार फिर से इस राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है. 

Advertisement

एग्जिट पोल के अनुसार 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में में बीजेपी को 24-34 सीटें मिलती दिख रही हैं. कांग्रेस को 30-40 सीटें मिलने के संकेत हैं. अन्य को 4-8 सीटें मिलने का अनुमान है. यहां सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की जरूरत होती है. 

दो मुद्दों ने बीजेपी को दिया झटका

इस बार हिमाचल प्रदेश के चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम और सेना में भर्ती के लिए केंद्र द्वारा लाई गई अग्निवीर स्कीम जोरदार मुद्दा बनी.  ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग को लेकर तो सरकारी कर्मचारी नवंबर में भूख हड़ताल पर बैठे थे. बता दें कि राज्य में करीब 4 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, यहां बड़ी संख्या में पेंशनधारी भी हैं. ओल्ड पेंशन स्कीम पूरे चुनाव में मुद्दा बना रहा. चुनाव से पहले कई राज्यों में प्रदर्शन हुए.  कांग्रेस ने चुनाव में वादा किया था कि अगर राज्य में उसकी सरकार बनती है तो वो पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करेगी. 

Advertisement

Exit Poll: हिमाचल का मिजाज- 'नहीं बदलेगा रिवाज', अबकी बार कांग्रेस का राज 

NPS को लेकर राज्य में असंतोष

ओल्ड पेंशन स्कीम पर बात को बिगड़ता देख सीएम जयराम ठाकुर ने एक कमेटी की गठन की घोषणा की थी, लेकिन ऐन मौके पर किया गया ये वादा मतदाताओं का भरोसा नहीं जीत सका. 

राज्य में अब लोगों के लिए पेंशन स्कीम के तहत एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) लेकर आई है. लेकिन इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम काफी कम है. इसे लेकर राज्य के लोगों में असंतोष देख गया. लोगों को मानना है कि महंगाई तेजी से बढ़ रही है और एनपीएस के तहत मिलने वाला पेंशन काफी कम है, इसलिए लोग अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं.

धूमल भी दिखे थे ओपीएस के सपोर्ट में

ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा इतना जोर पकड़ा कि राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता प्रेम कुमार धूमल ने भी पुराने पेंशन स्कीम की पैरवी की थी. उन्होंने कहा था कि सारी उम्र देश और प्रदेश की सेवा करने वाले सरकारी कर्मचारियों को सम्मानजनक पेंशन मिलनी ही चाहिए. 

अग्निवीर स्कीम बीजेपी के लिए कर गया बैकफायर

हिमाचल चुनाव में एक और बड़ा मुद्दा बना सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निवीर स्कीम. उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने आजतक से बातचीत में कहा कि बीजेपी ने हिमाचल के बेरोजगारों के साथ बुरा किया. उन्होंने कहा कि एक तो यहां बड़ी संख्या बेरोजगारी थी दूसरे सरकार अग्निवीर योजना ले आई इससे हिमाचली सेंटिमेंट पर भारी चोट पहुंचीं. बता दें कि हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती के लिए जाते हैं. अग्निवीर योजना की वजह से 4 साल की नौकरी के बाद युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए. 

Advertisement

हरीश रावत ने कहा कि इस फैसले के बाद एक्स सर्विसमैन जो पहले बीजेपी के साथ खड़ा था वो एक बार फिर से लौटकर कांग्रेस के साथ आ गया. हरीश रावत ने कहा कि जब बेरोजगारी के बीच अग्निवीर योजना आई तो इससे पीएम की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा. इस योजना से हिमाचल और हिमालयी क्षेत्र के लोगों को लगा कि ये स्कीम उनके खिलाफ है. और उन्होंने बीजेपी के खिलाफ वोट दिया. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement